अमरनाथ यात्रा 2025: सुरक्षा व्यवस्था और तैयारियों का जायजा, अमित शाह का कड़ा रुख

अमरनाथ यात्रा 2025, 3 जुलाई से 9 अगस्त तक चलेगी, जो 38 दिनों की होगी। पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले (26 मृत) के बाद श्रद्धालुओं में डर का माहौल है। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने 29 मई 2025 को जम्मू-कश्मीर में सुरक्षा और तैयारियों की समीक्षा की। इस बार 35,000 जवान, RFID कार्ड, ड्रोन, और CCTV से कड़ी सुरक्षा होगी। श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड ने e-KYC, हेलिकॉप्टर सेवाएं, 5G कनेक्टिविटी, और 100-100 ICU बेड वाले अस्पतालों की व्यवस्था की है। 6 लाख श्रद्धालुओं के आने की उम्मीद है। शाह ने आतंकवाद के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए 'जीरो टॉलरेंस' नीति पर जोर दिया। यात्रा के लिए मार्गों का चौड़ीकरण, बीमा, और पर्यावरण संरक्षण के उपाय किए गए हैं।

May 30, 2025 - 11:03
अमरनाथ यात्रा 2025: सुरक्षा व्यवस्था और तैयारियों का जायजा, अमित शाह का कड़ा रुख

अमरनाथ यात्रा, हिंदुओं की सबसे पवित्र तीर्थयात्राओं में से एक, हर साल लाखों श्रद्धालुओं को जम्मू-कश्मीर की अमरनाथ गुफा में बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए आकर्षित करती है। इस साल 2025 में यह यात्रा 3 जुलाई से शुरू होकर 9 अगस्त (रक्षाबंधन) तक चलेगी, जो कुल 38 दिनों की होगी। हाल ही में 22 अप्रैल 2025 को पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले ने यात्रा की सुरक्षा को लेकर गंभीर चिंताएं पैदा की हैं। इस हमले में 26 लोगों की जान गई और कई घायल हुए, जिसके बाद श्रद्धालुओं के मन में डर का माहौल बन गया। इस स्थिति को नियंत्रित करने और यात्रा को सुरक्षित बनाने के लिए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने जम्मू-कश्मीर का दौरा कर सुरक्षा व्यवस्था और तैयारियों का विस्तृत मूल्यांकन किया। 

पहलगाम आतंकी हमला: पृष्ठभूमि और प्रभाव

22 अप्रैल 2025 को पहलगाम की बैसरन घाटी में आतंकवादियों ने एक सुनियोजित हमला किया, जिसमें 26 लोग मारे गए, जिनमें एक विदेशी पर्यटक भी शामिल था। यह हमला लश्कर-ए-तैयबा के सहयोगी संगठन 'द रजिस्टेंट फ्रंट' ने किया, जिसने पर्यटकों और स्थानीय लोगों को निशाना बनाया। पहलगाम, अमरनाथ यात्रा का एक प्रमुख मार्ग होने के कारण, इस हमले ने यात्रा की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़े किए। हमले के बाद स्थानीय और राष्ट्रीय स्तर पर आक्रोश फैल गया, और श्रद्धालुओं में डर की भावना पैदा हुई। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने अपनी चिंता जाहिर की, खासकर उन लोगों ने जो पहली बार यात्रा की योजना बना रहे थे।

इस हमले ने केंद्र सरकार को तत्काल कार्रवाई के लिए प्रेरित किया। जम्मू-कश्मीर पुलिस और केंद्रीय सुरक्षा बलों ने क्षेत्र में सघन तलाशी अभियान चलाया, और कई संदिग्धों को हिरासत में लिया गया। इस घटना ने अमरनाथ यात्रा 2025 की सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त करने की आवश्यकता को रेखांकित किया।

अमित शाह का दौरा और सुरक्षा समीक्षा

पहलगाम हमले के बाद पहली बार, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 29 मई 2025 को जम्मू-कश्मीर पहुंचे। श्रीनगर के राजभवन में उन्होंने एक उच्च स्तरीय बैठक की, जिसमें जम्मू-कश्मीर के मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा, केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF), सीमा सुरक्षा बल (BSF), और राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) के वरिष्ठ अधिकारी शामिल थे। शाह ने अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा और तैयारियों की गहन समीक्षा की और स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी कीमत पर श्रद्धालुओं की सुरक्षा से समझौता नहीं होगा।

शाह ने कहा, "अमरनाथ यात्रा भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक धरोहर का हिस्सा है। केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर प्रशासन यह सुनिश्चित करेगा कि हर यात्री सुरक्षित और सुविधाजनक तरीके से बाबा बर्फानी के दर्शन कर सके।" उन्होंने आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए कहा, "यह नरेंद्र मोदी की सरकार है। आतंकवादियों को चुन-चुनकर मारा जाएगा, और उनकी कोई भी साजिश कामयाब नहीं होगी।"

