नवरात्रि में CM भजनलाल शर्मा का कठिन व्रत: आठ माह से अन्न त्याग कर कर रहे जनसेवा, 42 से अधिक कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी

राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा नवरात्रि में कठिन व्रत और साधना के साथ आत्म-अनुशासन और सेवा का अनूठा उदाहरण प्रस्तुत कर रहे हैं। आठ माह से अन्न त्यागकर, नींबू और नारियल पानी पर निर्भर, वे 42 से अधिक कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी निभा रहे हैं।

Sep 29, 2025 - 17:44
नवरात्रि में CM भजनलाल शर्मा का कठिन व्रत: आठ माह से अन्न त्याग कर कर रहे जनसेवा, 42 से अधिक कार्यक्रमों में सक्रिय भागीदारी

शारदीय नवरात्रि के पावन अवसर पर, जब पूरा देश मां दुर्गा की भक्ति में डूबा है, राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने इस समय को आध्यात्मिक साधना, आत्म-अनुशासन और सेवा के एक अनोखे मिश्रण के रूप में अपनाया है। उनकी साधना न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह आत्मबल, संयम और समर्पण का भी एक जीवंत उदाहरण है।

आठ माह से अन्न का त्याग, नींबू और नारियल पानी पर दिनचर्या

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पिछले आठ महीनों से अन्न का पूर्ण रूप से त्याग कर रखा है। नवरात्रि के नौ दिनों में उनकी दिनचर्या और भी कठिन हो जाती है, जब वे केवल नींबू पानी और नारियल पानी के सहारे दिन गुजारते हैं। यह उनकी शारीरिक और मानसिक दृढ़ता का परिचय देता है। वे कहते हैं, “यह उपवास केवल एक धार्मिक रस्म नहीं, बल्कि मां दुर्गा की कृपा से मिलने वाली आध्यात्मिक शक्ति और आत्म-अनुशासन की साधना है।”

व्रत नहीं, जीवन का हिस्सा है यह संयम

जहां आम लोग नवरात्रि में फलाहार या मिठाई के साथ व्रत पूर्ण करते हैं, वहीं मुख्यमंत्री का व्रत संयम और साधना का प्रतीक है। उनके लिए यह केवल भोजन का परहेज नहीं, बल्कि मन और आत्मा की शुद्धि का पर्व है। वे कहते हैं, “नवरात्रि के ये नौ दिन मेरे लिए आत्म-अनुशासन और एकाग्रता को बढ़ाने का अवसर हैं। यह शक्ति उपासना मुझे मां दुर्गा के आशीर्वाद से ही संभव हो रही है।”

स्वास्थ्य का आधार: सादगी और नियमितता

मुख्यमंत्री की दिनचर्या में सादगी और संयम स्पष्ट झलकता है। रोजमर्रा के जीवन में भी वे अन्न से परहेज करते हैं और फलाहार, उबली सब्जियां, नींबू पानी, नारियल पानी, चाय और गाय के दूध पर निर्भर रहते हैं। इसके साथ ही योग, ध्यान और नियमित वॉक उनकी जीवनशैली का अभिन्न हिस्सा हैं। उनका मानना है कि स्वस्थ शरीर और शांत मन ही किसी भी सेवा कार्य की नींव है।

सेवा कार्यों में कोई कमी नहीं

नवरात्रि के दौरान मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने अपने प्रशासनिक दायित्वों को भी पूरी निष्ठा के साथ निभाया है। जानकारी के अनुसार, उन्होंने इस दौरान 42 से अधिक कार्यक्रमों में भाग लिया, जिनमें उद्घाटन, अवलोकन और शिलान्यास जैसे महत्वपूर्ण कार्य शामिल हैं। इनमें से लगभग 18 बार वे जयपुर से बाहर दौरे पर रहे। यह दर्शाता है कि उनका व्रत उनकी कार्यक्षमता को प्रभावित करने के बजाय, उन्हें और अधिक ऊर्जा प्रदान करता है।

“संयम ही सबसे बड़ा शस्त्र”

मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा का कहना है, “व्रत केवल आस्था का विषय नहीं, बल्कि आत्म-अनुशासन की तपस्या है। यह भूख सहने की प्रक्रिया नहीं, बल्कि मन और आत्मा की साधना है।” उन्होंने अपने जीवन को एक प्रेरणा बनाकर दिखाया है कि राजनीति और अध्यात्म को एक साथ संतुलित करना संभव है।

मुख्यमंत्री की यह अनुशासित जीवनशैली और नवरात्रि साधना न केवल उनके समर्थकों, बल्कि आम जनता के लिए भी एक प्रेरणा है। उनका जीवन दर्शाता है कि कठिन तप और संयम के साथ-साथ सेवा और कर्तव्यनिष्ठा को भी प्राथमिकता दी जा सकती है। यह अनोखा संगम उन्हें एक सच्चे जनसेवक और आध्यात्मिक व्यक्तित्व के रूप में स्थापित करता है।

Yashaswani Journalist at The Khatak .