बाड़मेर में किसान ने खेत के नीम के पेड़ पर लगाई फांसी: पांच बेटियों का था पिता, भजन गायक था धर्मदास; भाई ने बताया- कई महीनों से मानसिक तनाव में था

बाड़मेर के गुड़ामालानी में 5 बेटियों के पिता और भजन गायक धर्मदास ने मानसिक तनाव के चलते खेत में नीम के पेड़ पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। भाई जेठदास ने बताया कि वह कई महीनों से डिप्रेशन में था। पुलिस जांच कर रही है।

Nov 6, 2025 - 12:48
बाड़मेर में किसान ने खेत के नीम के पेड़ पर लगाई फांसी: पांच बेटियों का था पिता, भजन गायक था धर्मदास; भाई ने बताया- कई महीनों से मानसिक तनाव में था

राजस्थान के बाड़मेर जिले के गुड़ामालानी क्षेत्र में एक दिल दहला देने वाली घटना ने पूरे इलाके को स्तब्ध कर दिया है। पांच बेटियों के पिता और प्रसिद्ध भजन गायक धर्मदास ने बुधवार शाम अपने खेत में एक नीम के पेड़ पर फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। मृतक के भाई जेठदास ने बताया कि धर्मदास पिछले कई महीनों से गहरे मानसिक तनाव से जूझ रहा था, जिसके कारण उसने यह कदम उठा लिया। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है और सभी पहलुओं की गहन जांच शुरू कर दी है।

घटना का पूरा विवरण:  घटना गुड़ामालानी तहसील के सारण की ढाणी स्थित गादेवी गांव की है। 35 वर्षीय धर्मदास एक मेहनती किसान थे, जो अपने छोटे से खेत पर निर्भर थे। वे न केवल खेतीबाड़ी से जुड़े थे, बल्कि इलाके में भजन गायकी के लिए भी काफी मशहूर थे। उनके भजनों की धुनें गांव-गांव में गूंजती थीं, और वे अक्सर धार्मिक आयोजनों में अपनी प्रस्तुति देते थे। लेकिन पिछले कुछ महीनों से उनकी जिंदगी में एक अजीब सी उदासी छाई हुई थी। परिवार के सदस्यों के अनुसार, आर्थिक तंगी, खेती की बिगड़ती हालत और पारिवारिक जिम्मेदारियों ने उन्हें बुरी तरह तोड़ दिया था।बुधवार की शाम को धर्मदास जैसे ही अपने खेत पर काम करने के लिए निकले, तो किसी को यह अंदाजा नहीं था कि यह उनकी आखिरी शाम साबित होगी। शाम ढलते-ढलते रात हो गई, लेकिन धर्मदास घर नहीं लौटे। चिंतित परिजनों ने सबसे पहले पड़ोसियों से पूछताछ की, लेकिन कोई सुराग नहीं मिला। आखिरकार, मृतक के भाई जेठदास और अन्य परिजन खेत की ओर चल पड़े। वहां पहुंचते ही उनके पैर जमीन पर जम गए। खेत के बीचों-बीच खड़े एक विशाल नीम के पेड़ से धर्मदास का शव लटका हुआ था। फंदे का साया देखते ही पूरा परिवार सन्न रह गया। चीखें और रोने की आवाजें गांव की शांति को चीरती रहीं।

परिवार का दर्द: पांच बेटियों की जिम्मेदारी धर्मदास का परिवार सामान्य किसान परिवार की तरह ही था—सादगी भरा लेकिन जिम्मेदारियों से लदा। उनकी पत्नी के अलावा पांच बेटियां थीं, जिनकी उम्र 5 से 18 वर्ष के बीच बताई जा रही है। सबसे बड़ी बेटी कॉलेज में पढ़ाई कर रही थी, जबकि छोटी बेटियां अभी स्कूल जाती हैं। धर्मदास न केवल परिवार का इकलौता कमाने वाला सदस्य था, बल्कि बेटियों की पढ़ाई-लिखाई और भविष्य की चिंता भी उन्हीं के कंधों पर थी। जेठदास ने बताया, "भाई साहब हमेशा बेटियों की शादी और शिक्षा की फिक्र में डूबे रहते थे। खेती में बारिश की कमी और कर्ज का बोझ उन्हें रातों की नींद हराम कर रहा था। वे अक्सर कहते थे कि बेटियों का भविष्य संवारना ही मेरा धर्म है।" परिवार के अन्य सदस्यों ने भी यही बात दोहराई। मृतक की पत्नी का रो-रोकर बुरा हाल है। वे बार-बार कह रही हैं, "मैंने कभी नहीं सोचा था कि इतना दर्द छिपा है उनके दिल में। वे कुछ बोलते ही नहीं थे, बस चुपचाप सहते जाते थे।" इस घटना ने पूरे गांव को गमगीन कर दिया है। पड़ोसी और रिश्तेदार परिवार के साथ खड़े हैं, लेकिन सवाल वही है—क्या समय रहते उनकी पीड़ा को समझा जा सकता था?

भाई का बयान: मानसिक तनाव का राज खुला मृतक के भाई जेठदास ने पुलिस को दिए बयान में खुलासा किया कि धर्मदास पिछले छह महीनों से अवसाद (डिप्रेशन) का शिकार था। "कभी-कभी वे रात भर जागते रहते और सुबह थकान से चूर हो जाते। भजन गाना भी बंद कर दिया था। हमने उन्हें डॉक्टर के पास ले जाने की कोशिश की, लेकिन वे टालते रहे। आर्थिक दबाव के अलावा, कुछ पारिवारिक कलह भी थी, जो उन्हें और तोड़ रही थी।" जेठदास ने यह भी कहा कि भाई ने कभी आत्महत्या का इरादा जाहिर नहीं किया, लेकिन उनकी उदासी साफ नजर आ रही थी।

पुलिस की कार्रवाई और जांच;  घटना की सूचना मिलते ही गुड़ामालानी थाने के एएसआई प्रलादराम अपने जाब्ते के साथ मौके पर पहुंचे। उन्होंने शव को नीचे उतारा और प्रारंभिक जांच शुरू की। सुसाइड नोट बरामद नहीं हुआ है, लेकिन फंदे का तरीका आत्महत्या की ओर इशारा कर रहा है। पुलिस ने शव को गुड़ामालानी अस्पताल के लिए पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। डॉक्टरों की रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के सटीक कारण का पता चलेगा। पुलिस सभी संभावित पहलुओं पर नजर रख रही है। एसएचओ गुड़ामालानी ने बताया, "प्रथम दृष्टया यह आत्महत्या का मामला लग रहा है, लेकिन हम परिवार से विस्तृत पूछताछ कर रहे हैं। कोई आपराधिक साजिश तो नहीं, यह जांच का विषय है। काउंसलर को भी परिवार के पास भेजा गया है ताकि बेटियां इस सदमे से उबर सकें।" फिलहाल, कोई नामजद आरोपी नहीं है, लेकिन जांच जारी है।