अमित शाह से मिलने वालों की सूची विधायक का नाम नहीं,मिलने के लिए लिखा था कलेक्टर को पत्र, सोशल मीडिया पर सियासी जंग शुरू
आबूरोड हवाई पट्टी पर रेवदर विधायक मोतीराम कोली को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मिलने से सुरक्षाकर्मियों ने रोक दिया। कोली का नाम मुलाकात की सूची में नहीं था, हालांकि उन्होंने जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर खुद और कांग्रेस जिलाध्यक्ष के साथ शाह से मुलाकात की अनुमति मांगी थी।

आबूरोड, 18 अप्रैल 2025: केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह गुरुवार को राजस्थान के आबूरोड पहुंचे, जहां वे ब्रह्मकुमारीज संस्थान के ‘आंतरिक जागृति के माध्यम से आत्म-सशक्तिकरण’ विषय पर आयोजित राष्ट्रीय संवाद कार्यक्रम में शामिल हुए। इस दौरान राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने उनकी अगवानी की। हालांकि, इस दौरे के बीच एक सियासी विवाद ने सुर्खियां बटोरीं, जब रेवदर आबूरोड से कांग्रेस विधायक मोतीराम कोली को शाह से मुलाकात करने से सुरक्षाकर्मियों ने रोक दिया।
जानकारी के अनुसार, कोली का नाम शाह से मिलने वालों की सूची में शामिल नहीं था, जिसके चलते उन्हें हवाई पट्टी पर ही रोक दिया गया और बिना मुलाकात के वापस लौटना पड़ा। खास बात यह है कि कोली ने जिला कलेक्टर को पत्र लिखकर खुद और कांग्रेस जिलाध्यक्ष के साथ शाह से मुलाकात की अनुमति मांगी थी। वह जिलाध्यक्ष को अपने साथ ले जाकर शाह से दोनों मिलना चाहते थे, ताकि स्थानीय मुद्दों पर चर्चा हो सके। लेकिन उनकी इस कोशिश को प्रशासनिक और सुरक्षा प्रोटोकॉल ने नाकाम कर दिया। इस घटना ने कांग्रेस को बीजेपी पर हमला करने का मौका दे दिया।
कांग्रेस ने इस घटना को लोकतंत्र और जनप्रतिनिधियों की गरिमा पर हमला करार दिया। एक्स पर कांग्रेस नेताओं ने बीजेपी पर निशाना साधते हुए इसे संवैधानिक मर्यादा और सामाजिक न्याय की अवहेलना बताया। कांग्रेस नेता टीकाराम जुली ने लिखा, "यह सिर्फ मोतीराम कोली का अपमान नहीं, बल्कि संविधान और सामाजिक समानता पर चोट है।" इंदिरा मीणा ने इसे "दलित समाज के प्रति बीजेपी की मानसिकता" करार दिया। कांग्रेस कार्यकर्ता हेमलता ने कहा, "हवाई पट्टी पर विधायक को रोका जाना प्रोटोकॉल नहीं, बल्कि सत्ता का अहंकार है।"
दूसरी ओर, बीजेपी ने इस मामले पर कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया। सूत्रों का कहना है कि शाह के दौरे के दौरान कड़े सुरक्षा प्रोटोकॉल लागू थे, और केवल पूर्व निर्धारित सूची में शामिल लोगों को ही मुलाकात की अनुमति दी गई। कोली द्वारा जिला कलेक्टर को लिखे गए पत्र की अनदेखी ने प्रशासनिक चूक की आशंका को बल दिया है।
शाह का दौरा और ब्रह्मकुमारीज कार्यक्रम
अमित शाह ने अपने दौरे के दौरान ब्रह्मकुमारीज संस्थान के मुख्यालय में आयोजित कार्यक्रम में हिस्सा लिया। यह कार्यक्रम सुरक्षा बलों के कर्मियों के लिए आत्म-सशक्तिकरण पर केंद्रित था। शाह ने अपने संबोधन में कहा, "2047 तक, जब हम स्वतंत्रता की शताब्दी मनाएंगे, भारत हर क्षेत्र में शीर्ष स्थान हासिल करेगा। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में संभव होगा।" उन्होंने ब्रह्मकुमारीज की शांति और कल्याण के लिए किए गए कार्यों की भी सराहना की।
मोतीराम कोली, जो अनुसूचित जाति समुदाय से आते हैं, पहले बीजेपी के सक्रिय सदस्य थे। लेकिन 2023 विधानसभा चुनाव से पहले उन्होंने कांग्रेस में शामिल होने का फैसला किया और रेवदर आबूरोड से जगसीराम को हराकर विधायक चुने गए। इस घटना को उनकी बीजेपी के साथ पुरानी सियासी प्रतिद्वंद्विता से भी जोड़कर देखा जा रहा है। कांग्रेस इसे सामाजिक न्याय और दलित अस्मिता से जोड़कर बीजेपी को घेर रही है।
यह घटना ऐसे समय में हुई है, जब राजस्थान में बीजेपी और कांग्रेस के बीच पहले से ही तल्खी बनी हुई है। शाह का दौरा, हालांकि आधिकारिक तौर पर ब्रह्मकुमारीज के कार्यक्रम से जुड़ा था, लेकिन इसे बीजेपी की संगठनात्मक रणनीति और स्थानीय प्रभाव को मजबूत करने की कोशिश के रूप में भी देखा जा रहा है। कोली, जो अपने क्षेत्र में सामाजिक और राजनीतिक मुद्दों पर मुखर रहे हैं, शाह से मुलाकात कर स्थानीय समस्याओं को उठाना चाहते थे। लेकिन सुरक्षाकर्मियों के सख्त रवैये ने उनकी इस कोशिश को विफल कर दिया।