नन्हा दिल, टूटा भरोसा: रक्षक के हाथों रौंदी गई मासूमियत

एक नाबालिग लड़की, जिसे अपहरण कर बेचा गया, को बचाने के बाद दरोगा ने थाने में दुष्कर्म किया, जिसके बाद उच्च स्तरीय जांच शुरू हुई।

Jul 4, 2025 - 16:27
नन्हा दिल, टूटा भरोसा: रक्षक के हाथों रौंदी गई मासूमियत

उत्तर प्रदेश के बदायूं जिले के कादरचौक थाना क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। एक नाबालिग लड़की, जिसे तमिलनाडु से अपहरण के बाद बरामद किया गया था, ने कादरचौक थाने में तैनात दरोगा हरिओम पर दुष्कर्म का गंभीर आरोप लगाया है। पीड़िता का दावा है कि दरोगा ने उसे तमिलनाडु से लाने के दौरान ट्रेन में छेड़छाड़ की और बाद में थाना परिसर में अपने कमरे में ले जाकर दुष्कर्म किया। इस मामले में बरेली रेंज के डीआईजी जांच कर रहे हैं, और पुलिस ने पीड़िता के बयान, मेडिकल रिपोर्ट, और सीसीटीवी फुटेज के आधार पर कार्रवाई शुरू कर दी है।

पीड़िता, जो कादरचौक थाना क्षेत्र की रहने वाली है, ने बताया कि 9 जून 2025 को वह खेत से लौट रही थी, तभी एक सफेद रंग की गाड़ी में सवार मुजक्किर, बिलाल, पप्पू, और उसकी चचेरी दादी ममता ने उसे जबरन गाड़ी में बैठा लिया। इसके बाद उसे बदायूं बस स्टैंड ले जाया गया, जहां से दिल्ली और फिर चेन्नई ले जाया गया। चेन्नई से मुजक्किर उसे एक अन्य शहर ले गया, जहां उसे 16 दिनों तक रखा गया। पीड़िता के अनुसार, इस दौरान मुजक्किर लगातार ममता से फोन पर बात करता था।

पीड़िता के परिवार ने 10 जून को कादरचौक थाने में अपहरण की शिकायत दर्ज की थी। 20 जून तक पुलिस ने कोई ठोस कार्रवाई नहीं की, लेकिन जनता के विरोध और दबाव के बाद पुलिस सक्रिय हुई। 21 जून को एक पुलिस टीम, जिसमें महिला सिपाही पूजा, सिपाही मोहित, और दरोगा हरिओम शामिल थे, तमिलनाडु रवाना हुई। 23 जून को पीड़िता को मुजक्किर सहित बरामद कर बदायूं लाया गया।

दरोगा द्वारा दुष्कर्म का आरोप

पीड़िता ने अपने बयान में बताया कि तमिलनाडु से बदायूं लौटते समय ट्रेन में दरोगा हरिओम ने उसके साथ छेड़छाड़ की और अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया। वह डर के कारण चुप रही। 23 जून की सुबह 7 बजे कादरचौक थाने पहुंचने पर पूजा और मोहित चले गए, और दरोगा हरिओम अकेले रह गए। पीड़िता के अनुसार, हरिओम ने उसे कहा, "लल्ली, तुझसे कुछ पूछना है, मेरे साथ आ।" इसके बाद वह उसे थाना परिसर में अपने कमरे में ले गया, जहां उसने पहले गलत बातें कीं और फिर 15-16 मिनट तक दुष्कर्म किया। पीड़िता को धमकी दी गई कि अगर उसने किसी को बताया, तो उसे जेल भेज दिया जाएगा।

उसी दिन, 23 जून को पीड़िता को वन स्टॉप सेंटर भेज दिया गया, जहां उसका मेडिकल परीक्षण कराया गया। पीड़िता ने बताया कि वहां भी उसे चुप रहने की धमकी दी गई। 27 जून को बदायूं के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (सीजेएम) कोर्ट में पीड़िता ने दरोगा हरिओम के खिलाफ दुष्कर्म और अन्य आरोपियों के खिलाफ अपहरण का बयान दर्ज कराया।

पारिवारिक पृष्ठभूमि और संपत्ति विवाद

पीड़िता के परिवार में माता-पिता के अलावा छह भाई-बहन हैं, जिनमें पांच बहनें और दो भाई हैं। एक भाई और तीन बहनों की शादी हो चुकी है। परिवार के पास लगभग तीन बीघा जमीन है, और वे गांव के बड़े किसानों की जमीन बटाई पर लेकर खेती करते हैं। इसके अलावा, पशुपालन और दूध बेचकर परिवार का खर्च चलता है।

पीड़िता की मां ने बताया कि ममता, जो पीड़िता की चचेरी दादी है, ने परिवार के साथ पुराने संपत्ति विवाद के कारण रंजिश रखी थी। हालांकि परिवार ने इस विवाद को भुला दिया था, ममता मन ही मन नाराज थी। ममता ने अपनी रंजिश के चलते पीड़िता को झांसे में लिया और भमुइया गांव के मुजक्किर को उसे बेच दिया। ममता के घर में मुस्लिम समुदाय के लोगों का आना-जाना था, और उसी के जरिए यह सौदा हुआ।

पुलिस जांच और कार्रवाई

एसपी देहात केके सरोज ने बताया कि कादरचौक थाने में दर्ज मुकदमे के आधार पर पुलिस टीम तमिलनाडु गई थी और 23 जून को पीड़िता को बरामद कर लाया गया। उसी दिन उसे वन स्टॉप सेंटर भेजा गया, जहां मेडिकल परीक्षण हुआ। कोर्ट में बयान दर्ज होने के बाद पीड़िता को उसके माता-पिता को सौंप दिया गया।

एसपी अंशिका वर्मा ने पीड़िता और उसके परिवार के गोपनीय बयान दर्ज किए। सीओ उझानी देवेंद्र सिंह ने थाने के सीसीटीवी फुटेज की जांच की। एसपी वर्मा ने कहा कि उनकी जांच रिपोर्ट डीआईजी बरेली रेंज को सौंपी जाएगी, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई होगी। डीआईजी बरेली रेंज ने इस मामले में जांच शुरू कर दी है।

दरोगा हरिओम को 28 जून को कादरचौक थाने से शाहजहांपुर स्थानांतरित कर दिया गया था। उनसे संपर्क करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।

Yashaswani Journalist at The Khatak .