3.35 करोड़ की MD ड्रग्स के साथ स्कॉर्पियो पकड़ी, राजस्थान पुलिस का लोगो और गुजरात नंबर प्लेट ने खड़े किए सवाल

जैसलमेर में पुलिस ने 3.35 करोड़ की एमडी ड्रग्स के साथ गुजरात नंबर प्लेट और राजस्थान पुलिस लोगो वाली स्कॉर्पियो पकड़ी, दो तस्कर गिरफ्तार; 170 किमी बिना चेकिंग के सफर पर पुलिस गश्त पर सवाल।

Aug 2, 2025 - 14:16
3.35 करोड़ की MD ड्रग्स के साथ स्कॉर्पियो पकड़ी, राजस्थान पुलिस का लोगो और गुजरात नंबर प्लेट ने खड़े किए सवाल

राजस्थान के जैसलमेर जिले में पुलिस की डीएसटी (डिस्ट्रिक्ट स्पेशल टीम) ने शुक्रवार को एक बड़ी कार्रवाई करते हुए 3.35 करोड़ रुपये की एमडी ड्रग्स की खेप पकड़ी। यह खेप एक स्कॉर्पियो कार में मिली, जिस पर गुजरात नंबर की प्लेट और राजस्थान पुलिस का लोगो लगा था। कार फलोदी से जैसलमेर तक 170 किलोमीटर का सफर बिना किसी चेकपोस्ट, चौकी या थाना पुलिस की रोकटोक के तय कर चुकी थी, जिसने पुलिस की गश्त और निगरानी पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।

अब तक की सबसे बड़ी खेप

जैसलमेर के एसपी अभिषेक शिवहरे ने बताया कि यह जिले में अब तक पकड़ी गई ड्रग्स की सबसे बड़ी खेप है। इसकी मार्केट वैल्यू 3.35 करोड़ रुपये और वजन 336.4 ग्राम है। डीएसटी ने कार के साथ दो तस्करों, प्रकाश विश्नोई और प्रेमप्रकाश विश्नोई, को भी गिरफ्तार किया है। एसपी ने कहा, "कार पर पुलिस का लोगो होने के कारण मोटर व्हीकल एक्ट के तहत कार्रवाई की जाएगी। जांच में जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ सख्त कदम उठाए जाएंगे।"

पुलिस लोगो ने बढ़ाई शंका

स्कॉर्पियो कार पर गुजरात नंबर की प्लेट और आगे के शीशे पर राजस्थान पुलिस का लोगो होने से इस मामले ने नया मोड़ ले लिया है। ऐसा माना जा रहा है कि पुलिस के लोगो की वजह से ही कार 170 किलोमीटर का सफर बिना किसी जांच के पूरा कर सकी। डीएसटी के प्रभारी हेड कॉन्स्टेबल भीमराव सिंह ने बताया कि मुखबिर तंत्र से मिले इनपुट के आधार पर कार को जैसलमेर रेलवे स्टेशन के पास पकड़ा गया। तलाशी में भारी मात्रा में एमडी ड्रग्स बरामद हुई।

ड्रग्स सप्लाई का था प्लान

पकड़े गए तस्कर जैसलमेर में ड्रग्स की डिलीवरी देने आए थे। यहां से ड्रग्स को अलग-अलग पैकेट में सप्लाई किया जाना था। लेकिन डीएसटी की त्वरित कार्रवाई ने तस्करों के मंसूबों पर पानी फेर दिया। अगर यह खेप पकड़ी न जाती, तो जैसलमेर में बड़े पैमाने पर मादक पदार्थों की सप्लाई हो सकती थी।

पुलिस अब इस मामले की गहन जांच कर रही है। कार पर पुलिस लोगो और गुजरात नंबर प्लेट के इस्तेमाल ने कई सवाल खड़े किए हैं। क्या यह लोगो तस्करों ने जानबूझकर इस्तेमाल किया? क्या इसमें किसी पुलिसकर्मी की मिलीभगत थी? इन सभी पहलुओं की जांच की जा रही है। जैसलमेर पुलिस ने इसे अपनी अब तक की सबसे बड़ी कामयाबी बताया है, लेकिन यह मामला पुलिस की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठा रहा है।

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