बाड़मेर में पुलिस की निष्क्रियता पर भड़का गुस्सा, भीड़ ने निकाली थी गाड़ी की चाबी; चार पुलिसकर्मियों को नोटिस

2 जून 2025 की रात बाड़मेर के स्टेशन रोड पर अतिक्रमण हटाने को लेकर दुकानदारों और नगर परिषद की टीम के बीच विवाद हुआ। पुलिस ने दो दुकानदारों को हिरासत में लिया, तो भीड़ ने पुलिस गाड़ी को घेरकर चाबी छीन ली। कोतवाली के सीआई बलभद्र सिंह, एसआई लिछाराम, कॉन्स्टेबल सोनाराम और ड्राइवर चुतराराम मूकदर्शक बने रहे। वीडियो वायरल होने और आईजी की नाराजगी के बाद एसपी नरेंद्र सिंह मीना ने चारों को 17 सीसीए नोटिस जारी किया और विभागीय जांच शुरू की। पुलिस ने शांतिभंग में तीन लोगों को गिरफ्तार किया और तीन के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। एसपी ने माना कि घटना से पुलिस की छवि धूमिल हुई।

Jun 16, 2025 - 21:03
Jun 16, 2025 - 21:06
बाड़मेर में पुलिस की निष्क्रियता पर भड़का गुस्सा, भीड़ ने निकाली थी गाड़ी की चाबी; चार पुलिसकर्मियों को नोटिस

बाड़मेर शहर में 2 जून 2025 की रात स्टेशन रोड पर अतिक्रमण हटाने को लेकर हुए विवाद ने तूल पकड़ लिया, नाराज दुकानदारों ने पुलिस की गाड़ी को घेर लिया और चाबी छीन ली। इस घटना में कोतवाली थाने के चार पुलिसकर्मियों की निष्क्रियता पर सवाल उठे, जिसके बाद एसपी नरेंद्र सिंह मीना ने सख्त कार्रवाई करते हुए चारों को 17 सीसीए नोटिस जारी किया और विभागीय जांच शुरू की।

क्या हुआ था उस रात?

रात करीब 9 बजे नगर परिषद की टीम स्टेशन रोड पर अतिक्रमण हटाने पहुंची। इस दौरान दुकानदारों और कर्मचारियों के बीच तीखी बहस हो गई। नगर परिषद ने कोतवाली थाने को सूचना दी, जिसके बाद पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने दो दुकानदारों को हिरासत में लेकर गाड़ी में बैठाया, लेकिन इससे भीड़ और भड़क गई। गुस्साए दुकानदारों और उनके परिजनों ने पुलिस की गाड़ी को घेर लिया। एक युवक ने गाड़ी की चाबी छीनकर हवा में लहराई, जिसके बाद ड्राइवर हेड कॉन्स्टेबल चुतराराम ने उसकी टी-शर्ट पकड़कर चाबी वापस लेने की कोशिश की। इस झड़प में युवक की टी-शर्ट फट गई।

 

इस दौरान कोतवाली के सीआई बलभद्र सिंह, एसआई लिछाराम, कॉन्स्टेबल सोनाराम और ड्राइवर चुतराराम मौके पर मौजूद थे। लेकिन, भीड़ को नियंत्रित करने या समझाने की बजाय, एसआई लिछाराम गाड़ी की अगली सीट पर बैठे मूकदर्शक बने रहे। उन्होंने गाड़ी से उतरकर स्थिति संभालने की कोई कोशिश नहीं की।

 पुलिस की निष्क्रियता 

घटना के अगले दिन, 3 जून को दो वीडियो सामने आए। पहले वीडियो (1 मिनट 40 सेकेंड) में भीड़ पुलिस की गाड़ी को घेरे हुए दिख रही है। एक युवक चाबी लहराते हुए पुलिस को धमकी देता नजर आया और कहता सुना गया, “जो होगा, देखा जाएगा, जूते मारेंगे।” ड्राइवर और युवक के बीच झड़प में टी-शर्ट फटने का दृश्य भी दिखा। दूसरे वीडियो (1 मिनट 35 सेकेंड) में एक दुकानदार एसआई लिछाराम से बहस करता दिखा, जबकि कुछ लोग पुलिस के सामने हाथ जोड़कर दुकानदारों को छोड़ने की गुहार लगा रहे थे। एक युवक ने धमकी दी कि अगर दुकानदारों को गाड़ी से नहीं उतारा गया, तो वह गाड़ी तोड़ देगा।

पुलिस की कार्रवाई और शांतिभंग में गिरफ्तारी

घटना के बाद पुलिस ने शांतिभंग के आरोप में तीन लोगों को गिरफ्तार किया। नगर परिषद की शिकायत पर तीन व्यक्तियों के खिलाफ एफआईआर भी दर्ज की गई। हालांकि, व्यापारियों द्वारा पुलिस के काम में बाधा डालने के बावजूद इस संबंध में कोई अलग से केस दर्ज नहीं किया गया, जिसे लेकर भी सवाल उठे।

आईजी की नाराजगी के बाद सख्ती

जोधपुर रेंज के आईजी विकास कुमार ने क्राइम मीटिंग में इस घटना पर कड़ी नाराजगी जताई। इसके बाद एसपी नरेंद्र सिंह मीना ने त्वरित कार्रवाई करते हुए चारों पुलिसकर्मियों—सीआई बलभद्र सिंह, एसआई लिछाराम, कॉन्स्टेबल सोनाराम और हेड कॉन्स्टेबल चुतराराम—को 17 सीसीए नोटिस जारी किया। साथ ही, राजकार्य में लापरवाही और भीड़ को नियंत्रित न करने के लिए विभागीय जांच शुरू की गई।

पुलिस की छवि पर सवाल

एसपी ने माना कि इस घटना से पुलिस की छवि धूमिल हुई है। उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मियों की निष्क्रियता और मूकदर्शक बने रहने की वजह से स्थिति बिगड़ी। अब जांच के बाद तय होगा कि इन पुलिसकर्मियों पर आगे क्या कार्रवाई होगी।