"अंधविश्वास का काला जाल: चाचा ने रूठी पत्नी के लिए मासूम भतीजे को बनाया तांत्रिक बलि का शिकार"

राजस्थान के अलवर में अंधविश्वास के चलते एक चाचा, मनोज कुमार, ने अपनी रूठी पत्नी को वश में करने के लिए तांत्रिक सुनील के कहने पर अपने 6 साल के भतीजे लोकेश की निर्मम हत्या कर दी। तांत्रिक ने अनुष्ठान के लिए बच्चे का खून और कलेजा मांगा था। मनोज ने लोकेश को सुनसान मकान में ले जाकर गला दबाकर मार डाला और खून निकालने के लिए इंजेक्शन चुभाए। पुलिस ने मनोज और तांत्रिक सुनील को गिरफ्तार कर लिया। यह घटना अंधविश्वास की भयावहता को दर्शाती है।

Jul 23, 2025 - 12:33
"अंधविश्वास का काला जाल: चाचा ने रूठी पत्नी के लिए मासूम भतीजे को बनाया तांत्रिक बलि का शिकार"

राजस्थान के अलवर जिले के मुंडावर थाना क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली घटना ने मानवता को शर्मसार कर दिया। एक चाचा, जिसे 6 साल का मासूम लोकेश "चाचा-चाचा" कहकर पुकारता और घर में उसके पीछे-पीछे घूमता था, उसी ने अपनी रूठी पत्नी को वश में करने के लिए तांत्रिक के बहकावे में आकर उसकी निर्मम हत्या कर दी। यह कहानी न केवल अंधविश्वास की अंधेरी गहराइयों को उजागर करती है, बल्कि रिश्तों की पवित्रता पर भी सवाल उठाती है।

घटना का भयावह विवरण

19 जुलाई 2025 को, अलवर के सराय कला गांव में रहने वाला 6 साल का मासूम लोकेश अचानक लापता हो गया। उसके पिता बिंटू ने पुलिस में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। उसी रात, गहन तलाशी के बाद लोकेश का शव एक सुनसान मकान में तूड़े (भूसे) के ढेर में छिपा हुआ मिला। शुरुआत में यह एक ब्लाइंड मर्डर केस था, लेकिन पुलिस की तफ्तीश ने जल्द ही इस भयानक अपराध की परतें खोल दीं।पुलिस ने सीसीटीवी फुटेज और मुखबिरों की मदद से जांच को आगे बढ़ाया। 21 जुलाई को मृतक लोकेश के सगे चाचा, मनोज कुमार उर्फ पूर्ण प्रजापत, को गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में मनोज ने जो खुलासा किया, वह रोंगटे खड़े करने वाला था। उसने बताया कि उसकी पत्नी, जो लोकेश की मां की सगी बहन है, घरेलू विवाद के बाद अपने मायके चली गई थी और वापस नहीं आ रही थी। मनोज अपनी पत्नी को वापस लाने और उसे वश में करने के लिए इतना बेताब था कि उसने तांत्रिक सुनील कुमार की शरण ली।

तांत्रिक का जाल और क्रूर सलाह

तांत्रिक सुनील, जो खानपुर अहिर गांव का रहने वाला है, ने मनोज को बताया कि उसकी पत्नी को वश में करने के लिए एक तांत्रिक अनुष्ठान करना होगा। इसके लिए उसने 12,000 रुपये, एक बच्चे का खून और कलेजा मांगा। सुनील ने दावा किया कि यह अनुष्ठान मां काली को प्रसन्न करेगा और मनोज की पत्नी उसके वश में हो जाएगी। अंधविश्वास में डूबे मनोज ने इस बात को सच मान लिया और अपने ही 6 साल के भतीजे लोकेश को इस क्रूर साजिश का शिकार बनाने का फैसला किया।

