प्रधानमंत्री आवास पर हाई-वोल्टेज बैठक: मोदी, शाह, जयशंकर और डोभाल ने बनाई आतंकवाद के खिलाफ ठोस रणनीति
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने आवास पर एक महत्वपूर्ण बैठक की, जिसमें गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और एनएसए अजीत डोभाल शामिल थे। बैठक में भारत-पाक तनाव, ऑपरेशन सिंदूर की सफलता, सीमा सुरक्षा, आतंकवाद के खिलाफ रणनीति और कूटनीतिक कदमों पर चर्चा हुई। सरकार ने सशस्त्र बलों को पूरी ऑपरेशनल आजादी देने और पाकिस्तान पर दबाव बढ़ाने का फैसला लिया। जल्द ही नए ऐलान संभव हैं।

16 मई 2025
प्रधानमंत्री आवास पर शुक्रवार शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित हुई, जिसमें देश के प्रमुख सुरक्षा और विदेश नीति से जुड़े मुद्दों पर गहन चर्चा हुई। इस बैठक में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, विदेश मंत्री एस. जयशंकर और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल मौजूद रहे। लगभग 40 मिनट तक चली इस बैठक को हाल के भारत-पाकिस्तान तनाव और ऑपरेशन सिंदूर के संदर्भ में अत्यंत महत्वपूर्ण माना जा रहा है।
हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में हुए आतंकी हमले और इसके बाद भारत द्वारा पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (पीओके) में आतंकी ठिकानों पर किए गए सफल सैन्य अभियान "ऑपरेशन सिंदूर" के बाद यह बैठक बुलाई गई। सूत्रों के अनुसार, इस बैठक में क्षेत्रीय सुरक्षा, सीमा पर तनाव और भारत की कूटनीतिक रणनीति पर विचार-विमर्श किया गया। इसके अलावा, पाकिस्तान द्वारा ड्रोन हमलों और अन्य उकसावे वाली कार्रवाइयों के जवाब में भारत की भावी रणनीति पर भी चर्चा हुई।
प्रमुख बिंदु
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अमित शाह की भूमिका: गृह मंत्री अमित शाह ने बैठक में आंतरिक सुरक्षा और जम्मू-कश्मीर में स्थिति को लेकर विस्तृत जानकारी दी। पहलगाम हमले के बाद शाह ने श्रीनगर में पीड़ितों के परिवारों से मुलाकात की थी और सुरक्षा व्यवस्था को मजबूत करने के लिए कई कदम उठाए थे।
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एस. जयशंकर का योगदान: विदेश मंत्री जयशंकर ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ भारत की स्थिति को स्पष्ट करने और पाकिस्तान के खिलाफ कूटनीतिक दबाव बनाने की रणनीति पर जोर दिया। हाल ही में जयशंकर ने अमेरिका, यूरोपीय संघ और इटली के अपने समकक्षों से बातचीत की थी, जिसमें भारत के आतंकवाद विरोधी रुख को व्यापक समर्थन मिला था।
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अजीत डोभाल की रणनीति: एनएसए अजीत डोभाल ने राष्ट्रीय सुरक्षा के दृष्टिकोण से महत्वपूर्ण सुझाव दिए। डोभाल ने ऑपरेशन सिंदूर की सफलता और भविष्य में ऐसी कार्रवाइयों की योजना पर प्रकाश डाला।
यह बैठक ऐसे समय में हुई है जब भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव चरम पर है। ऑपरेशन सिंदूर के तहत भारतीय सशस्त्र बलों ने पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर सटीक हमले किए, जिसकी प्रशंसा न केवल भारत में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी हुई। अभिनेता रजनीकांत ने भी इस ऑपरेशन की सराहना करते हुए पीएम मोदी, अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह को बधाई दी थी।
बैठक में यह भी चर्चा हुई कि भारत अपनी सीमाओं की रक्षा और आतंकवाद के खिलाफ अपनी नीति को और सख्त करेगा। सूत्रों का कहना है कि सरकार ने सशस्त्र बलों को "पूरा ऑपरेशनल स्वतंत्रता" देने का फैसला किया है, ताकि वे आतंकवाद के खिलाफ निर्णायक कार्रवाई कर सकें।
बैठक के बाद माना जा रहा है कि भारत सरकार जल्द ही कुछ महत्वपूर्ण घोषणाएं कर सकती है। इनमें सीमा सुरक्षा को और मजबूत करना, आतंकवाद के खिलाफ नए सैन्य अभियान और अंतरराष्ट्रीय मंचों पर पाकिस्तान को अलग-थलग करने की रणनीति शामिल हो सकती है। इसके अलावा, जम्मू-कश्मीर में नागरिकों की सुरक्षा के लिए अतिरिक्त कदम उठाए जा सकते हैं।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई इस बैठक ने एक बार फिर भारत की आतंकवाद के प्रति "जीरो टॉलरेंस" नीति को रेखांकित किया। अमित शाह, एस. जयशंकर और अजीत डोभाल जैसे शीर्ष नेताओं की मौजूदगी ने इस बैठक को रणनीतिक और कूटनीतिक दृष्टिकोण से और भी महत्वपूर्ण बना दिया। देश अब सरकार के अगले कदमों पर नजर रखे हुए है, जो न केवल क्षेत्रीय स्थिरता, बल्कि वैश्विक स्तर पर भारत की स्थिति को और मजबूत कर सकते हैं।