नागौर में 8 जून को महा सम्मेलन: धारा 163 लागू, सार्वजनिक कार्यक्रमों पर रोक
नागौर में जिला कलेक्टर अरुण पुरोहित ने आदेश निकालते हुए धारा 163 लगा दी हैं।5 जून 2025 से 20 जून 2025 तक यह आदेश यथावत रहने वाले हैं। इस दौरान किसी भी तरह की रैली,प्रदर्शन, जुलूस, सभा पर पूर्णतय प्रतिबंध रहने वाला हैं। वहीं नागौर की सीमा में किसी भी हथियारबंद व्यक्ति या विस्फोटक सामग्री इत्यादि को लेकर प्रवेश वर्जित रहेगा। सोशल मीडिया, जुलूस, रैली, भाषण, धार्मिक आयोजन पर प्रतिबंध; उल्लंघन पर कड़ी कार्रवाई ..

लेखक - यशस्वनी /ममता
नागौर जिला प्रशासन ने 8 जून 2025 को प्रस्तावित महा सम्मेलन और उससे जुड़ी संभावित गतिविधियों को देखते हुए जिले में भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के तहत विशेष प्रतिबंधात्मक आदेश जारी किए हैं। यह आदेश जिला मजिस्ट्रेट अरुण कुमार पुरोहित द्वारा जारी किया गया है और यह 5 जून से 20 जून 2025 तक प्रभावी रहेगा।
प्रशासन को इन कार्यक्रमों को लेकर शांति भंग होने की आशंका है। इसी को ध्यान में रखते हुए यह आदेश जारी किया गया है ताकि सार्वजनिक शांति और कानून व्यवस्था बनाए रखी जा सके।
प्रमुख बिंदु: क्या रहेगा प्रतिबंधित
1. सार्वजनिक जुलूस, रैली, प्रदर्शन, नारेबाजी, धरना आदि पूरी तरह प्रतिबंधित रहेंगे।
2. कोई भी धार्मिक, सामाजिक या राजनीतिक सभा, मंच, प्रचार वाहन, इत्यादि का प्रयोग नहीं किया जा सकेगा।
3. लाउडस्पीकर, ध्वनि विस्तारक यंत्र या किसी भी प्रकार की ध्वनि प्रणाली बिना अनुमति के प्रतिबंधित रहेगी।
4. किसी भी प्रकार की भड़काऊ भाषा, पोस्टर, पंपलेट, सोशल मीडिया कंटेंट आदि का प्रचार-प्रसार नहीं किया जाएगा।
5. सोशल मीडिया (Facebook, Twitter, WhatsApp, YouTube आदि) पर धार्मिक, जातीय या भड़काऊ पोस्ट डालने पर सख्त कार्रवाई की जाएगी।
6. बिना अनुमति कोई भी धार्मिक यात्रा या शोभायात्रा आयोजित नहीं की जा सकेगी।
7. किसी भी व्यक्ति को मंदिर सेवा या सार्वजनिक स्थल पर भीड़ इकट्ठा करने की अनुमति नहीं होगी।
8. पुलिस की पूर्व अनुमति के बिना कोई भी कार्यक्रम, सभा, जुलूस आदि नहीं किए जा सकेंगे।
किन पर लागू होगा यह आदेश
यह आदेश सभी नागरिकों, राजनीतिक दलों, सामाजिक संगठनों, धार्मिक संस्थाओं, और आम जनता पर समान रूप से लागू होगा। यदि कोई इस आदेश का उल्लंघन करता पाया गया, तो भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 223 के तहत कड़ी कार्रवाई की जाएगी।
प्रशासन की अपील
जिला मजिस्ट्रेट ने जनता से अपील की है कि वे शांति व्यवस्था बनाए रखें, अफवाहों पर ध्यान न दें और किसी भी गतिविधि में शामिल होने से पहले संबंधित विभाग से अनुमति लें। आदेश की प्रति संबंधित विभागों और अधिकारियों को भेज दी गई है ताकि इसका कड़ाई से पालन कराया जा सके।
क्यों लगानी पड़ी नागौर में धारा 163
दअरसल RLP सुप्रीमो और नागौर सांसद हनुमान बेनीवाल जयपुर के शहीद स्मारक पर पिछले 40 से अधिक दिनों से SI भर्ती निरस्त की मांग को लेकर अपने समर्थकों के साथ आंदोलन कर रहे हैं।
इसी दौरान हनुमान बेनीवाल ने मीडिया को एक ऐसा विवादित बयान दिया था जिससे राजस्थान की राजनीति में भूचाल आ गया था। और यह भूचाल सोशल मीडिया की दुनिया में जंग छेड़ने लग गया।
हनुमान बेनीवाल ने बयान में राजस्थान के इतिहास को नकारते हुए कह दिया था कि राजस्थान का इतिहास न के बराबर रहा हैं वहीं महाराणा प्रताप और महाराजा सूरजमल के अलावा यहां कोई शासक शक्तिशाली नहीं था।
इसके बाद बेनीवाल के इस बयान का खंडन क्षेत्रीय करनी सेना के अध्यक्ष राज शेखावत ने किया और हनुमान बेनीवाल को एक नई चुनौती दे डाली। उन्होंने ऐलान किया कि वो 8 जून को नागौर कूच करेंगे और महासम्मेलन करेंगे। यह महासम्मेलन हनुमान बेनीवाल के विरोध में था। वहीं इसमें बेनीवाल के आवास को घेरने की बात भी कही गई थी। हालांकि हनुमान बेनीवाल लगातार शहीद स्मारक पर धरना दे रहे हैं।
इसी दौरान क्षेत्रीय करनी सेना ने पुलिस प्रशासन से परमीशन लेकर तैयारियां शुरू कर दी थी।
इसके बाद नागौर में इसी रैली के प्रतिरोध में नागौर की तेजवीर सेना ने भी नागौर के खरनाल में रैली का ऐलान कर दिया।
इसी को देखते हुए दोनों पक्षों में आपसी टकराव और द्वेष की भावना भी बढ़ जाती ऐसे में जिला कलेक्टर अरुण कुमार पुरोहित ने तत्काल आदेश निकालते हुए जिले में धारा 163 लगाने का आदेश जारी किया।