राजस्थान का गौरव: आजाद सिंह राठौड़ अमेरिका में बिखेरेंगे अपनी लेखनी का जादू

बाड़मेर के युवा नेता और लेखक आजाद सिंह राठौड़ संयुक्त राज्य अमेरिका के प्रतिष्ठित 30वें लॉस एंजिल्स टाइम्स फेस्टिवल ऑफ बुक्स में अपनी किताब "बलूचिस्तान द हाइट्स ऑफ ऑप्रेशन" के साथ हिस्सा लेंगे। यह पहला मौका है जब पश्चिमी राजस्थान से किसी शख्स को इस अंतरराष्ट्रीय साहित्यिक मंच पर आमंत्रित किया गया है। 27 अप्रैल को यूनिवर्सिटी ऑफ सदर्न कैलिफोर्निया (यूएससी) में वह बलूचिस्तान के इतिहास और संघर्ष पर चर्चा करेंगे। उनकी यह उपलब्धि राजस्थान के लिए गर्व का विषय बन गई है, और उनकी बहुमुखी प्रतिभा वैश्विक पटल पर छा रही है। इससे पहले उनकी किताब "कारगिल - द हाइट्स ऑफ ब्रेवरी" भी खूब सराही गई थी।

Apr 7, 2025 - 10:47
राजस्थान का गौरव: आजाद सिंह राठौड़ अमेरिका में बिखेरेंगे अपनी लेखनी का जादू

बाड़मेर से लॉस एंजिल्स तक का शानदार सफर

कहते हैं कि प्रतिभा किसी पहचान की मोहताज नहीं होती, और यह बात एक बार फिर साबित हुई है राजस्थान के ऊर्जावान युवा नेता और लेखक आजाद सिंह राठौड़ के जरिए। बाड़मेर का यह सितारा अब संयुक्त राज्य अमेरिका के कैलिफोर्निया में चमकने को तैयार है। जी हां, प्रदेश कांग्रेस कमेटी के सचिव आजाद सिंह राठौड़ को 30वें लॉस एंजिल्स टाइम्स फेस्टिवल ऑफ बुक्स में लेखक के रूप में आमंत्रित किया गया है। यह न सिर्फ उनके लिए, बल्कि बाड़मेर और पूरे राजस्थान के लिए एक ऐतिहासिक और गौरवमयी पल है। उनकी चर्चित किताब "बलूचिस्तान द हाइट्स ऑफ ऑप्रेशन" इस प्रतिष्ठित अंतरराष्ट्रीय मंच पर प्रदर्शित होगी, और 27 अप्रैल को लॉस एंजिल्स के यूनिवर्सिटी ऑफ सदर्न कैलिफोर्निया (यूएससी) के प्रांगण में वह अमेरिकी पाठकों से रूबरू होंगे।

एक नेता, लेखक और रणनीति के माहिर

आजाद सिंह राठौड़ कोई साधारण शख्सियत नहीं हैं। एक तरफ वह राजनीति में सक्रिय हैं, तो दूसरी ओर लेखन और रक्षा रणनीति में उनकी गहरी पैठ है। उनकी बहुमुखी प्रतिभा का लोहा अब अंतरराष्ट्रीय मंच पर भी माना जा रहा है। यह पहला मौका है जब पश्चिमी राजस्थान से किसी नेता को अमेरिका के इस मशहूर साहित्यिक उत्सव में जगह मिली है। उनकी किताब "बलूचिस्तान द हाइट्स ऑफ ऑप्रेशन" बलोच लोगों के संघर्ष, उनकी संस्कृति और दमन की कहानी को बयां करती है। यह किताब न सिर्फ एक लेखक की संवेदनशीलता को दर्शाती है, बल्कि राठौड़ की भारतीय विदेश नीति और रक्षा रणनीति में गहरी समझ को भी उजागर करती है।

कारगिल से बलूचिस्तान तक: लेखनी का जादू

यह कोई पहला मौका नहीं है जब राठौड़ ने अपनी लेखनी से सबको चौंकाया हो। उनकी पहली किताब "कारगिल - द हाइट्स ऑफ ब्रेवरी" पहले ही पाठकों और समीक्षकों का दिल जीत चुकी है। कारगिल युद्ध की वीरता को शब्दों में पिरोने के बाद अब वह बलूचिस्तान के इतिहास और संघर्ष को दुनिया के सामने ला रहे हैं। उनकी किताबें सिर्फ कहानियां नहीं, बल्कि इतिहास के उन पन्नों को जीवंत करती हैं जो अक्सर अनदेखे रह जाते हैं।

राजस्थान में खुशी की लहर

जैसे ही यह खबर बाड़मेर और राजस्थान में फैली, चारों ओर खुशी की लहर दौड़ गई। समर्थकों के बीच उत्साह चरम पर है और सोशल मीडिया से लेकर गली-मोहल्लों तक राठौड़ को बधाइयों का तांता लग गया। कोई उन्हें "बाड़मेर का गर्व" कह रहा है, तो कोई "राजस्थान का हीरा"। सचमुच, यह पल हर उस शख्स के लिए प्रेरणा है जो सपने देखने की हिम्मत रखता है।

वैश्विक मंच पर राजस्थान की धमक

27 अप्रैल को जब आजाद सिंह राठौड़ यूएससी के मंच पर अपनी किताब के गहन विषयों पर चर्चा करेंगे, तो यह सिर्फ उनकी जीत नहीं होगी। यह राजस्थान की माटी की खुशबू और यहाँ के लोगों की मेहनत का जश्न होगा। उनकी आवाज़ बलूचिस्तान के संघर्ष को तो दुनिया तक पहुंचाएगी ही, साथ ही भारत की समृ अंत में एक सवाल द्ध साहित्यिक और बौद्धिक परंपरा को भी गूंजायमान करेगी।

अंत में एक सवाल

तो क्या आप भी इस गर्व के पल का हिस्सा बनना चाहते हैं? राठौड़ की किताब पढ़िए, उनके विचारों को जानिए और देखिए कि कैसे एक छोटे से शहर का लड़का अपनी कलम से दुनिया को हिला रहा है। बाड़मेर से लॉस एंजिल्स तक का यह सफर सिर्फ आजाद सिंह राठौड़ का नहीं, बल्कि हर उस सपने देखने वाले का है जो अपनी मेहनत से इतिहास रचता है।  

Ashok Shera "द खटक" एडिटर-इन-चीफ