महाकुंभ की आड़ में रची खौफनाक साजिश: पत्नी की हत्या को शातिर पति ने दिया हादसे का रूप

एक ऐसी सनसनीखेज वारदात ने पुलिस और आम लोगों को हैरत में डाल दिया, जिसमें एक शातिर पति ने अपनी पत्नी की हत्या को महाकुंभ यात्रा की आड़ में सड़क हादसे का जामा पहना दिया। आरोपी महेश उर्फ जीतू सैनी (37) ने इतनी चालाकी से इस हत्याकांड को अंजाम दिया कि पोस्टमॉर्टम और फॉरेंसिक जांच तक को गुमराह कर दिया।

May 18, 2025 - 14:25
महाकुंभ की आड़ में रची खौफनाक साजिश: पत्नी की हत्या को शातिर पति ने दिया हादसे का रूप

जयपुर/दौसा: एक ऐसी सनसनीखेज वारदात ने पुलिस और आम लोगों को हैरत में डाल दिया, जिसमें एक शातिर पति ने अपनी पत्नी की हत्या को महाकुंभ यात्रा की आड़ में सड़क हादसे का जामा पहना दिया। आरोपी महेश उर्फ जीतू सैनी (37) ने इतनी चालाकी से इस हत्याकांड को अंजाम दिया कि पोस्टमॉर्टम और फॉरेंसिक जांच तक को गुमराह कर दिया। लेकिन पुलिस की सूझबूझ और एक छोटे से सुराग ने आखिरकार इस क्रूर साजिश का पर्दाफाश कर दिया।

हत्या की साजिश: छह महीने की प्लानिंग, जहर और गला दबाने का खेल

पुलिस के मुताबिक, महेश ने अपनी पत्नी पारुल सैनी (34) की हत्या के लिए छह महीने तक सटीक मौके की तलाश की। 18 फरवरी 2025 को उसने पारुल को महाकुंभ ले जाने का झांसा देकर जयपुर के टोंक फाटक स्थित घर से कार में दौसा की ओर रवाना किया। रास्ते में उसने पारुल को चिप्स में जहर मिलाकर खिला दिया। जहर की मात्रा इतनी सटीक थी कि पारुल बेहोश हो गई, लेकिन उसकी मौत नहीं हुई। इसके बाद महेश ने पारुल का गला और नाक दबाकर उसकी जान ले ली।

हैरानी की बात यह है कि महेश ने हत्या को इतनी सफाई से अंजाम दिया कि पारुल के शरीर पर कोई निशान या फिंगरप्रिंट नहीं मिले। जहर की मात्रा इतनी कम थी कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में भी इसका पता नहीं चला। पुलिस के अनुसार, महेश ने इंटरनेट की मदद से जहर की मात्रा और हत्या के तरीकों पर गहन रिसर्च की थी।

हादसे का नाटक: गाड़ी, चोटें और कहानी ने उठाए सवाल

महेश ने हत्या के बाद दौसा हाईवे पर गाड़ी को हल्का सा क्रैश करवाकर इसे सड़क हादसा दिखाने की कोशिश की। उसने पुलिस को बताया कि तेज रफ्तार के कारण गाड़ी हाईवे से उतर गई, जिसमें वह घायल हो गया और पारुल की मौत हो गई। लेकिन जब दौसा पुलिस मौके पर पहुंची, तो कई बातें खटकने लगीं।

दौसा डीएसपी रवि प्रकाश शर्मा ने बताया, "गाड़ी को ज्यादा नुकसान नहीं हुआ था। महेश और पारुल के शरीर पर मामूली चोटें थीं, जो मौत की वजह बनने लायक नहीं थीं। हादसे की जगह और परिस्थितियां भी संदिग्ध लग रही थीं।" इन संदेहों ने पुलिस को गहरी जांच के लिए प्रेरित किया।

शातिराना दिमाग: दो मोबाइल, दो जिंदगी

महेश की चालाकी का आलम यह था कि वह दो मोबाइल फोन का इस्तेमाल करता था। एक फोन उसने हत्या की साजिश रचने के लिए खास तौर पर लिया था, जिसके बारे में किसी को भनक तक नहीं थी। पूछताछ में उसने पुलिस से इस फोन को छिपाने की कोशिश की। लेकिन महेश के एक करीबी ने पुलिस को इस गुप्त मोबाइल नंबर का सुराग दे दिया। इस नंबर की जांच ने सारी साजिश को उजागर कर दिया।

पारिवारिक विवाद और टूटी शादियां: हत्या की वजह

पुलिस जांच में पता चला कि महेश और पारुल की शादी तीसरी थी। इससे पहले महेश की दो शादियां (एक लव मैरिज) असफल हो चुकी थीं, और दोनों में दहेज उत्पीड़न के मामले दर्ज थे। पारुल, जो अलीगढ़ के जनकपुरी (रामघाट रोड) की रहने वाली थी, के साथ भी महेश का रिश्ता तनावपूर्ण था। दोनों के बीच अलग घर बनाने को लेकर रोज झगड़े होते थे।

पुलिस को पहला बड़ा सुराग तब मिला, जब जयपुर के बजाज नगर थाने में दर्ज एक शिकायत सामने आई। अगस्त 2024 में महेश के माता-पिता ने पुलिस को बताया था कि महेश और पारुल के झगड़ों से वे तंग आ चुके हैं। इस शिकायत के बाद दोनों को दिसंबर 2024 में पाबंद किया गया था। माता-पिता ने महेश और पारुल को संपत्ति से भी बेदखल कर दिया था। यही शिकायत पुलिस के लिए जांच की दिशा तय करने वाली साबित हुई।

करीबी ने खोला राज, पुलिस ने कसा शिकंजा

महेश पूछताछ में बार-बार पुलिस को गुमराह करने की कोशिश कर रहा था। ऐसे में पुलिस ने उसके करीबियों को पूछताछ के लिए बुलाया। एक करीबी ने खुलासा किया कि महेश एक गुप्त मोबाइल नंबर का इस्तेमाल करता है। इस नंबर की कॉल डिटेल्स और लोकेशन डेटा ने हत्या की पूरी कहानी उजागर कर दी। इसके बाद महेश को 17 मई 2025 को गिरफ्तार कर लिया गया।

पुलिस की तारीफ, सीएम ने दी बधाई

दौसा डीएसपी रवि प्रकाश शर्मा की अगुवाई में पुलिस टीम ने इस जटिल मामले को सुलझाने में दिन-रात मेहनत की। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इस केस के खुलासे पर दौसा पुलिस को बधाई दी और इसे एक मिसाल बताया।