कोटा एसीबी की बड़ी कार्रवाई: केंद्रीय नारकोटिक्स इंस्पेक्टर फरार, 1.90 लाख के डमी नोट लेकर भागा; दलाल 20 हजार रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा

कोटा एसीबी ने झालावाड़ में सीबीएन इंस्पेक्टर हितेश कुमार के दलाल अकरम हुसैन को 20 हजार रिश्वत लेते पकड़ा; इंस्पेक्टर 1.90 लाख डमी नोट लेकर फरार, तलाश जारी।

Nov 10, 2025 - 12:12
कोटा एसीबी की बड़ी कार्रवाई: केंद्रीय नारकोटिक्स इंस्पेक्टर फरार, 1.90 लाख के डमी नोट लेकर भागा; दलाल 20 हजार रिश्वत लेते रंगे हाथों पकड़ा

राजस्थान के झालावाड़ जिले के भवानी मंडी में भ्रष्टाचार के एक बड़े मामले ने पुलिस महकमे को हिलाकर रख दिया है। केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो (सीबीआई) के इंस्पेक्टर हितेश कुमार और उसके साथियों द्वारा एक व्यक्ति के पिता को झूठे नशीले पदार्थों के केस में फंसाने की धमकी देकर 3 लाख रुपये की रिश्वत मांगने का खुलासा हुआ है। एंटी करप्शन ब्यूरो (एसीबी) की कोटा यूनिट ने इस मामले में इंस्पेक्टर के दलाल अकरम हुसैन को 20 हजार रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों गिरफ्तार कर लिया। इंस्पेक्टर हितेश कुमार खुद रिश्वत की रकम लेकर फरार हो गया, जिसमें 1.90 लाख रुपये के डमी नोट भरे हुए थे। भागते समय उसकी गाड़ी से नोटों का पुलिंदा, मोबाइल फोन और अन्य सामान गिर गया। एसीबी की टीम अब फरार इंस्पेक्टर की तलाश में जुटी हुई है।

शिकायत की शुरुआत: झूठे केस की धमकी से 3 लाख की मांग यह मामला भवानी मंडी के एक स्थानीय निवासी की शिकायत से शुरू हुआ। शिकायतकर्ता ने एसीबी को बताया कि केंद्रीय नारकोटिक्स ब्यूरो के इंस्पेक्टर हितेश कुमार और उसके दो सहयोगियों ने उसके बुजुर्ग पिता को निशाना बनाया। आरोप है कि इंस्पेक्टर और उसके साथी शिकायतकर्ता के पिता के घर पहुंचे और उन्हें नशीले पदार्थों के अवैध कारोबार के झूठे केस में फंसाने की धमकी दी। उन्होंने दावा किया कि उनके पास 'सबूत' हैं और यदि मांगी गई रकम नहीं दी गई, तो पिता को तुरंत गिरफ्तार कर लिया जाएगा।शिकायतकर्ता के अनुसार, इंस्पेक्टर हितेश ने सबसे पहले 5 लाख रुपये की मांग की, लेकिन बाद में इसे घटाकर 3 लाख रुपये कर दिया। रिश्वत की यह रकम किश्तों में लेने का प्लान बनाया गया था। इंस्पेक्टर ने अपने दलाल अकरम हुसैन को इस सौदे का जिम्मेदार बनाया, जो शिकायतकर्ता से सीधे संपर्क में था। अकरम हुसैन ने बताया कि पहली किश्त के रूप में 20 हजार रुपये तुरंत जमा करने होंगे, बाकी रकम बाद में। शिकायतकर्ता ने इस धमकी से डरकर एसीबी से मदद मांगी। एसीबी ने शिकायत को गंभीरता से लिया और तुरंत जांच शुरू कर दी।

