लखनऊ: नरभक्षी राजा कोलंदर की बेखौफ हंसी, उम्रकैद की सजा के बाद भी चेहरा बेफ़िक्र!

लखनऊ की एडीजे कोर्ट ने 25 साल पुराने डबल मर्डर केस में कुख्यात सीरियल किलर और नरभक्षी राजा कोलंदर (राम निरंजन) और उसके साले बच्छराज को आजीवन कारावास की सजा सुनाई। दोनों पर 2.5 लाख रुपये का जुर्माना भी लगाया गया। यह मामला वर्ष 2000 का है, जिसमें मनोज कुमार सिंह और उनके ड्राइवर रवि श्रीवास्तव की अपहरण के बाद बेरहमी से हत्या की गई थी। राजा कोलंदर पर इंसानी खोपड़ियां जमा करने और मस्तिष्क का सूप पीने जैसे जघन्य अपराधों का आरोप है। सजा सुनाए जाने के दौरान कोलंदर और बच्छराज बेपरवाह और हंसते हुए दिखे, जिससे उनकी क्रूर और बेखौफ मानसिकता का पता चलता है। कोलंदर पहले भी पत्रकार धीरेंद्र सिंह की हत्या के मामले में 2012 में आजीवन कारावास की सजा पा चुका है। उसके फार्महाउस से 14 मानव खोपड़ियां बरामद हुई थीं।

May 24, 2025 - 12:59
लखनऊ: नरभक्षी राजा कोलंदर की बेखौफ हंसी, उम्रकैद की सजा के बाद भी चेहरा बेफ़िक्र!

लखनऊ की सड़कों पर एक बार फिर उस खौफनाक नाम की गूंज है, जिसने कभी पूरे उत्तर प्रदेश को दहशत में डुबो दिया था। राम निरंजन, जिसे लोग राजा कोलंदर के नाम से जानते हैं, एक ऐसा शख्स जिसकी क्रूरता की कहानियां सुनकर रूह कांप उठती है। सिर पर लंबी शिखा, बदन पर सादा सा सफेद कुर्ता-पायजामा, और कंधे पर लापरवाही से लटकता गमछा—यह था राजा कोलंदर का वो अंदाज, जब वह हंसते-हंसते जेल की गाड़ी में सवार हुआ। चेहरे पर न जरा सी शिकन, न पश्चाताप की छाया। पुलिसवालों से हंसी-मजाक करता हुआ, मानो वह जेल नहीं, किसी सैर-सपाटे पर जा रहा हो!

25 साल पुराने खून के दाग, आखिर पकड़े गए  लखनऊ की एडीजे-5 कोर्ट ने 23 मई 2025 को राजा कोलंदर और उसके साथी बक्षराज कोल को 25 साल पुराने डबल मर्डर केस में उम्रकैद की सजा सुनाई। दोनों पर 2.5-2.5 लाख रुपये का भारी-भरकम जुर्माना भी ठोका गया। यह मामला था साल 2000 का, जब इन दोनों ने पत्रकार मनोज कुमार सिंह और उनके ड्राइवर रवि श्रीवास्तव को अगवा कर उनकी निर्मम हत्या कर दी थी। कोर्ट के जज रोहित सिंह ने सबूतों और गवाहों के आधार पर दोनों को दोषी करार दिया।

 राजा कोलंदर: इंसान या हैवान? प्रयागराज के नैनी इलाके के हिनौता गांव से ताल्लुक रखने वाला राजा कोलंदर अपराध की दुनिया का वो शैतान है, जिसके कारनामे सुनकर खून जम जाता है। उसने खुद कबूल किया कि उसने 14 से ज्यादा लोगों की जान ली। लेकिन हत्या करना तो जैसे उसका शौक था—वह शवों के टुकड़े-टुकड़े करता, मानव मांस खाता, और खोपड़ी से दिमाग निकालकर सूप बनाकर पीता था। जी हां, यह कोई डरावनी कहानी नहीं, बल्कि उसकी जिंदगी का काला सच है! 20 से ज्यादा हत्या के मामले इस नरभक्षी के नाम दर्ज हैं। इससे पहले भी उसे 2000 में पत्रकार धीरेंद्र सिंह की हत्या के लिए सजा हो चुकी है, और अब यह दूसरी उम्रकैद है।

 बेफ़िक्र हंसी, समाज के लिए सवाल जेल की गाड़ी में बैठा राजा कोलंदर जिस तरह हंस रहा था, वह नजारा समाज के लिए कई सवाल छोड़ गया। आखिर इतने जघन्य अपराधों के बाद भी कोई इतना बेफ़िक्र कैसे हो सकता है? क्या कानून का डर अब ऐसे अपराधियों को डरा नहीं पाता? कोर्ट का यह फैसला उन पीड़ित परिवारों के लिए राहत लेकर आया है, जिन्होंने अपने अपनों को इस हैवान के हाथों खोया। लेकिन राजा कोलंदर की वो बेखौफ हंसी शायद लंबे वक्त तक लोगों के जेहन में गूंजती रहेगी।

 जुर्माना और सजा एडीजे कोर्ट ने दोनों दोषियों को न सिर्फ आजीवन कारावास की सजा सुनाई, बल्कि 1-1 लाख रुपये का अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया। यह सजा उस दर्द का छोटा सा हिस्सा है, जो राजा कोलंदर और बक्षराज ने अपने शिकार के परिवारों को दिया। --- यह खबर न सिर्फ राजा कोलंदर की क्रूरता को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि कानून आखिरकार अपराधियों को उनके अंजाम तक पहुंचा ही देता है। अगर आपको इस मामले में और जानकारी चाहिए या इसे किसी दूसरी भाषा में चाहिए, तो बताएं!

Ashok Shera "द खटक" एडिटर-इन-चीफ