"बेंगलुरु में मासूम की दिल दहलाने वाली हत्या:अपहरण कर शव जलाने की क्रूर साजिश"
बेंगलुरु के बन्नेरघट्टा में 30 जुलाई 2025 को 13 वर्षीय नाबालिग निश्चिथ का ट्यूशन से लौटते समय अपहरण हुआ। अपहरणकर्ताओं ने 5 लाख रुपये की फिरौती मांगी, लेकिन अगले दिन उसकी हत्या कर शव को बन्नेरघट्टा-कग्गलीपुर रोड पर जला दिया। पुलिस ने परिवार के ड्राइवर सहित दो आरोपियों को गिरफ्तार किया, जो परिवार की दिनचर्या से वाकिफ थे। जांच जारी है।

बेंगलुरु के बन्नेरघट्टा इलाके में 30 जुलाई 2025 को एक सनसनीखेज और दिल दहलाने वाली घटना सामने आई, जिसमें 13 साल के नाबालिग लड़के निश्चिथ की अपहरण के बाद नृशंस हत्या कर दी गई। अपराधियों ने निश्चिथ का अपहरण उस समय किया जब वह अपनी ट्यूशन क्लास से घर लौट रहा था। अगले दिन, 31 जुलाई को उसका आधा जला हुआ शव बन्नेरघट्टा-कग्गलीपुर रोड पर एक सुनसान पथरीले इलाके में मिला। पुलिस ने इस मामले में परिवार के ड्राइवर सहित दो लोगों को गिरफ्तार किया है, जिन्होंने फिरौती के लिए 5 लाख रुपये की मांग की थी।
घटना का विवरण
निश्चिथ के पिता के अनुसार, उनका बेटा रोजाना शाम 5 बजे ट्यूशन के लिए जाता था और 7:30 बजे तक घर लौट आता था। 30 जुलाई की शाम, जब वह 8 बजे तक घर नहीं पहुंचा, तो परिवार ने सबसे पहले उसके ट्यूशन शिक्षक से संपर्क किया, जिन्होंने पुष्टि की कि निश्चिथ क्लास में मौजूद था। इसके बाद परिवार ने उसकी तलाश शुरू की और उसकी साइकिल फैमिली पार्क के पास पाई गई। रात करीब 9 बजे, निश्चिथ के पिता को एक अज्ञात नंबर से फोन आया, जिसमें अपहरणकर्ताओं ने 5 लाख रुपये की फिरौती मांगी और बेटे की सुरक्षित वापसी का वादा किया। पिता ने फिरौती की रकम देने की सहमति जताई और अपराधियों ने सुबह पैसे देने की जगह का लोकेशन भेजने का आश्वासन दिया। फिरौती की व्यवस्था के दौरान, अपहरणकर्ताओं ने कई बार लोकेशन बदला ताकि पुलिस उनका पीछा न कर सके। हालांकि, अचानक अपराधियों का फोन बंद हो गया, जिसके बाद परिवार ने तुरंत पुलिस को सूचित किया। 31 जुलाई की शाम करीब 5:30 बजे, एक राहगीर ने बन्नेरघट्टा-कग्गलीपुर रोड पर आधा जला हुआ शव देखा और पुलिस को सूचना दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर शव की पहचान निश्चिथ के रूप में की। प्रारंभिक जांच में पता चला कि अपराधियों ने हत्या के बाद सबूत मिटाने के लिए शव को जलाने की कोशिश की थी।
पुलिस जांच और गिरफ्तारी
बेंगलुरु पुलिस ने त्वरित कार्रवाई करते हुए मामले की जांच शुरू की। सीसीटीवी फुटेज और कॉल डिटेल्स की जांच के बाद, पुलिस ने परिवार के ड्राइवर और उसके एक साथी को गिरफ्तार किया। प्रारंभिक पूछताछ में ड्राइवर ने अपराध में अपनी संलिप्तता स्वीकार की और बताया कि उसने अपने साथी के साथ मिलकर फिरौती के लिए निश्चिथ का अपहरण किया था। हालांकि, फिरौती की रकम मिलने से पहले ही उन्होंने निश्चिथ की हत्या कर दी और शव को ठिकाने लगाने के लिए जला दिया।
पुलिस के अनुसार, ड्राइवर को परिवार की दिनचर्या और निश्चिथ के ट्यूशन के समय की पूरी जानकारी थी, जिसका फायदा उठाकर उसने इस वारदात को अंजाम दिया। पुलिस अभी अन्य संदिग्धों की तलाश में है और यह पता लगाने की कोशिश कर रही है कि क्या इस अपराध में और लोग शामिल थे।
परिवार और समाज में आक्रोश
इस घटना ने निश्चिथ के परिवार और स्थानीय समुदाय में गहरा आघात और आक्रोश पैदा किया है। परिवार ने पुलिस से इस मामले की गहन जांच और दोषियों को सख्त सजा देने की मांग की है। स्थानीय लोगों ने भी इस क्रूर अपराध के खिलाफ आवाज उठाई और बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई।
यह घटना न केवल बेंगलुरु बल्कि पूरे देश में बच्चों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल उठाती है। परिवार के ड्राइवर जैसे विश्वासपात्र व्यक्ति द्वारा इस तरह का जघन्य अपराध करना समाज में विश्वास की नींव को हिलाने वाला है। पुलिस की त्वरित कार्रवाई ने भले ही दो आरोपियों को पकड़ लिया हो, लेकिन इस मामले ने समाज में डर और असुरक्षा का माहौल पैदा कर दिया है।