बीजेपी नेता को जवान बनाने का झांसा: जानवरों के भ्रूण से इंजेक्शन, ठगों का दावा- उम्र 10 साल घटाएंगे
स्टेम सेल थेरेपी के नाम पर बीजेपी नेता से 18.95 लाख की ठगी, फर्जी डॉक्टरों ने जानवरों के भ्रूण से इंजेक्शन लगाकर उम्र कम करने का झांसा दिया। पुलिस जांच शुरू, मामला अवैध इलाज का।

राजस्थान के अजमेर में बूढ़ों को जवान बनाने के दावे के साथ स्टेम सेल थेरेपी के नाम पर ठगी का सनसनीखेज मामला सामने आया है। हैदराबाद के एक रिसर्च सेंटर और विदेशी डॉक्टरों की टीम पर आरोप है कि उन्होंने अजमेर के बीजेपी नेता और होटल व्यवसायी सुरेंद्र सिंह शेखावत से 18 लाख 95 हजार रुपये ठग लिए। पीड़ित ने अलवर गेट थाने में आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी और जीवन को खतरे में डालने का मुकदमा दर्ज कराया है।
ठगी की शुरुआत: स्टेम सेल थेरेपी का झांसा
सुरेंद्र सिंह शेखावत, जो अजमेर नगर परिषद के पूर्व सभापति भी रह चुके हैं, ने बताया कि जुलाई 2023 में उन्हें अंकित शर्मा नाम के एक एजेंट ने संपर्क किया। अंकित ने साइंटिफिक रिसर्च एंड डेवलपमेंट ऑफ यूरोपियन वेलनेस बायोमेट्रिक ग्रुप-37, जुबली हिल्स, हैदराबाद के बारे में बताया। इस सेंटर का दावा था कि जानवरों के भ्रूण से निकाले गए स्टेम सेल्स के इंजेक्शन से लाइलाज बीमारियों का इलाज संभव है और उम्र को 10 साल तक कम किया जा सकता है।
शेखावत ने बताया कि उन्हें लंबे समय से अंडकोष में दर्द, पेट की तकलीफ और घुटनों में दर्द की समस्या थी। अंकित ने इन समस्याओं के इलाज के लिए स्टेम सेल थेरेपी का सुझाव दिया और हैदराबाद के रवि तेज का संपर्क नंबर दिया। रवि तेज ने शेखावत को हैदराबाद बुलाया, जहां उनकी कई मेडिकल जांचें की गईं। रवि ने दावा किया कि स्टेम सेल इंजेक्शन से न केवल उनका दर्द ठीक होगा, बल्कि उनकी उम्र भी कम हो जाएगी।
महंगे इंजेक्शन और बेकार दवाइयां
शेखावत के अनुसार, रवि तेज और उनकी टीम ने इलाज के नाम पर कई बार में 18 लाख 95 हजार रुपये वसूले। दो बार हैदराबाद बुलाकर महंगी जांचें और 6-7 स्टेम सेल इंजेक्शन लगाए गए। विदेशी डॉक्टर साइमन और माइक चेन का हवाला देकर दावा किया गया कि ये इंजेक्शन "धरती पर भगवान" का काम करेंगे। इलाज के बाद महंगी दवाइयां दी गईं, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ।
जब शेखावत ने रवि तेज से संपर्क किया, तो उन्हें आश्वासन दिया गया कि जल्द असर दिखेगा। लेकिन हालत में सुधार न होने पर रवि ने उन्हें दोबारा हैदराबाद बुलाया और फिर इंजेक्शन लगाए। इस बार शेखावत ने देखा कि वहां अजमेर के कई हाईप्रोफाइल लोग, जिनमें एक बड़ा बिजनेसमैन और उसका परिवार शामिल था, भी इलाज के लिए आए थे।
ठगी का खुलासा: स्टेम सेल थेरेपी भारत में प्रतिबंधित
लगातार इलाज के बावजूद कोई फायदा न होने पर शेखावत ने अन्य डॉक्टरों से सलाह ली। तब पता चला कि भारत में जानवरों के भ्रूण से स्टेम सेल थेरेपी पूरी तरह प्रतिबंधित है। मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया (MCI) और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने इसे मान्यता नहीं दी है। यह थेरेपी अवैध होने के साथ-साथ खतरनाक भी है, क्योंकि मानव शरीर जानवरों के स्टेम सेल्स को रिजेक्ट कर सकता है, जिससे गंभीर साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं।
इसके बाद शेखावत ने अलवर गेट थाने में रवि तेज, वेरिटोस हॉस्पिटल प्रबंधन, डॉ. माइक चेन और डॉ. साइमन के खिलाफ मामला दर्ज कराया। उन्होंने यह भी खुलासा किया कि रवि तेज ने उनके बेटे हर्षराज सिंह को अजमेर में स्टेम सेल थेरेपी सेंटर खोलने के लिए 10 करोड़ रुपये के निवेश का लालच दिया था।
अन्य हाईप्रोफाइल लोग भी शिकार?
शेखावत ने दावा किया कि हैदराबाद के सेंटर में अजमेर के कई नामी लोग इलाज के लिए आए थे, जिनमें राजस्थान ट्यूरिज्म डेवलपमेंट कॉर्पोरेशन (RTDC) के पूर्व अध्यक्ष और कांग्रेस नेता धर्मेंद्र सिंह राठौड़ भी शामिल थे। हालांकि, राठौड़ ने इन आरोपों का खंडन किया और कहा कि उन्होंने ऐसी कोई थेरेपी नहीं ली, न ही उनके साथ कोई ठगी हुई।
पुलिस जांच में सामने आया कि रवि तेज अपने नाम के आगे "डॉक्टर" लिखकर लोगों को भ्रमित करता था, जबकि वह मेडिकल डॉक्टर नहीं है। यह भी पता चला कि स्टेम सेल इंजेक्शन फर्जी थे और आयातित नहीं किए गए।
स्टेम सेल थेरेपी: दावे और हकीकत
आरोपियों ने दावा किया कि उनकी कंपनी के दुनिया भर में 40 से अधिक वेलनेस और एज रिवर्सल सेंटर हैं, जिनके संस्थापक बायोटेक शोधकर्ता प्रो. डॉ. माइक चेन और प्रो. डॉ. मिशेल वोंग हैं। कंपनी का दावा था कि स्टेम सेल थेरेपी से बूढ़े अंगों को जवान किया जा सकता है और लंबा, स्वस्थ जीवन संभव है।
हालांकि, मेडिकल विशेषज्ञों के अनुसार, स्टेम सेल थेरेपी का उपयोग अभी प्रायोगिक स्तर पर है और भारत में केवल जली-कटी त्वचा या घावों को ठीक करने जैसे सीमित मामलों में अनुमति है। जानवरों के स्टेम सेल्स का मानव शरीर में उपयोग खतरनाक है और इसके गंभीर साइड इफेक्ट्स हो सकते हैं।
पुलिस जांच और सामाजिक हलचल
अलवर गेट थाना पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हैदराबाद के वेरिटोस हॉस्पिटल से मेडिकल दस्तावेज मंगवाए गए हैं और जल्द ही आरोपियों से पूछताछ की जाएगी। इस मामले ने अजमेर के सामाजिक और राजनीतिक हलकों में हलचल मचा दी है। सोशल मीडिया पर लोग ठगों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग कर रहे हैं।