मासूम की निर्मम हत्या

19 जुलाई की रात, मनोज ने मासूम लोकेश को बहला-फुसलाकर एक सुनसान मकान में ले गया। वहां उसने बच्चे का गला दबाकर उसकी हत्या कर दी। इतना ही नहीं, तांत्रिक के निर्देशों का पालन करते हुए उसने लोकेश के शरीर में कई जगह इंजेक्शन चुभाकर खून निकालने की कोशिश की, ताकि वह तांत्रिक अनुष्ठान के लिए खून और कलेजा ले जा सके। इसके बाद, उसने बच्चे की लाश को तूड़े के ढेर में छिपा दिया, ताकि अपराध का पता न चले।सबसे दुखद बात यह है कि मनोज ने अपने अपराध को छिपाने के लिए परिवार के साथ मिलकर लोकेश को ढूंढने का नाटक भी किया। वह उस मासूम के शव को खोजने में परिवार के साथ शामिल था, जिसे उसने स्वयं मार डाला था। 

पुलिस की कार्रवाई और तांत्रिक की गिरफ्तारी

पुलिस ने गहन जांच के बाद 21 जुलाई को मनोज को गिरफ्तार किया। उसकी निशानदेही पर हत्या में इस्तेमाल किए गए इंजेक्शन को बरामद किया गया। पूछताछ में मनोज ने तांत्रिक सुनील की भूमिका का खुलासा किया, जिसके बाद 22 जुलाई को सुनील को भी गिरफ्तार कर लिया गया। पुलिस के अनुसार, यह एक जघन्य अपराध है, जो अंधविश्वास और तंत्र-मंत्र के नाम पर इंसानियत को कलंकित करता है।

मां का दर्द: "जिसे चाचा कहता था, उसी ने मार डाला"

लोकेश की मां का रो-रोकर बुरा हाल है। उसने कहा, "मेरा बच्चा उसे चाचा-चाचा कहकर पुकारता था। वह उसके पीछे-पीछे घूमता था, लेकिन उसी ने मेरे लाल को छीन लिया।" यह दर्दनाक बयान हर उस इंसान का दिल तोड़ देता है, जो इस घटना के बारे में सुनता है। लोकेश की मां और मनोज की पत्नी सगी बहनें हैं, जिसके चलते यह अपराध और भी हृदयविदारक हो जाता है।

अंधविश्वास का काला साया

यह घटना एक बार फिर समाज में व्याप्त अंधविश्वास और तंत्र-मंत्र के नाम पर होने वाले अपराधों पर सवाल उठाती है। तांत्रिक सुनील ने मनोज को अपने जाल में फंसाकर न केवल एक मासूम की जान लेने के लिए उकसाया, बल्कि एक परिवार को हमेशा के लिए दुख के सागर में डुबो दिया। जैसा कि एक ट्वीट में कहा गया, "अंधविश्वास में डूबा इंसान, खुद भी डूबता है और दूसरों को भी ले डूबता है।

पुलिस का बयान

मुंडावर थाने के SHO महावीर सिंह ने बताया कि यह एक अत्यंत जघन्य अपराध है। "मनोज और सुनील दोनों को गिरफ्तार कर लिया गया है। हमने घटना में इस्तेमाल हुए इंजेक्शन और अन्य साक्ष्य बरामद कर लिए हैं। जांच अभी जारी है, और हम यह सुनिश्चित करेंगे कि दोषियों को कड़ी सजा मिले।" 

समाज के लिए सबक

यह घटना हमें अंधविश्वास के खिलाफ जागरूकता फैलाने की जरूरत को रेखांकित करती है। तंत्र-मंत्र और जादू-टोने के नाम पर लोग न केवल अपनी जिंदगी बर्बाद करते हैं, बल्कि दूसरों को भी दुख और पीड़ा देते हैं। लोकेश की मासूम मुस्कान आज हमेशा के लिए खामोश हो गई, लेकिन उसकी कहानी हमें यह सिखाती है कि शिक्षा, जागरूकता और तर्कसंगत सोच ही इस तरह के अपराधों को रोक सकती है।

यह कहानी सिर्फ एक अपराध की नहीं, बल्कि एक मासूम के विश्वासघात और रिश्तों की टूटी डोर की है। जिस चाचा के कंधों पर लोकेश खेला करता था, उसी ने उसे तांत्रिक के जाल में फंसकर मौत के घाट उतार दिया। समाज को इस घटना से सबक लेना होगा और अंधविश्वास के खिलाफ एकजुट होकर लड़ना होगा, ताकि भविष्य में कोई और लोकेश इस तरह की क्रूरता का शिकार न बने