"भारत ने 2,000 से अधिक अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को किया डिपोर्ट, राष्ट्रीय सुरक्षा पर जोर"
ऑपरेशन सिंदूर, जो 7 मई 2025 को शुरू हुआ, के तहत भारत ने 2,000 से अधिक अवैध बांग्लादेशी प्रवासियों को वापस उनके देश भेजा है। भारतीय वायुसेना के विमानों द्वारा इन प्रवासियों को सीमा तक ले जाया गया, जहां बीएसएफ ने उन्हें अस्थायी शिविरों में रखा और फिर बांग्लादेश भेजा। कार्रवाई के डर से लगभग इतने ही प्रवासी स्वेच्छा से भारत-बांग्लादेश सीमा पर लौट गए। यह अभियान राष्ट्रीय सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए गुजरात, दिल्ली, हरियाणा, असम, और अन्य राज्यों में चलाया गया।

भारत ने अवैध तरीके से रह रहे बांग्लादेशी नागरिकों के खिलाफ सख्त कदम उठाया है। ऑपरेशन सिंदूर नाम के इस अभियान में अब तक 2,000 से ज्यादा लोगों को भारत-बांग्लादेश सीमा से वापस उनके देश भेजा जा चुका है। यह कार्रवाई 7 मई 2025 से शुरू हुई थी। खास बात यह है कि इस सख्ती से डरकर करीब इतने ही लोग खुद-ब-खुद सीमा पर पहुंचकर अपने देश लौट गए हैं। यह कार्रवाई गुजरात, दिल्ली, हरियाणा, असम, महाराष्ट्र और राजस्थान जैसे राज्यों में चल रही है। इन राज्यों से लोगों को पकड़कर त्रिपुरा, मेघालय और असम की सीमाओं के रास्ते बांग्लादेश भेजा जा रहा है।
यह सब शुरू हुआ 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम आतंकी हमले के बाद, जिसमें 26 लोग मारे गए थे। इस हमले के बाद भारत ने आतंकवाद और अवैध प्रवास के खिलाफ सख्त रुख अपनाया। गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को आदेश दिया कि वे अवैध बांग्लादेशी और म्यांमार के प्रवासियों को पकड़ें और उन्हें वापस भेजें। सीमा सुरक्षा बल (BSF) और स्थानीय पुलिस इस काम में दिन-रात लगी हुई है।
कहां-कहां हुई कार्रवाई?
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गुजरात: इस मामले में गुजरात सबसे आगे है। यहां से करीब 1,000 लोगों को वापस भेजा गया। गुजरात पुलिस ने दो इंडिगो विमान किराए पर लिए और 212 लोगों को त्रिपुरा के अगरतला ले जाकर बांग्लादेश भेजा।
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दिल्ली: दिल्ली में 470 बांग्लादेशी और 50 अन्य अवैध विदेशी नागरिकों को पकड़ा गया। इन्हें हिंदन एयरबेस से अगरतला ले जाया गया और वहां से बांग्लादेश भेजा गया।
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हरियाणा: झज्जर में 174 बांग्लादेशी पकड़े गए, जिनमें से कई को डिपोर्ट कर दिया गया।
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असम, मेघालय, त्रिपुरा: ये राज्य बांग्लादेश सीमा के पास हैं, जहां से लोगों को वापस भेजा जा रहा है। असम में हाल ही में 14 लोग साउथ सलमारा मनकाचर सीमा से भेजे गए।
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महाराष्ट्र और राजस्थान: इन राज्यों में भी दस्तावेजों की जांच के बाद कई लोगों को पकड़ा गया।
ऑपरेशन सिंदूर की सख्ती का डर इतना है कि लगभग 2,000 बांग्लादेशी बिना पकड़े गए ही सीमा पर पहुंचकर अपने देश लौट गए। एक अधिकारी ने बताया, "लोगों को डर है कि अगर वे पकड़े गए, तो उन्हें हिरासत में लिया जाएगा, इसलिए वे खुद ही वापस जा रहे हैं।"
गृह मंत्रालय
गृह मंत्रालय ने सभी राज्यों को साफ निर्देश दिए हैं कि वे 30 दिनों के अंदर अवैध प्रवासियों को पकड़ें और डिपोर्ट करें। इसके लिए कई कदम उठाए जा रहे हैं:
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दस्तावेजों की जांच: दिल्ली के नरेला में 831 लोगों की जांच की गई, जिनमें से 121 अवैध बांग्लादेशी पकड़े गए।
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डिटेंशन सेंटर: जिनके पास वैध दस्तावेज नहीं हैं, उन्हें हिरासत में रखा जा रहा है।
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विशेष उड़ानें: गुजरात और दिल्ली जैसे राज्यों से लोगों को सीमा तक ले जाने के लिए विमान किराए पर लिए जा रहे हैं।
गृह मंत्रालय का कहना है कि यह कार्रवाई लगातार चलेगी। खास तौर पर उन शहरों पर ध्यान है, जहां ज्यादा आर्थिक गतिविधियां हैं, क्योंकि वहां अवैध प्रवासियों के होने की संभावना ज्यादा है। सरकार ने यह भी साफ किया है कि इस कार्रवाई में आम नागरिकों को परेशान नहीं किया जाएगा।
ऑपरेशन सिंदूर भारत की अवैध प्रवास और आतंकवाद के खिलाफ मजबूत रणनीति का हिस्सा है। गुजरात, दिल्ली और हरियाणा ने इस काम में बढ़त बनाई है, और जल्द ही बाकी राज्य भी इसमें