पहलगाम हमले की आग में जल रहा सोशल मीडिया: कंही आप भी ना कर बेठे गलती..
जम्मू-कश्मीर के पहलगाम आतंकी हमले के बाद बाड़मेर पुलिस ने सोशल मीडिया पर कड़ी निगरानी शुरू की है। अफवाहें, भड़काऊ और आपत्तिजनक पोस्ट करने वालों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा रही है। तीन व्यक्तियों—जसवंत डाभी, चन्द्रप्रकाश, और शकुर खां—को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने आमजन से सोशल मीडिया का जिम्मेदारी से उपयोग करने और आपसी भाईचारा बनाए रखने की अपील की है। गलत पोस्ट करने वालों पर कठोर कानूनी कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।

रिपोर्ट/राजेंद्र सिंह:जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले ने न सिर्फ देश को झकझोरा, बल्कि सोशल मीडिया को भी एक खतरनाक जंग का मैदान बना दिया है। कुछ लोग इस संवेदनशील मौके पर गलत और भड़काऊ टिप्पणियों के जरिए समाज में नफरत और अशांति फैलाने की साजिश रच रहे हैं। लेकिन बाड़मेर पुलिस ने ऐसे शरारती तत्वों को साफ चेतावनी दी है: "हमारी नजर हर उस पोस्ट पर है, जो समाज को तोड़ने की कोशिश करेगी!"
पुलिस अधीक्षक नरेन्द्र सिंह मीना, आई.पी.एस., ने बताया कि बाड़मेर पुलिस की साइबर और डीसीआरबी टीमें सोशल मीडिया पर पैनी नजर रख रही हैं। फेसबुक, ट्विटर, इंस्टाग्राम से लेकर व्हाट्सएप तक, हर प्लेटफॉर्म पर उनकी चौकसी है। कोई भी अफवाह, धार्मिक उन्माद या भड़काऊ पोस्ट बख्शी नहीं जाएगी। इस सख्ती का असर दिख चुका है। पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने पहलगाम हमले को लेकर आपत्तिजनक पोस्ट्स किए थे।
गिरफ्तार किए गए व्यक्तियों की पहचान इस प्रकार है:
जसवंत डाभी, पुत्र भंवराराम, निवासी गोलिया कला, थाना गुड़ामालानी
चन्द्रप्रकाश, पुत्र लुणाराम, निवासी भीमडा, थाना नागाणा
शकुर खां, पुत्र आसीम खां, निवासी मौखाब, थाना शिव
इन तीनों के खिलाफ कठोर कानूनी कार्रवाई शुरू हो चुकी है। पुलिस ने साफ कर दिया है कि यह सिर्फ शुरुआत है। अगर कोई भी व्यक्ति सोशल मीडिया पर गलत, भड़काऊ या समाज को बांटने वाली पोस्ट करता पकड़ा गया, तो उसे तुरंत सलाखों के पीछे भेजा जाएगा।
पुलिस की चेतावनी: डरें, सावधान रहें!
पुलिस अधीक्षक नरेन्द्र सिंह मीना ने आमजन से अपील की है कि वे पहलगाम हमले जैसे संवेदनशील मुद्दे पर सोशल मीडिया का इस्तेमाल जिम्मेदारी से करें। एक गलत पोस्ट न सिर्फ आपके लिए मुसीबत बन सकती है, बल्कि समाज में अशांति और हिंसा को भी हवा दे सकती है। "आपसी भाईचारा और सौहार्द बनाए रखें। हमारी साइबर टीमें हर पल निगरानी कर रही हैं। गलत करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा," मीना ने कड़े शब्दों में चेतावनी दी।
क्यों डर का माहौल जरूरी है?
पहलगाम हमले ने देश को एक बार फिर आतंक की भयावहता से रूबरू कराया है। ऐसे में सोशल मीडिया पर फैलने वाली अफवाहें और भड़काऊ पोस्ट्स समाज को और अस्थिर कर सकती हैं। बाड़मेर पुलिस की यह सख्ती न सिर्फ शांति बनाए रखने की कोशिश है, बल्कि उन लोगों के लिए एक सबक भी है, जो बिना सोचे-समझे पोस्ट शेयर करते हैं। एक क्लिक आपकी जिंदगी बदल सकता है—या तो जेल की सैर करा सकता है।
अब आपकी बारी है!
सोशल मीडिया पर कुछ भी पोस्ट करने से पहले दस बार सोचें। क्या आपका शेयर किया हुआ मैसेज समाज को जोड़ेगा या तोड़ेगा? बाड़मेर पुलिस की साइबर टीमें आपकी हर हरकत पर नजर रख रही हैं। एक गलती, और आपका नाम भी गिरफ्तारियों की लिस्ट में शामिल हो सकता है। सावधान रहें, सुरक्षित रहें, और देश की एकता को मजबूत करें।