जैसलमेर दिशा बैठक विवाद: शेखावत और बेनीवाल के बीच तीखी तकरार

जैसलमेर में दिशा समिति की बैठक को लेकर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल के बीच तीखा विवाद। बेनीवाल ने बिना उनकी उपस्थिति में बैठक आयोजित करने और कलेक्टर पर पक्षपात का आरोप लगाया

Apr 19, 2025 - 18:42
जैसलमेर दिशा बैठक विवाद: शेखावत और बेनीवाल के बीच तीखी तकरार

रिपोर्ट जसवंत सिंह शिवकर - जैसलमेर में जिला विकास समन्वय और निगरानी समिति (दिशा) की बैठक को लेकर केंद्रीय मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत और बाड़मेर-जैसलमेर सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल के बीच तीखा विवाद छिड़ गया है। शनिवार को आयोजित इस बैठक के बाद दोनों नेताओं ने एक-दूसरे पर तीखे आरोप लगाए, जिससे राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई। 

विवाद की जड़: बेनीवाल की अनुपस्थिति और नोटिस का मुद्दा

दिशा समिति के सह-अध्यक्ष सांसद उम्मेदाराम बेनीवाल ने आरोप लगाया कि बैठक उनकी सहमति और उपस्थिति के बिना आयोजित की गई, जो उनके अधिकारों का उल्लंघन है। उन्होंने कलेक्टर प्रताप सिंह नाथावत पर एक पार्टी के प्रवक्ता की तरह काम करने का आरोप लगाते हुए केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान को शिकायत दर्ज की। बेनीवाल ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो जारी कर दावा किया कि उन्हें बैठक की तारीख में बदलाव की जानकारी पहले दी थी, और केंद्रीय मंत्री शेखावत का यह कहना कि उन्हें सूचित नहीं किया गया, "झूठ" है।

वहीं, दिशा समिति के अध्यक्ष और केंद्रीय संस्कृति व पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने पलटवार करते हुए कहा कि जिला प्रशासन ने नियमों के अनुसार 15 दिन पहले बेनीवाल को नोटिस भेजा था। शेखावत ने तंज कसते हुए कहा, "सांसद 15 दिन तक नोटिस जेब में रखकर घूमते रहे। अगर वे समय पर मुझे सूचित करते, तो बैठक की तारीख आगे बढ़ाई जा सकती थी।" उन्होंने बेनीवाल पर निशाना साधते हुए कहा कि उनकी यह हरकत "कांग्रेस की पाठशाला" में पढ़ने का नतीजा है, क्योंकि वे हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए हैं।

शेखावत का तर्क: नियमों का पालन और जिला प्रशासन की भूमिका

शेखावत ने स्पष्ट किया कि उन्होंने 21 दिन पहले जिला प्रशासन को बैठक आयोजित करने के निर्देश दिए थे। नियमों के तहत, दिशा समिति की बैठक से 15 दिन पहले सभी सदस्यों को सूचित करना अनिवार्य है। उनके अनुसार, जिला प्रशासन ने बेनीवाल को समय पर नोटिस भेजा था, लेकिन सांसद ने इसकी अनदेखी की और अब सोशल मीडिया पर विवाद खड़ा कर रहे हैं। शेखावत ने सवाल उठाया, "सोशल मीडिया पर ट्वीट करके वे क्या साबित करना चाहते हैं?"

बेनीवाल का जवाब: कलेक्टर पर पक्षपात का आरोप

बेनीवाल ने जवाबी हमले में कलेक्टर पर पक्षपात का आरोप लगाया और कहा कि बैठक की तारीख में बदलाव की सूचना पहले ही दी गई थी। उन्होंने शेखावत के "झूठ बोलने" के दावे को खारिज करते हुए कहा कि यह विवाद जिला प्रशासन की गलती और केंद्रीय मंत्री की मनमानी का परिणाम है। बेनीवाल ने जोर देकर कहा कि वे जैसलमेर के हितों की रक्षा के लिए किसी भी स्तर पर लड़ाई लड़ेंगे।

राजनीतिक निहितार्थ

यह विवाद न केवल शेखावत और बेनीवाल के बीच व्यक्तिगत टकराव को दर्शाता है, बल्कि भाजपा और कांग्रेस के बीच बढ़ती राजनीतिक खींचतान को भी उजागर करता है। बेनीवाल, जो हाल ही में कांग्रेस में शामिल हुए हैं, और शेखावत, जो भाजपा के कद्दावर नेता हैं, के बीच यह टकराव जैसलमेर की स्थानीय राजनीति में नई बहस छेड़ सकता है।

निष्कर्ष

जैसलमेर की दिशा बैठक को लेकर छिड़ा यह विवाद अब सोशल मीडिया से लेकर राजनीतिक मंचों तक चर्चा का विषय बन गया है। दोनों नेताओं के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है, और यह देखना दिलचस्प होगा कि यह मामला आगे कैसे बढ़ता है। फिलहाल, बेनीवाल की शिकायत और शेखावत के जवाब ने जैसलमेर की सियासत को गरमा दिया है। 

Ashok Shera "द खटक" एडिटर-इन-चीफ