नाबालिग कैदी की सुधार गृह में संदिग्ध मौत, परिजनों ने हत्या का लगाया आरोप

बाल सुधार गृह में नाबालिग कैदी ने बाथरूम में फंदा लगाकर आत्महत्या की, लेकिन परिजनों ने हत्या का आरोप लगाते हुए निष्पक्ष जांच की मांग की। प्रशासन इसे प्रथम दृष्टया आत्महत्या मान रहा है और जांच जारी है।

Aug 4, 2025 - 12:04
नाबालिग कैदी की सुधार गृह में संदिग्ध मौत, परिजनों ने हत्या का लगाया आरोप

बिहार के दरभंगा जिले के लहेरियासराय स्थित बाल सुधार गृह में रविवार को एक 16 वर्षीय नाबालिग कैदी, दिलखुश चौपाल की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। प्रशासन के अनुसार, दिलखुश ने बाथरूम में बेडशीट से फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली, लेकिन परिजनों ने इसे हत्या बताते हुए बाल सुधार गृह के प्रशासन और अन्य कैदियों पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इस घटना ने बाल सुधार गृह की सुरक्षा और प्रबंधन व्यवस्था पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

अपहरण के मामले में था बंद

दिलखुश चौपाल, जो बेनीपुर प्रखंड के फरदाहा गांव का निवासी था, पर 27 जून 2025 को बहेड़ा थाना क्षेत्र में एक नाबालिग लड़की के अपहरण का आरोप लगा था। पुलिस ने उसे 29 जुलाई को गिरफ्तार कर बाल सुधार गृह भेजा था। बताया जाता है कि लड़की के बड़े भाई ने शिकायत दर्ज की थी कि दिलखुश ने अपनी मां की मदद से अपहरण किया था। लड़की को बाद में बरामद कर लिया गया था, और दिलखुश को बाल सुधार गृह में रखा गया था।

आत्महत्या या हत्या?

घटना रविवार सुबह करीब 10:30 बजे की है, जब बाल सुधार गृह के अन्य बच्चों ने गृह पिता (हाउस फादर) मदन प्रसाद को सूचना दी कि दिलखुश बाथरूम में बेडशीट से लटका हुआ है। कर्मचारियों ने उसे तुरंत उतारा और ऑटो से दरभंगा मेडिकल कॉलेज अस्पताल (DMCH) ले जाया गया, लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। दरभंगा सदर के एसडीएम विकास कुमार ने प्रारंभिक जांच में इसे आत्महत्या बताया, लेकिन उन्होंने कहा कि मामले की गहन जांच की जाएगी और मजिस्ट्रेट की निगरानी में पोस्टमॉर्टम किया जा रहा है।

परिजनों के गंभीर आरोप

दिलखुश के परिजनों ने आत्महत्या के दावे को सिरे से खारिज करते हुए हत्या का आरोप लगाया है। मृतक की बुआ, सीता देवी ने बताया कि शनिवार को दिलखुश से फोन पर बात हुई थी, जिसमें उसने बताया कि सुधार गृह में उसके साथ मारपीट की जाती है। उन्होंने कहा, "कल बच्चे ने बताया था कि उसे मारा-पीटा जाता है। हम आज उससे मिलने आने वाले थे, लेकिन सुधार गृह के कर्मचारियों और अपहरण मामले के शिकायतकर्ता ने मिलकर उसकी हत्या कर दी।" परिजनों ने यह भी बताया कि दिलखुश के दाएं पैर की दो उंगलियों के नाखूनों में चोट के निशान थे, जो उनके अनुसार मारपीट का सबूत हैं।

मृतक की मां, सुखिया देवी, और अन्य परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल था। परिवार का कहना है कि दिलखुश उनके माता-पिता का इकलौता बेटा था, जिसके बाद उनकी चार बहनें और एक छोटी बहन है। परिजनों ने निष्पक्ष जांच और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की है।

प्रशासन का जवाब और जांच

घटना की सूचना मिलते ही दरभंगा के डीएम राजीव रौशन, जिला एवं सत्र न्यायाधीश विनोद कुमार तिवारी, और सदर एसडीएम विकास कुमार बाल सुधार गृह पहुंचे। उन्होंने वहां मौजूद अन्य बच्चों से बातचीत की और हालात का जायजा लिया। एसडीएम विकास कुमार ने कहा, "प्रथम दृष्टया यह आत्महत्या का मामला प्रतीत होता है, लेकिन पूरे मामले की जांच की जाएगी। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट और अन्य साक्ष्यों के आधार पर आगे की कार्रवाई होगी।" पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम के लिए भेज दिया है।

बाल सुधार गृह की व्यवस्था पर सवाल

इस घटना ने एक बार फिर बाल सुधार गृहों की कार्यप्रणाली और वहां बच्चों की सुरक्षा पर सवाल उठाए हैं। परिजनों के आरोपों के अनुसार, सुधार गृह में मारपीट और उत्पीड़न की घटनाएं आम हैं। सीता देवी ने यह भी बताया कि जब वे दिलखुश से मिलने गई थीं, तो उसने सुधार गृह में अन्य बच्चों द्वारा टॉर्चर किए जाने की शिकायत की थी। इसके अलावा, कुछ परिजनों ने सुधार गृह के कर्मचारियों पर पैसे की मांग करने का भी आरोप लगाया है।

पुलिस और प्रशासन ने मामले की जांच शुरू कर दी है। लहेरियासराय थाना पुलिस ने घटनास्थल का मुआयना किया और अन्य बच्चों व कर्मचारियों से पूछताछ शुरू की। जिला प्रशासन ने यह भी आश्वासन दिया है कि अगर जांच में किसी की लापरवाही या गलत व्यवहार का सबूत मिलता है, तो सख्त कार्रवाई की जाएगी।

Yashaswani Journalist at The Khatak .