दो भालुओं का बुजुर्ग पर खौफनाक हमला, लाठी से मुकाबला कर बचाई जान.

पाली में दो भालुओं ने एक बुजुर्ग पर किया खौफनाक हमला! नाक, चेहरा, हाथ-पैर को काट खाया, लेकिन बुजुर्ग ने लाठी से मुकाबला कर अपनी जान बचाई। साहस और जीवटता की मिसाल बनी यह घटना, गांव में दहशत और वन विभाग की कार्रवाई शुरू।

Aug 21, 2025 - 14:01
दो भालुओं का बुजुर्ग पर खौफनाक हमला, लाठी से मुकाबला कर बचाई जान.

राजस्थान के पाली जिले में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है, जहां दो भालुओं ने एक बुजुर्ग पर हमला कर उन्हें गंभीर रूप से घायल कर दिया। यह घटना पाली के ग्रामीण क्षेत्र में हुई, जहां बुजुर्ग अपनी रोजमर्रा की गतिविधियों के दौरान अचानक जंगली भालुओं के हमले का शिकार हो गए। भालुओं ने बुजुर्ग के नाक, चेहरा, हाथ और पैरों को बुरी तरह से नोच डाला, जिससे उनकी हालत गंभीर हो गई। लेकिन, बुजुर्ग ने हिम्मत नहीं हारी और पास में पड़ी लाठी से भालुओं का मुकाबला किया, जिसके चलते वे अपनी जान बचाने में कामयाब रहे।

घटना का विवरण:

यह घटना पाली जिले के एक गांव में सुबह के समय हुई, जब बुजुर्ग अपने खेत या घर के आसपास के क्षेत्र में थे। अचानक, जंगल से भटके दो भालू वहां पहुंच गए और उन्होंने बुजुर्ग पर हमला बोल दिया। भालुओं ने अपने तेज नाखूनों और दांतों से बुजुर्ग के चेहरे, नाक, हाथ और पैरों को काटना शुरू कर दिया, जिससे खून की धार बहने लगी। स्थिति इतनी भयावह थी कि आसपास के लोग भी डर के मारे कुछ पल के लिए स्तब्ध रह गए।हालांकि, बुजुर्ग ने असाधारण साहस का परिचय दिया। उन्होंने पास में पड़ी एक लाठी उठाई और भालुओं के साथ मुकाबला शुरू कर दिया। अपनी जान बचाने के लिए उन्होंने भालुओं पर लाठी से प्रहार किए, जिसके कारण भालू डरकर भाग गए। इस दौरान बुजुर्ग को गंभीर चोटें आईं, और उन्हें तुरंत स्थानीय अस्पताल ले जाया गया। प्रारंभिक उपचार के बाद, उनकी गंभीर स्थिति को देखते हुए उन्हें जोधपुर के एक बड़े अस्पताल में रेफर किया गया, जहां उनका इलाज चल रहा है।

स्थानीय लोगों और वन विभाग की प्रतिक्रिया:

इस घटना के बाद गांव में दहशत का माहौल है। ग्रामीणों का कहना है कि हाल के दिनों में जंगल से भालुओं का रिहायशी इलाकों में आना बढ़ गया है, जिससे मानव-वन्यजीव संघर्ष की घटनाएं बढ़ रही हैं। स्थानीय लोगों ने वन विभाग से मांग की है कि भालुओं को पकड़कर जंगल में वापस ले जाया जाए और ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएं।वन विभाग की टीम ने घटनास्थल का दौरा किया और भालुओं की तलाश शुरू कर दी है। विभाग के अधिकारियों का कहना है कि भालू संभवतः भोजन की तलाश में जंगल से भटककर गांव में आ गए थे। उन्होंने ग्रामीणों को सलाह दी है कि वे अकेले जंगल या सुनसान इलाकों में न जाएं और रात के समय सावधानी बरतें। 

चिकित्सा स्थिति और बचाव:

अस्पताल सूत्रों के अनुसार, बुजुर्ग की हालत गंभीर लेकिन स्थिर है। उनके चेहरे और शरीर पर गहरे घाव हैं, और कई जगह टांके लगाए गए हैं। चिकित्सकों का कहना है कि उनकी जान बच गई, लेकिन रिकवरी में समय लगेगा। इस घटना में बुजुर्ग की हिम्मत और लाठी से किए गए बचाव की हर तरफ चर्चा हो रही है।

पृष्ठभूमि और सावधानियां:

पाली जिले में पहले भी भालुओं के हमले की घटनाएं सामने आ चुकी हैं। उदाहरण के लिए, मई 2025 में पाली के पाचुंडा कलां गांव में एक भालू ने तीन लोगों पर हमला किया था, जिसमें एक युवक के सिर पर 50 टांके लगे थे। वन्यजीव विशेषज्ञों का कहना है कि जंगल क्षेत्रों में मानव अतिक्रमण और भोजन की कमी के कारण भालू रिहायशी इलाकों की ओर रुख कर रहे हैं।

ग्रामीणों को सलाह दी गई है कि वे जंगल के आसपास  बरतें, समूह में यात्रा करें, और शोर मचाकर भालुओं को दूर भगाएं। साथ ही, रात में बाहर निकलने से बचें और अपने घरों को सुरक्षित रखें।

यह घटना पाली जिले में मानव-वन्यजीव संघर्ष की गंभीर समस्या को उजागर करती है। बुजुर्ग की हिम्मत और साहस की कहानी ने लोगों को प्रेरित किया है, लेकिन साथ ही यह भी जरूरी है कि प्रशासन और वन विभाग इस तरह की घटनाओं को रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाए। फिलहाल, पुलिस और वन विभाग इस मामले की जांच कर रहे हैं और भालुओं को पकड़ने के प्रयास जारी हैं।