सांचौर जिला पुनर्बहाली की मांग: नर्मदा नहर में कूदे तीन बुजुर्ग, SDRF ने बचाया
सांचौर को जिला बनाने की मांग को लेकर जिला बचाओ संघर्ष समिति ने प्रदर्शन किया। तीन बुजुर्ग नर्मदा नहर में कूद गए, जिन्हें SDRF ने बचा लिया। पूर्व राज्यमंत्री सुखराम बिश्नोई के नेतृत्व में प्रदर्शनकारी मुख्यमंत्री को ज्ञापन देने जा रहे थे, लेकिन STF ने रोका। प्रशासन की वार्ता असफल रही। आंदोलनकारी सांचौर को जिला बनाए रखने की मांग कर रहे हैं, क्योंकि इसे निरस्त करना जनता के साथ अन्याय है।

सांचौर को पुनः जिला बनाने की मांग को लेकर सांचौर जिला बचाओ संघर्ष समिति ने बुधवार को प्रदर्शन किया। इस दौरान तीन बुजुर्ग—सुरजनराम बिश्नोई, भूपसिंह राठौड़ (रणोदर), और छगनलाल मेघवाल (टांपी)—नर्मदा नहर की मुख्य कैनाल में कूद गए। मौके पर तैनात SDRF की टीम ने 10 मिनट के भीतर उन्हें सुरक्षित बाहर निकाल लिया।
घटना का विवरण
प्रदर्शन के दौरान संघर्ष समिति के पदाधिकारी, पूर्व राज्यमंत्री सुखराम बिश्नोई के नेतृत्व में, सांचौर के सीलू गांव में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा के कार्यक्रम में ज्ञापन सौंपने जा रहे थे। नर्मदा नहर की मुख्य कैनाल पर तैनात स्पेशल टास्क फोर्स (STF) ने उन्हें रोक दिया। इससे नाराज होकर तीनों बुजुर्ग नहर में कूद गए। SDRF की टीम ने तुरंत कार्रवाई की, लेकिन बुजुर्गों ने शुरू में बाहर आने से इनकार कर दिया और पानी में ही रहने की जिद की। समझाइश के बाद उन्हें सुरक्षित निकाला गया।
प्रदर्शनकारियों का रुख
सुरजनराम बिश्नोई ने कहा, "कांग्रेस सरकार ने सांचौर को जिला घोषित किया था, लेकिन भाजपा सरकार ने इसे निरस्त कर जनता के साथ अन्याय किया। हम शांतिपूर्वक ज्ञापन देने जा रहे थे, लेकिन प्रशासन ने हमें रोका, इसलिए नहर में कूदना पड़ा।" भूपसिंह राठौड़ और छगनलाल मेघवाल ने भी कहा कि सांचौर जिला जनता का हक है और इसे छीनने के खिलाफ उनका विरोध जारी रहेगा।
पूर्व राज्यमंत्री सुखराम बिश्नोई ने प्रशासन पर शांतिपूर्वक ज्ञापन देने से रोकने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा, "यह जनता की आवाज दबाने की कोशिश है। हमारा आंदोलन तब तक जारी रहेगा जब तक सांचौर को जिला नहीं बनाया जाता।"
प्रशासन की प्रतिक्रिया
जालोर एसपी ज्ञानचंद्र यादव और सांचौर एडीएम दौलतराम चौधरी मौके पर पहुंचे और प्रदर्शनकारियों से वार्ता की। प्रशासन ने सात लोगों की कमेटी के माध्यम से ज्ञापन सौंपने का प्रस्ताव दिया, लेकिन प्रदर्शनकारी सहमत नहीं हुए। एसपी यादव ने बताया, "विरोध प्रदर्शन की संभावना को देखते हुए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए थे। नहर में कूदने की सूचना मिलते ही SDRF ने तुरंत तीनों को सुरक्षित निकाल लिया। कोई बड़ा हादसा नहीं हुआ।"
सांचौर जिला, जिसे 7 अगस्त 2023 को कांग्रेस सरकार ने गठित किया था, को भाजपा सरकार ने 16 महीने बाद दिसंबर 2024 में निरस्त कर दिया। इसके बाद से सांचौर जिला बचाओ संघर्ष समिति, सुखराम बिश्नोई के नेतृत्व में, धरना, अनशन, और प्रदर्शन कर रही है। समिति का कहना है कि सांचौर, जालोर से 145 किमी और अंतिम गांव आकोड़िया रणखार से 250 किमी दूर है, जिसके कारण जिला मुख्यालय की दूरी आम जनता के लिए परेशानी का सबब थी। जिला बनने से प्रशासनिक कार्यों में सुविधा हुई थी, लेकिन इसे निरस्त करना जनहित के खिलाफ है।
आंदोलन की स्थिति
संघर्ष समिति का धरना 18 जून 2025 तक 88 दिनों से अधिक समय से जारी है। समिति ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की है और हर महीने महापड़ाव आयोजित करने की घोषणा की है। ग्रामीणों का कहना है कि सांचौर की भौगोलिक स्थिति, जनसंख्या, और नर्मदा नहर जैसे विकास परियोजनाओं के कारण इसे जिला बनाए रखना जरूरी है।