रात में ससुर ने की घिनौनी हरकत : बीजेपी नेता पर बहू से छेड़छाड़ का आरोप, कोर्ट ने भेजा जेल
कोटा के रामगंजमंडी में बीजेपी नेता और प्रधान के पति पर बहू ने छेड़छाड़ का आरोप लगाया, जिसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर कोर्ट के आदेश पर जेल भेज दिया। पीड़िता ने ससुर की घिनौनी हरकतों का खुलासा कर न्याय की मांग की।

राजस्थान के कोटा जिले के रामगंजमंडी इलाके में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने रिश्तों की मर्यादा को तार-तार कर दिया। यहां के एक बीजेपी नेता और स्थानीय ग्राम पंचायत की प्रधान के पति पर उनकी अपनी ही बहू ने छेड़छाड़ और जबरदस्ती का गंभीर आरोप लगाया है। इस मामले ने न केवल स्थानीय समुदाय को झकझोर दिया है, बल्कि राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मचा दी है। पुलिस ने जांच के बाद आरोपी को गिरफ्तार कर लिया, और कोटा कोर्ट ने उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया।
पीड़िता की आपबीती: रात में ससुर ने की घिनौनी हरकत
25 वर्षीय पीड़िता ने अपनी शिकायत में बताया कि उसकी शादी 7 फरवरी 2025 को हुई थी। उसका पति जयपुर में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहा है, जिसके कारण वह अपने ससुराल में सास और ससुर के साथ रहती थी। पीड़िता ने बताया कि एक रात, जब वह घर का काम खत्म कर अपने कमरे में सो रही थी, तभी रात 12 बजे उसका 55 वर्षीय ससुर ओम प्रकाश मेघवाल उसके कमरे में घुस आया। वह बगल में लेट गया और छेड़छाड़ व जबरदस्ती करने की कोशिश करने लगा।
"मैं डर गई थी और समझ नहीं पा रही थी कि क्या हो रहा है। मैंने चिल्लाना शुरू किया, तो वह भागकर कमरे से बाहर चले गए," पीड़िता ने अपनी शिकायत में कहा। डर और शर्मिंदगी के बीच उसने सुबह अपने पीहर जाने का फैसला किया। उसने इस घटना की जानकारी अपनी सास को दी, लेकिन सास ने मामले को दबाने की कोशिश की। सास ने कहा, "अगर यह बात बाहर गई तो बदनामी होगी, और मेरे बेटे को सुनकर सदमा लगेगा।"
ससुराल में दोबारा हुई हरकत, पीड़िता ने उठाया सख्त कदम
घटना के दो दिन बाद, सास के समझाने पर पीड़िता को फिर से ससुराल बुलाया गया। उसने उम्मीद की थी कि ससुर अपनी हरकतों से बाज आएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। ससुर ने दोबारा कमरे में घुसकर अश्लील हरकतें शुरू कर दीं। इस बार पीड़िता ने हिम्मत जुटाई और अपने पीहर वालों को सारी बात बताई। परिजनों ने तुरंत रामगंजमंडी थाने में 2 अगस्त 2025 को ससुर के खिलाफ छेड़छाड़ का मुकदमा दर्ज करवाया।
पुलिस कार्रवाई में देरी, पीड़िता और परिजनों का धरना
मुकदमा दर्ज होने के बावजूद पुलिस ने शुरुआत में कोई ठोस कार्रवाई नहीं की, जिससे पीड़िता और उसके परिवार में आक्रोश बढ़ गया। 5 अगस्त को पीड़िता ने अपने परिजनों के साथ एसडीएम कार्यालय में ज्ञापन सौंपा। 7 अगस्त को पीड़िता के बयान धारा 164 के तहत कोर्ट में दर्ज किए गए, लेकिन गिरफ्तारी में देरी होती रही। नाराज परिजनों और पीड़िता ने मंगलवार को एसडीएम कार्यालय के बाहर धरना दिया, जिसके दबाव में पुलिस ने बुधवार को आरोपी ओम प्रकाश मेघवाल को रेलवे स्टेशन से गिरफ्तार कर लिया।
रामगंजमंडी थाने के सब इंस्पेक्टर हंसराज ने बताया, "जांच में आरोप सही पाए गए। हमने आरोपी को गिरफ्तार कर कोटा कोर्ट में पेश किया, जहां से उसे 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।" थाना प्रभारी मनोज सिकरवार ने कहा कि कोर्ट के आदेश पर आरोपी को रामगंजमंडी कस्बे की जेल में रखा गया है।
राजनीतिक हलचल और सामाजिक प्रतिक्रियाएं
इस घटना ने स्थानीय स्तर पर बीजेपी के राजनीतिक हलकों में खलबली मचा दी है। ग्रामीणों में इस मामले को लेकर मिश्रित प्रतिक्रियाएं देखने को मिल रही हैं। कुछ लोग पीड़िता के हक में खुलकर बोल रहे हैं, जबकि कुछ इसे पारिवारिक विवाद बताकर दबाने की कोशिश कर रहे हैं। कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने इस मामले को उठाते हुए बीजेपी नेता की गिरफ्तारी की मांग को और तेज किया था। पीड़िता ने सोशल मीडिया पर भी अपनी बात रखी और एक वीडियो जारी कर लोगों से न्याय की गुहार लगाई।
पीड़िता और उसके परिवार ने पुलिस और प्रशासन से निष्पक्ष जांच और सख्त कार्रवाई की मांग की है। पीड़िता ने कहा, "मैं चाहती हूं कि मेरे साथ जो हुआ, वह किसी और के साथ न हो। आरोपी को ऐसी सजा मिले कि कोई और ऐसी हरकत करने से पहले सौ बार सोचे।"