लॉरेंस गैंग के खिलाफ तीन जिलों में छापेमारी, आतंकी फंडिंग और हवाला नेटवर्क पर निशाना

लॉरेंस गैंग के खिलाफ बड़ी छापेमारी की, जिसमें आतंकी फंडिंग, हवाला और अवैध हथियारों की तस्करी से जुड़े 13 से ज्यादा ठिकानों पर कार्रवाई हुई। स्थानीय पुलिस ने सहयोग किया, लेकिन एनआईए का आधिकारिक बयान अभी बाकी है।

Aug 8, 2025 - 17:32
लॉरेंस गैंग के खिलाफ तीन जिलों में छापेमारी, आतंकी फंडिंग और हवाला नेटवर्क पर निशाना

राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने शुक्रवार सुबह राजस्थान के तीन जिलों—श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ और दौसा—में लॉरेंस बिश्नोई गैंग के खिलाफ बड़ी कार्रवाई की। इस ऑपरेशन में आतंकी फंडिंग, अवैध हथियारों की सप्लाई और विदेशी हवाला नेटवर्क से जुड़े मामलों की जांच को गति दी गई। एनआईए की टीमें सुबह-सुबह 13 से ज्यादा ठिकानों पर पहुंचीं, जिसके बाद पूरे इलाके में हड़कंप मच गया। स्थानीय पुलिस ने इस कार्रवाई की पुष्टि की है, हालांकि एनआईए की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।

श्रीगंगानगर में 11 ठिकानों पर छापेमारी

श्रीगंगानगर में एनआईए ने 11 इलाकों में तलाशी अभियान चलाया। इनमें अशोक नगर, पुरानी आबादी और रावला थाना क्षेत्र शामिल हैं। पुलिस अधीक्षक (एसपी) डॉ. अमृता दुहन ने बताया कि एक टीम ने रावला मंडी थाना क्षेत्र के 9 पीएसडी गांव में जेल में बंद एक आरोपी साहिल के घर पर भी सर्च किया। साहिल के परिवार से पूछताछ की गई, जिससे गैंग के नेटवर्क के बारे में अहम सुराग मिलने की उम्मीद है।

इस कार्रवाई का आधार दो बड़े मामले हैं, जो मई 2025 में दर्ज किए गए थे। पहला मामला कोतवाली थाना क्षेत्र से जुड़ा है, जहां 20 मई 2025 को देवेंद्र भांभू, सुभाष और सतनाम को गिरफ्तार किया गया था। इनके पास से 330 ग्राम हेरोइन, चार विदेशी ग्लॉक पिस्टल (ऑस्ट्रिया निर्मित, 9 एमएम) और एक जिगना पिस्टल (तुर्की निर्मित, 30 बोर) के साथ 29 कारतूस बरामद किए गए थे।

दूसरा मामला जवाहरनगर का है, जहां उसी दिन सत्यनारायण मेघवाल और साहिल गोदारा की गिरफ्तारी हुई थी। इनके पास से दो 9 एमएम पिस्टल, तीन कारतूस और 1.802 किलोग्राम हेरोइन जब्त की गई थी। दोनों मामलों में एनआईए ने जांच अपने हाथ में ली थी। एनआईए, इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) और अन्य एजेंसियों की संयुक्त पूछताछ (जेआईसी) के दौरान एक और आरोपी, राजन छजगरिया, को गिरफ्तार किया गया था।

हनुमानगढ़ और दौसा में भी गैंग पर शिकंजा

हनुमानगढ़ के संगरिया में एनआईए ने गैंग से जुड़े एक ठिकाने पर सर्च ऑपरेशन चलाया। वहीं, दौसा के महुवा थाना क्षेत्र के सांथा गांव में लॉरेंस गैंग से जुड़े शिवम की तलाश में एनआईए की एक टीम ने छापा मारा। एनआईए के डिप्टी एसपी एचए पटेल के नेतृत्व में यह कार्रवाई हुई, लेकिन शिवम मौके पर नहीं मिला। टीम ने उसके पिता हरिफल मीणा से पूछताछ की। शिवम की तलाश हवाला नेटवर्क से जुड़े एक मामले में चल रही है।

पिछले महीने भी एनआईए ने दौसा के मेहंदीपुर बालाजी कस्बे में कई धर्मशालाओं में तलाशी अभियान चलाया था। उस दौरान एक बदमाश ने पूछताछ में खुलासा किया था कि उसने मथुरा-वृंदावन और मेहंदीपुर बालाजी जैसे धार्मिक स्थलों पर फरारी काटी थी। इस बदमाश को जबरन वसूली, धमकी और हथियार तस्करी के मामले में हिरासत में लिया गया था।

राजस्थान क्यों बना गैंगस्टरों का ठिकाना?

एनआईए की शुरुआती जांच में सामने आया है कि पंजाब और हरियाणा के कई गैंगस्टर अब राजस्थान के सीमावर्ती जिलों में पनाह ले रहे हैं। खासकर श्रीगंगानगर, जो पाकिस्तान की सीमा से सटा हुआ है, आतंकी नेटवर्क और गैंगस्टरों के लिए आकर्षण का केंद्र बन रहा है। इस इलाके की भौगोलिक स्थिति इसे अवैध गतिविधियों के लिए मुफीद बनाती है।

स्थानीय पुलिस का सहयोग, मचा हड़कंप

स्थानीय पुलिस ने एनआईए की इस कार्रवाई में पूरा सहयोग किया। श्रीगंगानगर की एसपी डॉ. अमृता दुहन ने बताया कि दोनों मामलों में गिरफ्तार आरोपियों से पुलिस रिमांड के दौरान गहन पूछताछ की गई थी। इस दौरान मिले सुरागों के आधार पर एनआईए ने अपनी जांच को और तेज किया।

इस कार्रवाई के बाद श्रीगंगानगर, हनुमानगढ़ और दौसा में स्थानीय लोगों में खलबली मच गई है। लोग इस बात से चिंतित हैं कि उनके इलाके में गैंगस्टर और आतंकी नेटवर्क की मौजूदगी इतनी गहरी हो सकती है।

Yashaswani Journalist at The Khatak .