अभूतपूर्व सुरक्षा व्यवस्था

पहलगाम हमले के बाद अमरनाथ यात्रा 2025 को इतिहास की सबसे सुरक्षित यात्रा बनाने के लिए सरकार ने कई कदम उठाए हैं। इस साल सुरक्षा इंतजामों को और मजबूत किया गया है, ताकि श्रद्धालुओं के मन से डर की भावना खत्म हो और वे आत्मविश्वास के साथ यात्रा कर सकें। प्रमुख सुरक्षा उपाय इस प्रकार हैं:

  • RFID कार्ड अनिवार्य: सभी पंजीकृत यात्रियों को RFID कार्ड ले जाना होगा, जिससे उनकी रियल-टाइम लोकेशन ट्रैक की जा सके।

  • तीन स्तरीय सुरक्षा: जम्मू-कश्मीर पुलिस, CRPF, BSF, NDRF, और SDRF की टीमें हाई-सिक्योरिटी पॉइंट्स पर तैनात होंगी।

  • हेलिकॉप्टर सेवाएं: श्रीनगर से पहलगाम और बालटाल तक हेलिकॉप्टर सेवाएं उपलब्ध

यात्रा की तैयारियां और सुविधाएं

श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड (SASB) ने यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। इस साल यात्रा को और सुगम बनाने के लिए कई नए कदम उठाए गए हैं:

  1. रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया:

    • 15 अप्रैल 2025 से ऑनलाइन और ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन शुरू हो चुके हैं।

    • रजिस्ट्रेशन फीस 220 रुपये है, और 600 से अधिक बैंकों और डाकघरों में ऑफलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा उपलब्ध है।

    • e-KYC और मेडिकल सर्टिफिकेट अनिवार्य हैं, ताकि यात्रियों की स्वास्थ्य स्थिति की जांच हो सके।

  2. मार्गों का सुधार:

    • पहलगाम मार्ग (48 किमी) को 14 फीट तक चौड़ा किया गया है, और बालटाल मार्ग (14 किमी) को 7-12 फीट तक विस्तारित किया गया है।

    • BRO ने बर्फबारी और भूस्खलन से बचाव के लिए मार्गों पर विशेष इंतजाम किए हैं, जैसे कि रेलिंग और ड्रेनेज सिस्टम।

  3. चिकित्सा सुविधाएं:

    • बालटाल और चंदनवाड़ी में दो अत्याधुनिक कैंप अस्पताल स्थापित किए गए हैं, जिनमें 100-100 ICU बेड, ऑक्सीजन बूथ, और क्रिटिकल केयर यूनिट्स हैं।

    • 55 मेडिकल स्टेशन और 22 ऑक्सीजन बूथ पूरे मार्ग पर उपलब्ध होंगे।

    • 12 माउंटेन रेस्क्यू टीमें और NDRF की 6 टीमें किसी भी आपात स्थिति के लिए तैयार रहेंगी।

  4. हेलिकॉप्टर और कनेक्टिविटी:

    • श्रीनगर से पहलगाम और बालटाल तक हेलिकॉप्टर सेवाएं उपलब्ध होंगी, जिनकी बुकिंग जून 2025 से शुरू होगी।

    • दोनों मार्गों पर 5G फाइबर नेटवर्क और 24 घंटे बिजली की व्यवस्था सुनिश्चित की गई है।

    • यात्रियों के लिए हेल्पलाइन नंबर और मोबाइल ऐप भी लॉन्च किया गया है, जिससे वे रियल-टाइम अपडेट और सहायता प्राप्त कर सकें।

  5. बीमा और अन्य सुविधाएं:

    • प्रत्येक यात्री को 5 लाख रुपये का दुर्घटना बीमा कवरेज प्रदान किया जाएगा।

    • लंगर समितियों द्वारा मुफ्त भोजन और आवास की व्यवस्था की गई है, जिसमें 125 से अधिक लंगर पंजीकृत हैं।

    • स्वच्छता के लिए 6,000 सफाई कर्मचारी तैनात किए जाएंगे, और बायोडिग्रेडेबल सामग्री के उपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है।

श्रद्धालुओं की भावनाएं: डर और भक्ति का संगम

पहलगाम हमले के बाद श्रद्धालुओं में डर की भावना स्वाभाविक रूप से बढ़ी है। खासकर पहली बार यात्रा करने वालों में असमंजस की स्थिति है। उत्तर प्रदेश के लखनऊ में एक अमरनाथ यात्रा समिति के सदस्य रमेश शर्मा ने बताया, "हमले की खबर ने हमें झकझोर दिया, लेकिन बाबा बर्फानी के दर्शन का उत्साह कम नहीं हुआ। सरकार के सुरक्षा इंतजामों पर हमें भरोसा है।" वहीं, मध्य प्रदेश के ग्वालियर में श्री बाबा बर्फानी हर-हर महादेव समिति ने युवा श्रद्धालुओं को समूह में यात्रा करने और सुरक्षा दिशानिर्देशों का पालन करने की सलाह दी है।

