फेक आईडी, डमी हथियार, नीली बत्ती लगी कार... फर्जी ADG पकड़ा गया

नाकाबंदी के दौरान फर्जी पुलिस अधिकारी सुप्रियो मुखर्जी को गिरफ्तार किया, जो नीली बत्ती, फर्जी वर्दी और हथियारों के साथ लोगों को धोखा देता था। उसके पास से कार, मोबाइल, लैपटॉप और फर्जी आईडी बरामद हुए।

Aug 28, 2025 - 12:32
फेक आईडी, डमी हथियार, नीली बत्ती लगी कार... फर्जी ADG पकड़ा गया

एक बार फिर धौलपुर की सड़कों पर अपराध के खिलाफ पुलिस की मुस्तैदी ने बड़ा खुलासा किया है। जिले की सदर थाना पुलिस ने नाकाबंदी के दौरान एक शख्स को पकड़ा, जो खुद को पुलिस अधिकारी बताकर लोगों को डराने और टोल-चेकिंग से बचने की फिराक में था। इस फर्जी पुलिस अधिकारी की पहचान सुप्रियो मुखर्जी (45) के रूप में हुई है, जो पश्चिम बंगाल के हुगली जिले के चन्दन नगर का रहने वाला है।

नीली बत्ती और फर्जी वर्दी के साथ बनाया रौब

सुप्रियो मुखर्जी न सिर्फ पुलिस की वर्दी पहनकर लोगों पर धौंस जमाता था, बल्कि उसकी गाड़ी पर नीली बत्ती और तीन स्टार के चिह्न भी लगे थे। उसकी मारुति सुजुकी अर्टिगा कार (नंबर WB16BJ6409) को देखकर कोई भी उसे असली पुलिस अधिकारी समझ सकता था। लेकिन पुलिस की सतर्कता ने उसके इस फर्जीवाड़े का पर्दाफाश कर दिया। पुलिस अधीक्षक विकास सांगवान के निर्देश पर चल रहे अभियान के तहत यह कार्रवाई की गई।

वृताधिकारी मुनेश कुमार और थानाधिकारी शैतान सिंह की अगुवाई में सदर चौराहे पर नाकाबंदी के दौरान सुप्रियो को पकड़ा गया। पूछताछ में उसने कबूल किया कि वह टोल टैक्स और पुलिस चेकिंग से बचने के लिए इस तरह की हरकत करता था। उसका मकसद लोगों में डर पैदा करके अपनी धाक जमाना था।

गाड़ी से बरामद हुआ हथियारों का जखीरा

पुलिस ने सुप्रियो की गाड़ी की तलाशी ली तो हैरान करने वाला सामान बरामद हुआ। गाड़ी से एक एयर साउंड पिस्टल, एक रिवॉल्वर, एक राइफल और 138 पैलेट कारतूस मिले। इसके अलावा, दो मोबाइल फोन, दो लैपटॉप, एक टैबलेट और चार फर्जी आईडी कार्ड भी जब्त किए गए। ये फर्जी आईडी कार्ड इंटरनेशनल पुलिस ऑर्गेनाइजेशन, यूरोपोलिस फेडरेशन, यूरोपियन ऑक्ज़िलरी पुलिस एसोसिएशन और सेंटर ऑफ नेशनल सिक्योरिटी के नाम से थे। यह सामान देखकर साफ हो गया कि सुप्रियो कोई छोटा-मोटा ठग नहीं, बल्कि एक सुनियोजित तरीके से धोखाधड़ी करने वाला शख्स था।

बीएनएस की धाराओं में दर्ज हुआ मामला

सदर थाना पुलिस ने सुप्रियो मुखर्जी के खिलाफ भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धारा 204 (फर्जी दस्तावेज), 205 (अधिकारी के रूप में गलत प्रतिनिधित्व), 318(2) (धोखाधड़ी), और 336(3) (आपराधिक कृत्य) के तहत मामला दर्ज किया है। जांच निहालगंज थाना प्रभारी प्रवेंद्र रावत को सौंपी गई है, जो इस फर्जीवाड़े के पीछे के पूरे नेटवर्क को खंगाल रहे हैं।

Yashaswani Journalist at The Khatak .