विपक्ष का दिल्ली में हंगामा, संसद से चुनाव आयोग तक मार्च लगाया 'वोट चोरी' का आरोप

विपक्ष के 300 सांसदों ने बिहार में SIR प्रक्रिया और वोट चोरी के आरोपों के खिलाफ संसद से चुनाव आयोग तक मार्च निकाला, लेकिन पुलिस ने इसे रोक दिया। राहुल गांधी, अखिलेश यादव और प्रियंका गांधी ने लोकतंत्र की रक्षा के लिए पारदर्शिता की मांग की।

Aug 11, 2025 - 12:39
विपक्ष का दिल्ली में हंगामा, संसद से चुनाव आयोग तक मार्च लगाया 'वोट चोरी' का आरोप

बिहार में मतदाता सूची के विशेष गहन पुनरीक्षण (SIR) प्रक्रिया और कथित 'वोट चोरी' के आरोपों को लेकर विपक्षी दलों ने सोमवार को दिल्ली में संसद भवन से चुनाव आयोग के कार्यालय तक पैदल मार्च निकाला। इस मार्च में इंडिया ब्लॉक के 300 से अधिक सांसद शामिल हुए, जिनमें कांग्रेस नेता राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव, टीएमसी सांसद अभिषेक बनर्जी, और डीएमके व आरजेडी जैसे दलों के नेता मौजूद थे।

सांसदों ने 'वोट बचाओ' और 'SIR वापस लो' के नारे लगाए, जबकि उनके हाथों में बैनर और सफेद टोपियां थीं, जिन पर 'SIR' और 'वोट चोरी' लिखा था, साथ ही लाल क्रॉस का निशान था। मार्च संसद के मकर द्वार से शुरू हुआ, लेकिन दिल्ली पुलिस ने परिवहन भवन के पास बैरिकेडिंग लगाकर इसे रोक दिया, क्योंकि विपक्ष ने मार्च के लिए कोई अनुमति नहीं ली थी।

संसद में हंगामा, कार्यवाही स्थगित

मानसून सत्र के दौरान इस मुद्दे पर संसद के दोनों सदनों में भारी हंगामा हुआ। विपक्षी सांसदों ने जोरदार नारेबाजी की, जिसके चलते लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 2 बजे तक स्थगित कर दी गई। पिछले 15 दिनों में से 13 दिन संसद का कामकाज बाधित रहा है, जिससे सत्र की उत्पादकता पर सवाल उठ रहे हैं।

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने मार्च के दौरान कहा, "राहुल गांधी ने गंभीर सवाल उठाए हैं, जिनका जवाब मिलना चाहिए। चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है कि वह जनता के मन में चुनावों की विश्वसनीयता को लेकर कोई संदेह न रहने दे। अगर डुप्लीकेट वोटिंग, फर्जी पते, या फर्जी वोटरों का संदेह है, तो इसका समाधान होना चाहिए।" उन्होंने जोर देकर कहा कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए पारदर्शी जवाब जरूरी हैं।

विपक्ष के आरोप: 'SIR से वोट चोरी की साजिश'

विपक्ष का आरोप है कि बिहार में SIR प्रक्रिया के तहत मतदाता सूची से लाखों नाम हटाए जा रहे हैं, जिसे वे 'वोट चोरी' की साजिश करार दे रहे हैं। राहुल गांधी ने हाल ही में दावा किया था कि उनके पास इसकी पुख्ता सबूत हैं, जिसमें 30,000 से अधिक अवैध पते जैसे 'हाउस नंबर 0', '00', या '-' शामिल हैं। समाजवादी पार्टी के नेता अखिलेश यादव ने कहा, "सरकार हमारी बात नहीं सुन रही। यह प्रक्रिया लोकतंत्र को कमजोर कर रही है।"

राष्ट्रीय जनता दल (RJD) के नेता तेजस्वी यादव ने भी आयोग पर पक्षपात का आरोप लगाया और कहा कि सुप्रीम कोर्ट के सुझावों के बावजूद दस्तावेजों की सूची में कोई बदलाव नहीं किया गया। प्रियंका गांधी और सपा सांसद डिंपल यादव ने नारे लगाए, "वोट चोर, गद्दी छोड़!"

