हैदराबाद में जन्माष्टमी जुलूस में दर्दनाक हादसा: बिजली के तारों से टकराया रथ, 5 की मौत, उत्सव में छाया मातम.
हैदराबाद के रमंतपुर में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी जुलूस के दौरान एक रथ के बिजली के तारों से टकराने से पांच लोगों की दर्दनाक मौत हो गई और चार अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। रविवार देर रात गोकुलनगर में हुआ यह हादसा भक्ति के माहौल को मातम में बदल गया। पुलिस ने जांच शुरू की, और बीआरएस नेता केटी रामा राव ने शोक व्यक्त कर सुरक्षा उपायों की मांग की।

हैदराबाद के रमंतपुर इलाके में श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के उत्सव के दौरान एक भयावह हादसे ने त्योहार की खुशियों को मातम में बदल दिया। रविवार देर रात, उप्पल पुलिस थाना क्षेत्र के अंतर्गत गोकुलनगर में एक जुलूस के दौरान भगवान कृष्ण का रथ हाई-टेंशन बिजली के तारों के संपर्क में आ गया। इस हादसे में पांच लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि चार अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए।
हादसा कैसे हुआ?
पुलिस और प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, श्रीकृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर रमंतपुर के गोकुलनगर में एक भव्य जुलूस निकाला जा रहा था। इस दौरान भगवान कृष्ण का रथ, जिसे स्थानीय युवक खींच रहे थे, ऊपर से गुजर रहे हाई-टेंशन बिजली के तारों से टकरा गया। बताया जा रहा है कि रथ को खींचने वाला वाहन खराब हो गया था, जिसके बाद श्रद्धालु इसे हाथ से खींचकर मंदिर की ओर ले जा रहे थे। रथ की ऊंचाई अधिक होने के कारण यह बिजली के तारों के संपर्क में आ गया, जिससे करंट फैल गया। करंट की चपेट में आए नौ युवकों में से पांच की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि चार अन्य बुरी तरह झुलस गए।मृतकों की पहचान कृष्णा यादव (21), सुरेश यादव (34), श्रीकांत रेड्डी (35), रुद्र विकास (39), और राजेंद्र रेड्डी (45) के रूप में हुई है। घायलों में केंद्रीय मंत्री किशन रेड्डी के गनमैन श्रीनिवास भी शामिल हैं, जिनका एक निजी अस्पताल में इलाज चल रहा है।
पुलिस और प्रशासन की कार्रवाई
हादसे की सूचना मिलते ही उप्पल पुलिस तुरंत घटनास्थल पर पहुंची। घायलों को तत्काल नजदीकी अस्पताल में भर्ती कराया गया, जबकि मृतकों के शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए गांधी अस्पताल भेजा गया। उप्पल पुलिस निरीक्षक के अनुसार, "श्रीकृष्ण जन्माष्टमी जुलूस के दौरान बिजली का झटका लगने से पांच लोगों की मौत हुई और चार अन्य घायल हुए। हमने मामले की जांच शुरू कर दी है और यह पता लगाया जा रहा है कि रथ की ऊंचाई और बिजली के तारों की स्थिति के कारण यह हादसा कैसे हुआ।"
मातम में बदला उत्सव
यह हादसा रविवार रात करीब 1:30 बजे हुआ, जब जुलूस अपने चरम पर था। भक्ति और उत्साह से भरा माहौल अचानक चीख-पुकार और अफरा-तफरी में बदल गया। स्थानीय लोगों ने तुरंत घायलों को बचाने की कोशिश की और उन्हें अस्पताल पहुंचाया, लेकिन पांच लोगों को बचाया नहीं जा सका। इस हादसे ने पूरे गोकुलनगर और रमंतपुर इलाके में शोक की लहर दौड़ा दी।
भविष्य में सावधानी की जरूरत
इस घटना ने एक बार फिर धार्मिक जुलूसों के दौरान सुरक्षा उपायों की कमी को उजागर किया है। विशेषज्ञों का कहना है कि रथ की ऊंचाई, बिजली के तारों की स्थिति, और जुलूस के मार्ग की पहले से जांच-पड़ताल जरूरी है। बीआरएस नेता केटी रामा राव ने भी इस बात पर जोर दिया कि ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए प्रशासन को सख्त कदम उठाने चाहिए।
हैदराबाद में यह हादसा जन्माष्टमी के पावन अवसर पर एक काला धब्बा बन गया। प्रशासन और स्थानीय समुदाय अब इस दुखद घटना से सबक लेने और भविष्य में ऐसी त्रासदियों को रोकने के लिए कदम उठाने की दिशा में काम कर रहे हैं।