अनुभवी यात्री, जो पहले कई बार यात्रा कर चुके हैं, इस बार के सुरक्षा इंतजामों से संतुष्ट हैं। दिल्ली के एक यात्री संजय मेहता ने कहा, "पिछले साल की तुलना में इस बार ज्यादा जवान और तकनीकी सुविधाएं हैं। RFID कार्ड और ड्रोन निगरानी से हमें सुरक्षा का भरोसा मिलता है।" सोशल मीडिया पर भी कई श्रद्धालु अपनी यात्रा की तैयारियों और उत्साह को साझा कर रहे हैं, हालांकि कुछ लोग अभी भी सतर्कता बरतने की सलाह दे रहे हैं।

आतंकवाद के खिलाफ भारत का सख्त रुख

अमित शाह ने पहलगाम हमले को "कायराना हरकत" करार देते हुए आतंकवादियों को कड़ा संदेश दिया। उन्होंने कहा, "भारत आतंकवाद को कभी बर्दाश्त नहीं करेगा। हमारी सेना और सुरक्षा बल आतंकवादियों को उनकी औकात दिखाएंगे।" पहलगाम हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई कदम उठाए, जिसमें राजनयिक संबंधों को कम करना और हवाई क्षेत्र को प्रतिबंधित करना शामिल है। खुफिया एजेंसियों ने आतंकी संगठनों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए सीमा पार से आने वाली सूचनाओं का विश्लेषण तेज कर दिया है।

राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने भी एक अलग बैठक में सुरक्षा बलों को निर्देश दिए कि वे किसी भी संभावित खतरे को पहले ही भांप लें और त्वरित कार्रवाई करें। शाह ने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार की 'जीरो टॉलरेंस' नीति के तहत आतंकवादियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी।

सामाजिक और सांस्कृतिक महत्व

अमरनाथ यात्रा न केवल धार्मिक, बल्कि सामाजिक और सांस्कृतिक रूप से भी महत्वपूर्ण है। यह यात्रा भारत की एकता और विविधता को दर्शाती है, क्योंकि देश के कोने-कोने से लोग एक साथ बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए आते हैं। स्थानीय समुदाय, खासकर कश्मीरी पंडित और मुस्लिम समुदाय, इस यात्रा में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। लंगर समितियों में स्थानीय लोग श्रद्धालुओं की सेवा करते हैं, जो कश्मीर की गंगा-जमुनी तहजीब को दर्शाता है।

इस साल यात्रा को पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए भी कदम उठाए गए हैं। प्लास्टिक के उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध है, और बायोडिग्रेडेबल सामग्री को प्रोत्साहन दिया जा रहा है। श्री अमरनाथजी श्राइन बोर्ड ने स्थानीय समुदायों के साथ मिलकर स्वच्छता अभियान शुरू किया है, ताकि गुफा और आसपास के क्षेत्र को प्रदूषण से बचाया जा सके।

चुनौतियां और समाधान

पहलगाम हमले के बाद यात्रा की सुरक्षा सबसे बड़ी चुनौती है। इसके अलावा, मौसम की अनिश्चितता और भूस्खलन जैसी प्राकृतिक आपदाएं भी चिंता का विषय हैं। हालांकि, सरकार ने इन चुनौतियों से निपटने के लिए व्यापक उपाय किए हैं:

  • मौसम निगरानी: मौसम विभाग की एक विशेष टीम यात्रा मार्गों पर मौसम की रियल-टाइम जानकारी देगी।

  • आपदा प्रबंधन: NDRF और SDRF की टीमें भूस्खलन और बाढ़ जैसी स्थिति के लिए तैयार रहेंगी।

  • स्थानीय सहयोग: स्थानीय समुदायों को प्रशिक्षण देकर आपदा प्रबंधन और प्राथमिक चिकित्सा में शामिल किया गया है।

अमरनाथ यात्रा 2025 पहलगाम हमले की छाया में शुरू हो रही है, लेकिन केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने इसे सुरक्षित और सुचारू बनाने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी है। अमित शाह के नेतृत्व में सुरक्षा व्यवस्था को अभूतपूर्व स्तर पर मजबूत किया गया है, जिसमें अत्याधुनिक तकनीक, बड़े पैमाने पर सुरक्षा बल, और व्यापक सुविधाओं का समावेश है। श्रद्धालुओं के मन में डर की भावना को खत्म करने के लिए सरकार का भरोसा और सख्त रुख उनकी आस्था को और मजबूत कर रहा है। यह यात्रा न केवल एक धार्मिक आयोजन है, बल्कि भारत की एकता, साहस, और आतंकवाद के खिलाफ दृढ़ संकल्प का प्रतीक भी है। बाबा बर्फानी के दर्शन के लिए तैयार श्रद्धालु इस बार न केवल आध्यात्मिक शांति की तलाश में हैं, बल्कि देश की अखंडता और सुरक्षा के प्रति विश्वास के साथ भी आगे बढ़ रहे हैं।

Ashok Shera "द खटक" एडिटर-इन-चीफ