नेहरू नगर से श्मशान तक नशेड़ी बेखौफ: बाड़मेर में दिनदहाड़े लूट की वारदातें आम
बाड़मेर में नशे का आतंक बढ़ता जा रहा है, जहां एमडी और स्मैक जैसे घातक नशीले पदार्थों की खुलेआम बिक्री हो रही है। चौहटन सर्किल, शमशान और नेहरू नगर में नशेड़ियों द्वारा लूटपाट की घटनाएं आम हो गई हैं। पुलिस की कार्रवाइयों के बावजूद तस्करी पर रोक नहीं लग रही, जिससे समाज और युवा पीढ़ी खतरे में हैं। यह संकट सीमा तस्करी और बेरोजगारी से और गहरा रहा है।

रेगिस्तानी धरती पर बसे इस शहर में अब नशे का काला साया मंडरा रहा है। चौहटन सर्किल, शमशान घाट और नेहरू नगर जैसे इलाकों में दिन-दहाड़े नशेड़ी राहगीरों पर टूट पड़ते हैं, लूटपाट मचा देते हैं। एमडी और स्मैक जैसे घातक नशों की खुलेआम बिक्री हो रही है, जबकि पुलिस की ताबड़तोड़ कार्रवाइयों के बावजूद सप्लाई चेन पर कोई असर नहीं पड़ रहा। यह सिर्फ अपराध की कहानी नहीं, बल्कि एक समाज का दर्द है-जहां मांएं अपने बेटों को खो रही हैं, बहनें डर के साये में जी रही हैं। क्या बाड़मेर का भविष्य नशे की भेंट चढ़ जाएगा?
2024 में ही बाड़मेर में 4499 एनडीपीएस एक्ट के मामले
बाड़मेर, भारत-पाकिस्तान सीमा से सटा यह जिला, सालों से नशा तस्करी का केंद्र रहा है। 2024 से समस्या ने विकराल रूप धारण कर लिया। ड्रोन के जरिए सीमा पार भेजे जाने वाले नशीले पदार्थों की बाढ़ आ गई। राजस्थान पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक, 2024 में ही बाड़मेर में 4499 एनडीपीएस एक्ट के मामले दर्ज हुए, जो देशभर में पांचवें स्थान पर है। लेकिन 2025 में तो हालात और बिगड़ गए। बेरोजगारी की मार झेलते युवा सस्ते नशे की चपेट में आ रहे हैं-एक ग्राम एमडी महज 200-300 रुपये में मिल जाता है, जो एक दिन की मजदूरी के बराबर है।
स्थानीय निवासी रामलाल (नाम परिवर्तित) बताते हैं, "पांच साल पहले तो ये इलाके शांत थे। लेकिन अब? चौहटन सर्किल पर शाम होते ही नशेड़ी झुंड बनाकर घूमते हैं। मेरे पड़ोसी का बेटा, जो इंजीनियरिंग की पढ़ाई कर रहा था, आज सड़कों पर भटक रहा है।" यह दर्द हर घर की कहानी बन चुका है। एनसीबी की रिपोर्ट में बाड़मेर को 'हॉटस्पॉट' घोषित किया गया है, जहां पाकिस्तानी गैंग्स ड्रोन से हेरोइन, स्मैक और सिंथेटिक ड्रग्स की खेप भेजते हैं।
सीमा तस्करी से शहर की गलियों तक फैला जाल
सीमा की नजदीकी ही बाड़मेर की त्रासदी का मूल कारण है। 2025 में ही जुलाई में पुलिस ने इंडो-पाक बॉर्डर के पास 100 करोड़ रुपये की एमडी ड्रग फैक्ट्री का भंडाफोड़ किया, जहां दो तस्कर गिरफ्तार हुए। लेकिन यह सिर्फ एक कड़ी थी। अगस्त में 2.5 करोड़ की संपत्ति फ्रीज की गई, और महाराष्ट्र-राजस्थान के इंटर-स्टेट सिंडिकेट का पर्दाफाश हुआ। फिर भी, तस्करों का नेटवर्क इतना जटिल है कि ग्रामीण इलाकों से शहर की गलियों तक नशा पहुंच रहा है।
सोशल मीडिया ने इसे और भयावह बना दिया। इंस्टाग्राम रील्स और व्हाट्सएप ग्रुप्स के जरिए युवाओं को ललचाया जा रहा है। एक पूर्व नशेड़ी, जो अब मुक्ति केंद्र में है, रोते हुए कहता है, "मैंने तो सोचा था पार्टी का मजा ले लूंगा। लेकिन आज मेरी जिंदगी बर्बाद है। परिवार ने त्याग दिया।" बेरोजगारी (जिले में 25% से अधिक) और शिक्षा की कमी ने युवाओं को आसान शिकार बना दिया। चौहटन सर्किल जैसे व्यस्त चौराहों पर लूट की घटनाएं 2024 से 300% बढ़ गईं—पुलिस रिकॉर्ड के अनुसार।
लूट का राज, पुलिस की नाकामी और समाज का आक्रोश
शहर के दिल में बसे शमशान घाट और नेहरू नगर अब 'डर का साया' बन चुके हैं। दिन भर नशेड़ी मंडराते रहते हैं-राहगीरों से मोबाइल, नकदी छीन लेते हैं। एक हफ्ते पहले ही नेहरू नगर में एक बुजुर्ग महिला से 20 हजार की लूट हुई, जिसकी चीखें आज भी गूंज रही हैं। "मेरी सारी जमा-पूंजी चली गई। अब दवाइयां कौन दिलाएगा?"-वह सिसकते हुए कहती हैं।
पुलिस की कार्रवाइयां तो चल रही हैं—'फिट इंडिया-संडे ऑन साइकल' जैसे अभियान में नशामुक्ति शपथ दिलाई जा रही है। लेकिन जमीनी स्तर पर सप्लाई रुक नहीं रही। सांचौर एसपी आईपीएस कांबले शरण गोपीनाथ जैसे अधिकारी नशे पर सख्ती बरत रहे थे, लेकिन उनका तबादला हो गया, जिससे स्थानीय स्तर पर निराशा है। एक्स (पूर्व ट्विटर) पर भी लोग चीख रहे हैं: "नशेड़ी आज फिर तांडव मचा रहे हैं, पुलिस कहां है?"
अब जागो, वरना देर हो जाएगी
यह सिर्फ पुलिस का मुद्दा नहीं, बल्कि हम सबका है। मां-बाप, शिक्षक, नेता-सबको एकजुट होकर नशे के इस राक्षस से लड़ना होगा। सरकार को सीमा निगरानी मजबूत करनी होगी, युवाओं के लिए रोजगार सृजन करना होगा। नशामुक्ति केंद्रों की संख्या बढ़ानी होगी। बायतु मठ जैसे धार्मिक स्थलों की पहल-नशा प्रतिबंध और सामाजिक सुधार-पूरे जिले के लिए मिसाल हैं।
बाड़मेर की धरती, जो वीरों की गाथाओं से गूंजती है, अब नशे की चीखों से। अगर हमने आज आवाज नहीं उठाई, तो कल हमारा समाज बिखर जाएगा। जागो बाड़मेर! नशा मुक्त भारत का सपना यहां से ही साकार होगा।