राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने राफेल की सवारी कर रचा इतिहास आसमान में उड़कर दिखाई साहस की नई मिसाल.
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने 29 अक्टूबर 2025 को अंबाला वायुसेना स्टेशन से राफेल लड़ाकू विमान में 30 मिनट की उड़ान भरी। फाइटर सूट पहनकर उन्होंने सुपरसोनिक स्पीड, हाई-जी टर्न और मॉक कॉम्बैट का अनुभव लिया। वे राफेल उड़ाने वाली पहली राष्ट्रपति और फाइटर जेट में उड़ान भरने वाली दूसरी महिला राष्ट्रपति बनीं। इससे पहले 2023 में सुखोई-30 में उड़ान भर चुकी हैं। उड़ान से वायुसेना का मनोबल बढ़ा और भारत की रक्षा ताकत का प्रदर्शन हुआ।
भारत की राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने एक बार फिर साहस और नेतृत्व की अनुपम छवि पेश की है। बुधवार सुबह हरियाणा के अंबाला वायुसेना स्टेशन से उन्होंने फ्रांस निर्मित राफेल लड़ाकू विमान में उड़ान भरी और नया रिकॉर्ड कायम किया। यह उड़ान करीब 30 मिनट तक चली, जिसमें राष्ट्रपति ने फाइटर पायलट की तरह विशेष सूट पहना और विमान की गति व क्षमताओं का प्रत्यक्ष अनुभव लिया। इस दौरान वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल एपी सिंह समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे। यह घटना न सिर्फ राष्ट्रपति के साहसी व्यक्तित्व को उजागर करती है, बल्कि भारतीय वायुसेना की बढ़ती ताकत और 'आत्मनिर्भर भारत' की दिशा में मजबूत कदमों को दुनिया के सामने रखती है।यह कोई पहली बार नहीं है जब राष्ट्रपति मुर्मू ने लड़ाकू विमान की सवारी की हो।
इससे पहले 8 अप्रैल 2023 को असम के तेजपुर वायुसेना स्टेशन से सुखोई-30 एमकेआई में उड़ान भरकर वे लड़ाकू जेट उड़ाने वाली तीसरी राष्ट्रपति और दूसरी महिला राष्ट्राध्यक्ष बन चुकी हैं। उनसे पहले पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम और प्रतिभा पाटिल ने भी सुखोई-30 में उड़ान का अनुभव लिया था। इस बार राफेल में उड़ान भरकर राष्ट्रपति मुर्मू ने खुद को फाइटर जेट की सवारी करने वाली दूसरी महिला राष्ट्रपति के रूप में स्थापित कर लिया है।राफेल लड़ाकू विमान की बात करें तो यह फ्रांसीसी कंपनी डसॉल्ट एविएशन का बनाया हुआ बहुउद्देशीय जेट है, जो भारतीय वायुसेना में सितंबर 2020 से औपचारिक रूप से शामिल हो चुका है।
पहला बैच 27 जुलाई 2020 को फ्रांस से भारत पहुंचा था, जिसमें पांच राफेल विमान थे। इन्हें अंबाला के 17 स्क्वाड्रन 'गोल्डन एरोज' में तैनात किया गया। राफेल की उन्नत तकनीक, सुपरसोनिक गति, लंबी रेंज और सटीक हथियार प्रणाली इसे वायुसेना का अham हिस्सा बनाती है।हाल ही में 'ऑपरेशन सिंदूर' में राफेल ने अपनी क्षमता का जोरदार प्रदर्शन किया। 7 मई को इस ऑपरेशन के तहत पाकिस्तान अधिकृत क्षेत्रों में कई आतंकी कैंपों को सटीक हमलों से ध्वस्त कर दिया गया। जेट की लंबी दूरी की मारक क्षमता और एडवांस्ड रडार सिस्टम ने ऑपरेशन को सफल बनाया, जो भारत की रक्षा तैयारियों की मजबूती का प्रमाण है। राष्ट्रपति की इस उड़ान से वायुसेना के जवानों का मनोबल भी ऊंचा हुआ है, और यह संदेश गया है कि भारत की सेनाएं किसी भी चुनौती के लिए तैयार हैं।