मामा बना हैवान 60 हजार की उधारी ने छीनी मां-बेटी की जान, चाय पीकर रची खौफनाक साजिश!

मामा बना कातिल! कोटा में 60 हजार की उधारी ने छीन ली मां-बेटी की जान – चाय पी, गला दबाया, 48 घंटे में पुलिस ने साजिश उजागर की!

Nov 10, 2025 - 12:09
मामा बना हैवान 60 हजार की उधारी ने छीनी मां-बेटी की जान, चाय पीकर रची खौफनाक साजिश!

कोटा के आरकेपुरम थाने में 7 नवंबर को हुई मां-बेटी की दिल दहला देने वाली हत्या का पुलिस ने महज 48 घंटे में खुलासा कर दिया। मुख्य आरोपी कोई और नहीं, बल्कि मृतका ज्योति वैष्णव का दूर का मामा प्रदीप वैष्णव निकला, जिसने अपने दो दोस्तों भरत सहरिया और राजू उर्फ मामू के साथ मिलकर सिर्फ 60 हजार रुपये के उधारी विवाद में ज्योति (आयु करीब 30 वर्ष) और उसकी 8 साल की मासूम बेटी पलक की निर्मम हत्या कर दी। पुलिस ने प्रदीप और भरत को गिरफ्तार कर लिया, जबकि राजू जंगलों में फरार है और उसकी तलाश तेज कर दी गई है।

पैसे का पुराना विवाद बना मौत का कारण

पुलिस जांच से पता चला कि ज्योति ने अपने दूर के रिश्तेदार प्रदीप वैष्णव से करीब दो महीने पहले 60 हजार रुपये उधार लिए थे। प्रदीप बार-बार पैसे मांगता रहा, लेकिन ज्योति टालमटोल करती रही। गुस्से में आकर प्रदीप ने अपने साथियों के साथ मिलकर हत्या की ठंडे दिमाग से योजना बनाई। वारदात से एक दिन पहले (6 नवंबर) तीनों आरोपी रायपुरा में ठहरे और ज्योति के पति भगवान वैष्णव की दिनचर्या का पता लगाया। घर पर पति की मौजूदगी के कारण पहला प्रयास नाकाम रहा।

चाय की चुस्की के बाद खूनी खेल

अगले दिन 7 नवंबर की दोपहर को भगवान वैष्णव ड्यूटी पर चले गए। तीनों आरोपी बाइक से रोजड़ी इलाके में ज्योति के घर पहुंचे। घर में घुसकर पहले आराम से चाय पी और प्रदीप ने पैसे की मांग की। ज्योति ने फिर टाल दिया तो गुस्सा भड़क उठा। योजना के तहत भरत बाहर निगरानी करने लगा, जबकि प्रदीप और राजू अंदर घुसे। रसोई में अकेली ज्योति को चुन्नी से गला दबाकर मार डाला। तभी स्कूल से लौटी पलक ने मां को पड़ा देख चिल्लाने की कोशिश की, लेकिन हैवानों ने उसकी भी गला दबाकर हत्या कर दी। हत्या के बाद तीनों बाइक से फरार हो गए।

पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाई: 16 टीमों ने सुलझाया ब्लाइंड केस

शुरुआत में मामला ब्लाइंड मर्डर लग रहा था, लेकिन पुलिस उपाधीक्षक मनीष शर्मा और सीआई महेंद्र मारू के नेतृत्व में 16 टीमों ने मोर्चा संभाला। परिजनों-रिश्तेदारों से पूछताछ, सीसीटीवी फुटेज, कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) और तकनीकी सबूतों की छानबीन से प्रदीप की संलिप्तता उजागर हुई। गिरफ्तारी के बाद प्रदीप ने पूरा कबूलनामा दे दिया। फरार राजू की तलाश मुकदरा के जंगलों में जारी है। 

पति का दर्द: 'बिना मां के डेढ़ साल के बच्चे को कैसे पालूं?'

मृतका के पति भगवान वैष्णव (लैब टेक्नीशियन) ने हैरानी जताई कि प्रदीप झालावाड़ के सोजपुर गांव का गरीब है, कोटा आने का किराया तक नहीं जुटाता, फिर 60 हजार कैसे उधार दे सकता था? उन्होंने कहा, "अगर पैसे का विवाद था तो ज्योति मुझे बताती, हम लौटा देते। मैंने पूरा परिवार खो दिया। अब डेढ़ साल के बच्चे को मां के बिना अकेले कैसे बड़ा करूं?" भगवान के घर अब सिर्फ मातम है, जहां एक मासूम की जिंदगी अधर में लटक गई।यह घटना रिश्तों की नाजुक डोर को झकझोर कर रख देती है, जहां उधारी का लालच मामा को कातिल बना गया.