जोधपुर बॉर्डर पर BSF की बड़ी कार्रवाई, 7 करोड़ की हेरोइन ड्रोन से भेजने की कोशिश नाकाम.
जोधपुर के खजुआना इलाके में बीएसएफ ने पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए भेजी गई 1.6 किलोग्राम हेरोइन (7 करोड़ रुपये कीमत) जब्त की। यह कार्रवाई सोमवार देर रात 1:30 बजे हुई। बीएसएफ की सतर्कता, एंटी-ड्रोन सिस्टम और स्थानीय सहयोग से तस्करी की कोशिश नाकाम की गई। पाकिस्तान से ड्रग तस्करी को गंभीर समस्या बताते हुए बीएसएफ ने जांच शुरू की।

जोधपुर, राजस्थान: भारत-पाकिस्तान अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने एक बार फिर नशे की तस्करी की साजिश को नाकाम करते हुए बड़ी सफलता हासिल की है। सोमवार देर रात जोधपुर के खजुआना इलाके में बीएसएफ ने पड़ोसी देश पाकिस्तान से ड्रोन के जरिए भेजी गई 1.6 किलोग्राम हेरोइन की खेप को जब्त किया। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इस हेरोइन की कीमत 7 करोड़ रुपये से अधिक आंकी गई है।
बीएसएफ के इंस्पेक्टर जनरल (आईजी) मदनलाल गर्ग ने बताया कि यह घटना सोमवार रात करीब 1:30 बजे हुई, जब पाकिस्तान की ओर से एक ड्रोन के जरिए हेरोइन की खेप भारतीय सीमा में लगभग ढाई किलोमीटर अंदर गिराई गई। बीएसएफ के सतर्क जवानों ने तुरंत कार्रवाई करते हुए इस खेप को अपने कब्जे में लिया और मामले की जांच शुरू कर दी। उन्होंने कहा कि बीएसएफ की प्रभावी निगरानी और एंटी-ड्रोन तकनीक ने इस तस्करी की कोशिश को विफल करने में अहम भूमिका निभाई
पाकिस्तान से ड्रग तस्करी: एक गंभीर समस्या
आईजी गर्ग ने बताया कि पाकिस्तान से ड्रग्स की तस्करी, खासकर पंजाब, राजस्थान के गंगानगर और बीकानेर जैसे सीमावर्ती इलाकों में, एक गंभीर समस्या बन चुकी है। पड़ोसी देश बार-बार ड्रोन के जरिए नशे की खेप भेजने की कोशिश करता है, लेकिन बीएसएफ की सतर्कता और तकनीकी क्षमता हर बार इन नापाक मंसूबों को नाकाम कर देती है। उन्होंने कहा, "हमारे पास एंटी-ड्रोन सिस्टम है, जिसके जरिए कई बार ड्रोन को गिराया जाता है। जहां ड्रोन नहीं गिर पाता और हेरोइन नीचे गिर जाती है, वहां भी हमारे जवान त्वरित कार्रवाई कर उसे जब्त कर लेते हैं।"
स्थानीय सहयोग की अहम भूमिका
बीएसएफ की इस सफलता में स्थानीय लोगों का सहयोग भी महत्वपूर्ण रहा है। आईजी गर्ग ने बताया कि स्थानीय समुदाय समय-समय पर महत्वपूर्ण सूचनाएं प्रदान करता है, जिसके आधार पर बीएसएफ कई तस्करी की कोशिशों को विफल कर चुकी है। यह सामुदायिक सहयोग और बीएसएफ की सतर्कता ही है जो सीमा पर नशे की तस्करी को रोकने में कारगर साबित हो रही है।
पहले भी हो चुकी हैं ऐसी कार्रवाइयां
यह पहला मौका नहीं है जब बीएसएफ ने इस तरह की कार्रवाई की हो। इससे पहले मार्च 2025 में बीकानेर के 12 केएनडी ग्राम स्थित चक्र 3 केएनएम क्षेत्र में बीएसएफ की खुफिया शाखा ने गुप्त सूचना के आधार पर 3 किलोग्राम हेरोइन बरामद की थी, जिसकी कीमत अंतरराष्ट्रीय बाजार में करीब 15 करोड़ रुपये थी। इस ऑपरेशन में डीआईजी इंटेलिजेंस जोधपुर, विदुर भारद्वाज के नेतृत्व में एक विशेष सर्च अभियान चलाया गया था, जिसमें पीले रंग के पैकेट में हेरोइन की खेप बरामद हुई थी।
बीएसएफ की सतर्कता और तकनीक
बीएसएफ की ओर से इस्तेमाल किए जा रहे एंटी-ड्रोन सिस्टम और प्रभावी निगरानी तंत्र ने सीमा पर तस्करी की घटनाओं को रोकने में महत्वपूर्ण योगदान दिया है। गर्ग ने कहा कि बीएसएफ की टीमें न केवल दिन-रात सतर्क रहती हैं, बल्कि आधुनिक तकनीकों का उपयोग करके तस्करों की हर चाल को नाकाम कर रही हैं।
नशे के खिलाफ जीरो टॉलरेंस
बीएसएफ और अन्य सुरक्षा एजेंसियां नशे की तस्करी के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रही हैं। यह कार्रवाई न केवल सीमा सुरक्षा को मजबूत करती है, बल्कि युवाओं को नशे के जाल में फंसने से बचाने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। जांच एजेंसियां अब यह पता लगाने में जुटी हैं कि इस खेप को प्राप्त करने के लिए भारतीय पक्ष में कौन-कौन शामिल था।इस कार्रवाई ने एक बार फिर साबित कर दिया कि बीएसएफ की सतर्कता और तकनीकी दक्षता के सामने तस्करों की कोई चाल कामयाब नहीं हो सकती।