सुप्रीम कोर्ट में भी गूंजा मामला

बिहार में SIR प्रक्रिया को लेकर सुप्रीम कोर्ट में 28 याचिकाएं दायर की गई हैं। एनजीओ 'एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स' (ADR) और RJD सांसद मनोज झा समेत कई याचिकाकर्ताओं ने इस प्रक्रिया को गैर-पारदर्शी और मताधिकार छीनने वाला बताया है। सुप्रीम कोर्ट ने 10 जुलाई को आयोग को आधार, वोटर ID, और राशन कार्ड को वैध दस्तावेजों की सूची में शामिल करने का निर्देश दिया था, लेकिन कोर्ट ने प्रक्रिया की टाइमिंग पर सवाल उठाए।

ADR ने आरोप लगाया कि बूथ लेवल ऑफिसर (BLO) बिना मतदाताओं की जानकारी के फॉर्म अपलोड कर रहे हैं, और मृत लोगों के नाम से भी आवेदन जमा हो रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि एक भी वैध मतदाता को वोटिंग के अधिकार से वंचित नहीं किया जा सकता।

चुनाव आयोग का जवाब

चुनाव आयोग ने इन आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि SIR का मकसद मतदाता सूची को शुद्ध करना है, जिसमें डुप्लिकेट नाम, गलत प्रविष्टियां, और गैर-कानूनी प्रवासियों को हटाना शामिल है। आयोग ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर प्रक्रिया को पारदर्शी और वैध बताया। उसका कहना है कि 1.5 लाख से अधिक बूथ लेवल एजेंट्स इस प्रक्रिया में शामिल हैं, और सभी प्रमुख दलों ने इसमें हिस्सा लिया है।

आयोग ने यह भी घोषणा की है कि बिहार के बाद SIR प्रक्रिया को पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल, असम, और पुडुचेरी में चरणबद्ध तरीके से लागू किया जाएगा। हालांकि, विपक्ष का कहना है कि यह प्रक्रिया सत्तारूढ़ पार्टी के हित में हो सकती है।

मानसून सत्र में अन्य मुद्दे

मानसून सत्र, जो 21 जुलाई से 21 अगस्त तक चलेगा, में 18 बैठकें निर्धारित हैं। इस दौरान केंद्र सरकार 8 नए बिल पेश करेगी, जिनमें मणिपुर GST संशोधन बिल और नेशनल स्पोर्ट्स गवर्नेंस बिल शामिल हैं। 8 अगस्त को केंद्र ने इनकम टैक्स बिल-2025 को वापस लिया, जो 6 दशक पुराने इनकम टैक्स एक्ट 1961 को बदलने वाला था। इस बिल पर संसदीय कमेटी ने 285 सुझाव दिए थे।

लोकतंत्र पर सवाल

विपक्ष का मार्च और संसद में हंगामा यह दर्शाता है कि SIR प्रक्रिया को लेकर राजनीतिक माहौल गरमाया हुआ है। विपक्ष का कहना है कि यह प्रक्रिया न केवल बिहार, बल्कि पूरे देश के लोकतंत्र को प्रभावित कर सकती है। दूसरी ओर, चुनाव आयोग का दावा है कि वह हर मतदाता के अधिकारों की रक्षा करेगा।

इस विवाद का समाधान कैसे होगा, यह सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई और आयोग की आगे की कार्रवाई पर निर्भर करता है। लेकिन यह साफ है कि लोकतंत्र की रक्षा के लिए पारदर्शिता और जवाबदेही जरूरी है। जैसा कि शशि थरूर ने कहा, "हमारा लोकतंत्र इतना अनमोल है कि इसे संदेह के साये में नहीं छोड़ा जा सकता।"

Yashaswani Journalist at The Khatak .