"शेखावत का गहलोत पर तीखा हमला: 'मेरी मां पर लगाए थे झूठे आरोप, माफी नहीं, मानहानि केस वापस नहीं होगा'"
केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी घोटाले और मानहानि केस को लेकर तीखा हमला बोला। शेखावत ने गहलोत द्वारा उनकी स्वर्गीय मां पर लगाए गए आरोपों को "अक्षम्य" बताया और मानहानि केस वापस न लेने की बात कही। गहलोत ने पीड़ितों के लिए न्याय की मांग की, लेकिन शेखावत ने इसे "ओछी राजनीति" करार दिया। यह विवाद राजस्थान की सियासत में नया तनाव ला रहा है।

जोधपुर: केंद्रीय पर्यटन एवं संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत पर संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी घोटाले और मानहानि केस को लेकर तीखा हमला बोला है। जोधपुर में मीडिया से बातचीत के दौरान शेखावत ने गहलोत की सोच और मानसिकता को "ओछी" करार देते हुए कहा कि उन्होंने उनकी दिवंगत मां पर गंभीर और निराधार आरोप लगाए थे, जो कभी क्षमा योग्य नहीं हैं। शेखावत ने स्पष्ट किया कि वे गहलोत के खिलाफ दायर मानहानि का केस वापस नहीं लेंगे।
विवाद की जड़:संजीवनी घोटाला और मानहानि केस
यह विवाद संजीवनी क्रेडिट को-ऑपरेटिव सोसाइटी घोटाले से शुरू हुआ, जिसमें करीब 900 करोड़ रुपये के गबन का आरोप है। पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इस मामले में शेखावत और उनके परिवार को जोड़ा था, जिसमें उनकी मां, पिता और अन्य परिजनों का नाम भी शामिल था। गहलोत के इन आरोपों के जवाब में शेखावत ने दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट में उनके खिलाफ मानहानि का मुकदमा दायर किया था। इस केस में अब तक 15 से अधिक पेशियां हो चुकी हैं।हाल ही में, गहलोत ने जोधपुर में मीडिया से बातचीत में कहा था कि शेखावत को मानहानि का केस वापस लेना चाहिए और पीड़ितों को न्याय दिलाने के लिए उनके साथ बैठकर बातचीत करनी चाहिए। गहलोत ने यह भी दावा किया कि यदि शेखावत निर्दोष साबित होते हैं, तो उन्हें खुशी होगी। हालांकि, शेखावत ने इन बयानों को "राजनीतिक नाटक" करार देते हुए गहलोत पर पलटवार किया।
शेखावत का गहलोत पर हमला: "मां पर आरोप अक्षम्य"जोधपुर के सर्किट हाउस में मीडिया से बात करते हुए शेखावत ने कहा, "गहलोत ने मेरी स्वर्गीय मां पर झूठे और गंभीर आरोप लगाए। यह वही सर्किट हाउस है, जहां उन्होंने बिना सोचे-समझे मेरे परिवार को बदनाम करने की कोशिश की थी। अब वे ओछी राजनीति के तहत मीडिया के जरिए मुझे संदेश दे रहे हैं कि मैं मानहानि का केस वापस ले लूं। यह अपराध अक्षम्य है, और मैं उन्हें माफ नहीं करूंगा।" शेखावत ने आगे कहा कि गहलोत ने अपने बेटे वैभव गहलोत के राजनीतिक करियर को आगे बढ़ाने के लिए उनके और उनके परिवार की छवि को नुकसान पहुंचाने की कोशिश की, लेकिन वे इसमें असफल रहे।
शेखावत ने यह भी जोड़ा कि राजस्थान हाई कोर्ट ने संजीवनी घोटाले में उन्हें क्लीन चिट दी है, जिसके बाद गहलोत के आरोपों की सत्यता पर सवाल उठे हैं। उन्होंने कहा, "हाई कोर्ट ने साफ कर दिया कि मैं इस मामले में निर्दोष हूं। गहलोत ने बिना किसी सबूत के मुझे और मेरे परिवार को बदनाम करने की कोशिश की, लेकिन सत्य की जीत हुई।"
गहलोत का पक्ष:
"पीड़ितों को न्याय दिलाना मकसद"दूसरी ओर, गहलोत ने अपने बयानों में कहा है कि उनका मकसद केवल संजीवनी घोटाले के पीड़ितों को न्याय दिलाना है। उन्होंने दावा किया कि जब वे मुख्यमंत्री थे, तब उनके पास आए दस्तावेजों में शेखावत के परिवार का नाम था। गहलोत ने कहा, "मैं चाहता हूं कि शेखावत आगे आएं और पीड़ितों की समस्याओं का समाधान करने के लिए बातचीत करें। अगर वे निर्दोष हैं, तो यह साबित होने पर मुझे खुशी होगी।" गहलोत ने यह भी कहा कि मानहानि केस में अब तक कई पेशियां हो चुकी हैं, और शेखावत को अब केस वापस लेना चाहिए।
आजादी का जिक्र: शेखावत की भावनात्मक अपील
शेखावत ने बातचीत में देश की आजादी का जिक्र करते हुए कहा, "लाखों लोगों के बलिदान के बाद देश आजाद हुआ। मेरी मां और मेरे परिवार की प्रतिष्ठा पर लगाए गए झूठे आरोप मेरे लिए व्यक्तिगत और भावनात्मक मुद्दा हैं। मैं इसे हल्के में नहीं ले सकता।" उन्होंने गहलोत पर "सस्ती लोकप्रियता" के लिए बयानबाजी करने का आरोप लगाया,
संजीवनी घोटाले और मानहानि केस को लेकर शेखावत और गहलोत के बीच तीखी बयानबाजी ने राजस्थान की राजनीति में नया मोड़ ला दिया है। शेखावत ने गहलोत के आरोपों को खारिज करते हुए उनकी मंशा पर सवाल उठाए हैं, जबकि गहलोत पीड़ितों के लिए न्याय की बात कर रहे हैं। यह सियासी जंग अब कोर्ट रूम से लेकर मीडिया तक पहुंच चुकी है, और आने वाले दिनों में इस मामले में और गहमागहमी की संभावना है।