एसीबी की जांच और जाल बिछाने की प्रक्रिया;  एसीबी की कोटा टीम ने शिकायत की प्रारंभिक जांच (सत्यापन) की, जिसमें रिश्वत की मांग की पूरी पुष्टि हो गई। जांच के दौरान शिकायतकर्ता को ऑडियो रिकॉर्डिंग और अन्य सबूत उपलब्ध कराने को कहा गया। एसीबी अधिकारियों ने बताया कि इंस्पेक्टर हितेश और उसके दलाल अकरम हुसैन के बीच फोन पर हुई बातचीत रिकॉर्ड की गई, जिसमें रिश्वत के लेन-देन की स्पष्ट चर्चा थी।सत्यापन के बाद एसीबी ने एक जाल बिछाया। शिकायतकर्ता को निर्देश दिए गए कि वह दलाल अकरम हुसैन को पहली किश्त के 20 हजार रुपये देने का नाटक करे। इन 20 हजार रुपये में से अधिकांश डमी नोट (नकली नोट) थे, जो एसीबी द्वारा तैयार किए गए थे। स्थान तय किया गया भवानी मंडी के एक सुनसान इलाके में, जहां एसीबी की टीम छिपी हुई थी। पूरे ऑपरेशन की वीडियोग्राफी भी की गई ताकि बाद में अदालत में पुख्ता सबूत पेश किए जा सकें।

गिरफ्तारी का ड्रामा: दलाल पकड़ा, इंस्पेक्टर फरार जैसे ही दलाल अकरम हुसैन 20 हजार रुपये की रिश्वत लेने पहुंचा, एसीबी की टीम ने उसे रंगे हाथों पकड़ लिया। अकरम के पास से वास्तविक नोटों के साथ डमी नोट भी बरामद हुए। पूछताछ में अकरम ने कबूल किया कि वह इंस्पेक्टर हितेश कुमार के इशारे पर काम कर रहा था और रिश्वत का बड़ा हिस्सा इंस्पेक्टर को पहुंचाने वाला था।इधर, एसीबी की कार्रवाई की भनक लगते ही इंस्पेक्टर हितेश कुमार ने हड़बड़ी में रिश्वत की रकम ले ली और मौके से फरार हो गया। उसके पास रखे 1.90 लाख रुपये के डमी नोट एसीबी द्वारा प्लांट किए गए थे, जो भागते समय उसके वाहन से गिर गए। भागने के दौरान इंस्पेक्टर की गाड़ी से न केवल नोटों का पुलिंदा गिरा, बल्कि उसका मोबाइल फोन और अन्य व्यक्तिगत सामान भी बरामद हो गया। एसीबी अधिकारियों के मुताबिक, ये सबूत इंस्पेक्टर की भागने की पुष्टि करते हैं और उसके खिलाफ मजबूत केस बनाते हैं।

फरार इंस्पेक्टर की तलाश तेज, आगे की कार्रवाई;  एसीबी ने फरार इंस्पेक्टर हितेश कुमार के खिलाफ देशव्यापी अलर्ट जारी कर दिया है। उसकी तलाश में झालावाड़, कोटा और आसपास के जिलों में छापेमारी की जा रही है। इंस्पेक्टर के दो अन्य सहयोगियों की भी पहचान कर ली गई है, जिन्हें पूछताछ के लिए हिरासत में लिया जा सकता है। एसीबी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, "यह मामला न केवल भ्रष्टाचार का है, बल्कि केंद्रीय एजेंसी के एक अधिकारी द्वारा आम नागरिक को ब्लैकमेल करने का भी। हम जल्द ही इंस्पेक्टर को गिरफ्तार कर लेंगे और पूरा नेटवर्क उजागर करेंगे।"दलाल अकरम हुसैन को भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत गिरफ्तार किया गया है और उसे जल्द ही अदालत में पेश किया जाएगा। शिकायतकर्ता ने एसीबी की त्वरित कार्रवाई की सराहना की है और कहा कि इससे उसके परिवार को बड़ी राहत मिली है। यह घटना राजस्थान पुलिस और केंद्रीय एजेंसियों के बीच भ्रष्टाचार के खिलाफ सतर्कता की जरूरत को रेखांकित करती है।