भारतीय फुटबॉल टीम को मिलेगा नया हेड कोच: 1 अगस्त को हो सकता है ऐलान

भारतीय फुटबॉल टीम के नए हेड कोच की नियुक्ति 1 अगस्त को संभावित है, जिसमें खालिद जमील सबसे आगे हैं। एआईएफएफ ने 160+ आवेदकों में से जमील, स्टीफन कॉन्स्टेंटाइन और स्टीफन टारकोविच को शॉर्टलिस्ट किया है।

Jul 29, 2025 - 18:11
भारतीय फुटबॉल टीम को मिलेगा नया हेड कोच: 1 अगस्त को हो सकता है ऐलान

भारतीय फुटबॉल टीम के लिए एक नया अध्याय शुरू होने वाला है। अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) ने राष्ट्रीय पुरुष फुटबॉल टीम के नए हेड कोच की नियुक्ति के लिए कमर कस ली है। खबरों के मुताबिक, 1 अगस्त को नए कोच की घोषणा हो सकती है, और इस रेस में भारतीय कोच खालिद जमील सबसे आगे चल रहे हैं। अगर उनकी नियुक्ति होती है, तो वह एक दशक से अधिक समय बाद राष्ट्रीय टीम का नेतृत्व करने वाले पहले भारतीय कोच बन सकते हैं।

तीन दिग्गजों की शॉर्टलिस्ट

एआईएफएफ की तकनीकी समिति, जिसकी अध्यक्षता पूर्व भारतीय कप्तान आईएम विजयन कर रहे हैं, ने 160 से अधिक आवेदकों में से तीन नामों को शॉर्टलिस्ट किया है। इनमें खालिद जमील, अनुभवी एंग्लो-साइप्रस कोच स्टीफन कॉन्स्टेंटाइन, और स्लोवाकिया के स्टीफन टारकोविच शामिल हैं। तकनीकी समिति ने इन तीनों नामों को एआईएफएफ की कार्यकारी समिति के पास अंतिम फैसले के लिए भेजा है।

सूत्रों के हवाले से पता चला है कि तकनीकी समिति में अधिकांश सदस्य एक भारतीय कोच को प्राथमिकता दे रहे हैं, जिससे खालिद जमील का दावा मजबूत हो रहा है। हालांकि, कुछ मतभेद भी सामने आए हैं, क्योंकि राष्ट्रीय टीमों के निदेशक ने विदेशी कोच को प्राथमिकता दी थी।

खालिद जमील: भारतीय फुटबॉल का उभरता सितारा

खालिद जमील भारतीय फुटबॉल में एक जाना-माना नाम हैं। उनकी कोचिंग में कई घरेलू टीमें शानदार प्रदर्शन कर चुकी हैं। खास तौर पर, उन्होंने आई-लीग में ऐजवाल एफसी को 2016-17 में ऐतिहासिक खिताब दिलाया और इंडियन सुपर लीग (आईएसएल) में नॉर्थईस्ट यूनाइटेड और जमशेदपुर एफसी जैसी टीमों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया। उनकी खासियत है बिना बड़े नामों के भरोसे, सीमित संसाधनों में भी खिलाड़ियों से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन निकालना।

फैंस और विशेषज्ञों के बीच जमील की लोकप्रियता का एक कारण उनकी मेहनत और सादगी भरा रवैया है। सोशल मीडिया पर एक यूजर ने लिखा, "कोई स्टार साइनिंग नहीं, कोई शिकायत नहीं, फिर भी खालिद हमेशा नतीजे दे जाते हैं। भारतीय कोचों के लिए वह एक प्रेरणा हैं।"

स्टीफन कॉन्स्टेंटाइन और टारकोविच: अनुभव का खजाना

शॉर्टलिस्ट में शामिल अन्य दो कोचों का भी रिकॉर्ड शानदार है। स्टीफन कॉन्स्टेंटाइन ने भारत को दो अलग-अलग कार्यकालों (2002-2005 और 2015-2019) में कोचिंग दी है। उनके नेतृत्व में भारतीय टीम ने फीफा रैंकिंग में सुधार किया और 2019 में एएफसी एशियन कप में हिस्सा लिया। दूसरी ओर, स्लोवाकिया के स्टीफन टारकोविच ने अपनी रणनीति और अनुभव के दम पर कई यूरोपीय क्लबों में सफलता हासिल की है। हालांकि, भारतीय प्रशंसकों के बीच खालिद जमील का नाम ज्यादा चर्चा में है, क्योंकि फैंस एक देसी कोच को मौका देने की मांग कर रहे हैं।

क्यों है यह नियुक्ति खास?

पिछले कुछ सालों में भारतीय फुटबॉल ने उतार-चढ़ाव देखे हैं। हाल ही में, पूर्व कोच इगोर स्टिमैक को फीफा विश्व कप 2026 क्वालिफायर्स में खराब प्रदर्शन के बाद हटा दिया गया था। इसके बाद मनोलो मार्केज को अंतरिम कोच बनाया गया, लेकिन अब स्थायी कोच की तलाश पूरी होने वाली है।

Yashaswani Journalist at The Khatak .