भारत ने अमेरिका से हथियार-विमान खरीद रोकी? रक्षा मंत्रालय ने खबर को बताया गलत, प्रक्रिया जारी

नई दिल्ली, 8 अगस्त 2025: हाल ही में खबरें आईं कि भारत ने अमेरिका से हथियार और विमान खरीद की प्रक्रिया को रोक दिया है और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह का प्रस्तावित अमेरिका दौरा भी रद्द कर दिया गया है। हालांकि, रक्षा मंत्रालय ने इन खबरों को सिरे से खारिज करते हुए कहा कि यह पूरी तरह गलत और मनगढ़ंत है। मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि अमेरिका के साथ रक्षा खरीद की बातचीत पहले की तरह चल रही है और तय प्रक्रियाओं का पालन किया जा रहा है।

Aug 8, 2025 - 18:42
भारत ने अमेरिका से हथियार-विमान खरीद रोकी? रक्षा मंत्रालय ने खबर को बताया गलत, प्रक्रिया जारी

टैरिफ विवाद से शुरू हुआ हंगामा

खबरों के अनुसार, अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत पर 50% टैरिफ लगाने के फैसले के बाद भारत ने जवाबी कार्रवाई के तौर पर अमेरिका से हथियार और विमान खरीद पर रोक लगाने का फैसला लिया था। इसमें 31,500 करोड़ रुपये के रक्षा सौदे शामिल थे, जैसे भारतीय नौसेना के लिए 6 बोइंग P8I टोही विमान, स्ट्राइकर कॉम्बैट वाहन, और जैवलिन एंटी-टैंक मिसाइलें। यह भी कहा गया कि रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की वॉशिंगटन यात्रा रद्द कर दी गई।

रक्षा मंत्रालय का स्पष्टीकरण

रक्षा मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने इन खबरों को खारिज करते हुए कहा कि अमेरिका के साथ रक्षा खरीद पर कोई रोक नहीं लगाई गई है। उन्होंने बताया कि खरीद प्रक्रिया पहले की तरह चल रही है और सभी प्रस्ताव तय प्रक्रियाओं के तहत आगे बढ़ रहे हैं। मंत्रालय ने यह भी स्पष्ट किया कि राजनाथ सिंह का कोई अमेरिका दौरा निर्धारित नहीं था, इसलिए रद्द करने का सवाल ही नहीं उठता।

भारत-अमेरिका रक्षा संबंध

भारत और अमेरिका के बीच रक्षा सहयोग पिछले दो दशकों में काफी मजबूत हुआ है। भारत ने अमेरिका से 20 अरब डॉलर से अधिक के हथियार खरीदे हैं, जिसमें बोइंग P8I, अपाचे हेलीकॉप्टर, और C-17 ट्रांसपोर्ट विमान शामिल हैं। दोनों देशों ने 2016 में भारत को प्रमुख रक्षा भागीदार का दर्जा दिया था, जिससे हथियारों और प्रौद्योगिकी की खरीद आसान हुई। हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अमेरिका यात्रा के दौरान स्ट्राइकर और जैवलिन के सह-उत्पादन पर भी सहमति बनी थी।

टैरिफ विवाद और भविष्य

अमेरिका द्वारा भारत पर टैरिफ लगाने का कारण रूस से तेल खरीद को बताया गया है, जिसे ट्रंप प्रशासन ने यूक्रेन युद्ध के लिए जिम्मेदार ठहराया। भारत ने जवाब में कहा कि वह व्यापार वार्ता को प्राथमिकता दे रहा है, लेकिन देशहित सर्वोपरि है। रक्षा मंत्रालय ने स्पष्ट किया कि टैरिफ विवाद का रक्षा सौदों पर कोई असर नहीं पड़ेगा, और बातचीत जल्द ही सकारात्मक दिशा में बढ़ेगी।

स्वदेशी रक्षा पर जोर

रक्षा मंत्रालय ने यह भी बताया कि भारत ‘मेक इन इंडिया’ के तहत स्वदेशी रक्षा उत्पादन को प्राथमिकता दे रहा है। हाल के वर्षों में भारत ने स्वदेशी डिजाइन और निर्माण पर ध्यान केंद्रित किया है, जिसमें स्ट्राइकर और जैवलिन जैसे हथियारों का सह-उत्पादन शामिल है। यह रणनीति न केवल रक्षा खरीद को मजबूत करेगी, बल्कि भारत को आत्मनिर्भर भी बनाएगी।