बाड़मेर में मादक पदार्थ तस्करी का बड़ा खुलासा: 8 किलो डोडा-पोस्त के साथ एक आरोपी गिरफ्तार
बाड़मेर जिले में पुलिस ने मादक पदार्थ तस्करी के एक मामले का पर्दाफाश किया है। खेत में छिपाए गए प्लास्टिक कट्टों से लगभग 8 किलो डोडा-पोस्त बरामद की गई। आरोपी को मौके पर गिरफ्तार कर लिया गया है और उसके खिलाफ एनडीपीएस एक्ट के तहत मामला दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी गई है। यह कार्रवाई स्थानीय पुलिस की सतर्कता का परिणाम है, जो अवैध नशीले पदार्थों की तस्करी पर नकेल कसने के प्रयासों का हिस्सा है।
बाड़मेर, 25 अक्टूबर 2025:
राजस्थान के सीमावर्ती जिले बाड़मेर में नशीले पदार्थों की तस्करी के खिलाफ पुलिस की सतर्कता ने एक बार फिर रंग दिखाया है। जिले के धनाऊ गांव में छिपाए गए 8 किलोग्राम डोडा-पोस्त को बरामद कर लिया गया है। यह पदार्थ प्लास्टिक के कट्टों में छिपाकर खेतों में दफनाया गया था। इस मामले में आरोपी तेजाराम पुत्र अचलाराम को गिरफ्तार किया गया है, और उसके खिलाफ नारकोटिक ड्रग्स एंड साइकोट्रोपिक सब्सटेंस एक्ट की कड़ी धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया गया है। यह तस्करी का बड़ा रैकेट हो सकता है, जो अंतरराष्ट्रीय सीमा के पास सक्रिय है।
घटना का विवरण: घटना बाड़मेर जिले के धनाऊ थाना क्षेत्र के एक सुनसान खेत में घटी। स्थानीय पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी कि कुछ संदिग्ध तत्व नशीले पदार्थों की तस्करी में लिप्त हैं और उन्हें खेतों में छिपा रखा है। इस सूचना पर धनाऊ थाने की पुलिस टीम, नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो की मदद से शुक्रवार रात को विशेष छापेमारी अभियान चलाया। छापेमारी के दौरान, पुलिस को खेत की मिट्टी में दबी हुई प्लास्टिक के कट्टियां मिलीं। इन कट्टों को सावधानीपूर्वक खोदा गया, जिसमें कुल 8 किलोग्राम डोडा-पोस्त बरामद हुआ। यह पदार्थ सफेद रंग का पाउडर के रूप में पैक किया गया था, जो बाजार में हजारों रुपये प्रति किलोग्राम की ऊंची कीमत पर बिकता है। अनुमानित मूल्य करीब 4-5 लाख रुपये बताया जा रहा है। डोडा-पोस्त अफीम से निकाला जाने वाला नशीला पदार्थ है, जो युवाओं और ग्रामीण इलाकों में नशे की लत का प्रमुख कारण बन चुका है।
आरोपी की गिरफ्तारी और पूछताछ: पुलिस ने इस तस्करी में शामिल मुख्य आरोपी, 26 वर्षीय तेजाराम पुत्र अचलाराम को मौके से ही गिरफ्तार कर लिया। कथित तौर पर पाकिस्तान सीमा के रास्ते से आने वाले तस्करी गैंग का सदस्य है। प्रारंभिक पूछताछ में उसने कबूल किया है कि वह पिछले कई महीनों से इस धंधे में लिप्त था और पदार्थ को खेत में छिपाकर वितरकों तक पहुंचाने का काम करता था। पुलिस को उसके पास से एक मोबाइल फोन, कुछ नकदी और तस्करी से जुड़े दस्तावेज भी बरामद हुए हैं।आरोपी के बयान के आधार पर पुलिस अब उसके अन्य साथियों की तलाश में जुटी हुई है। एसपी बाड़मेर ने बताया, "यह गिरफ्तारी नशा तस्करी के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान की बड़ी सफलता है। हम सीमा क्षेत्र में निगरानी बढ़ा रहे हैं ताकि ऐसी घटनाएं दोबारा न हों।
कानूनी कार्रवाई: आरोपी के खिलाफ एनडीपीएस एक्ट 1985 की धारा 8, 21 और 27ए के तहत मामला दर्ज किया गया है। ये धाराएं नशीले पदार्थों की खरीद-बिक्री, तस्करी और वाणिज्यिक मात्रा में रखने पर कड़ी सजा का प्रावधान करती हैं। न्यूनतम 10 वर्ष की सश्रम कारावास और लाखों रुपये का जुर्माना हो सकता है। कोर्ट में चार्जशीट दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है।
पृष्ठभूमि और प्रभाव: बाड़मेर जिले की भौगोलिक स्थिति इसे नशीले पदार्थों की तस्करी का हॉटस्पॉट बनाती है। पाकिस्तान की सीमा से सटे होने के कारण यहां अफीम, डोडा-पोस्त और अन्य ड्रग्स की तस्करी आम है। पिछले एक वर्ष में पुलिस ने इस क्षेत्र से 50 किलोग्राम से अधिक नशीले पदार्थ बरामद किए हैं, जिससे दर्जनों गिरफ्तारियां हुई हैं। यह घटना न केवल स्थानीय युवाओं को नशे से बचाने के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि अंतरराष्ट्रीय तस्करी नेटवर्क को तोड़ने में भी सहायक सिद्ध हो सकती है।