सलमान खान की बरी पर रोक? काला हिरण केस में हाईकोर्ट ने सुनवाई टाली, अगली तारीख 8 हफ्ते बाद

राजस्थान हाईकोर्ट में सलमान खान के काला हिरण शिकार मामले की सुनवाई टली, सरकारी वकील के समय मांगने पर अगली तारीख 8 सप्ताह बाद तय की गई। सलमान की सजा के खिलाफ अपील और सह-आरोपियों की बरी के खिलाफ सरकार की याचिका पर एक साथ विचार हुआ।

Sep 23, 2025 - 15:03
सलमान खान की बरी पर रोक? काला हिरण केस में हाईकोर्ट ने सुनवाई टाली, अगली तारीख 8 हफ्ते बाद

बॉलीवुड सुपरस्टार सलमान खान से जुड़े 27 साल पुराने काला हिरण शिकार मामले में आज राजस्थान हाईकोर्ट में अहम सुनवाई होनी थी, लेकिन सरकारी वकील द्वारा समय मांगने के कारण कोर्ट ने सुनवाई को 8 सप्ताह के लिए स्थगित कर दिया। जस्टिस संदीप शाह की एकलपीठ में सलमान खान की सजा के खिलाफ दायर अपील और सह-आरोपियों की बरी के खिलाफ राज्य सरकार की 'लीव टू अपील' पर एक साथ विचार किया गया। इस हाई-प्रोफाइल मामले पर पूरे देश की निगाहें टिकी हुई हैं।

सलमान खान को इस मामले में दोषी ठहराते हुए 5 साल की सजा और 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया था

यह मामला अक्टूबर 1998 का है, जब जोधपुर के कांकाणी गांव में फिल्म हम साथ-साथ हैं की शूटिंग के दौरान दो काले हिरणों का शिकार होने का आरोप लगा था। काले हिरण, जो वन्यजीव संरक्षण अधिनियम, 1972 के तहत संरक्षित प्रजाति है, का शिकार बिश्नोई समुदाय के लिए गंभीर अपराध माना जाता है। बिश्नोई समुदाय, जो प्रकृति और वन्यजीव संरक्षण में गहरा विश्वास रखता है, ने इस मामले में शिकायत दर्ज की थी।

5 अप्रैल 2018 को जोधपुर की सीजेएम कोर्ट ने सलमान खान को इस मामले में दोषी ठहराते हुए 5 साल की सजा और 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया था। हालांकि, सह-आरोपियों—सैफ अली खान, तब्बू, सोनाली बेंद्रे, नीलम, और स्थानीय निवासी दुष्यंत सिंह—को सबूतों के अभाव में बरी कर दिया गया था। सलमान खान ने सजा के खिलाफ तुरंत अपील दायर की और जमानत हासिल कर ली।

राज्य सरकार की 'लीव टू अपील'

राजस्थान सरकार ने सह-आरोपियों को बरी किए जाने के फैसले को हाईकोर्ट में चुनौती दी है। सरकार ने 'लीव टू अपील' दायर कर अदालत से अनुमति मांगी है कि वह सैफ अली खान, तब्बू, सोनाली बेंद्रे, नीलम, और दुष्यंत सिंह की बरी के खिलाफ अपील दायर कर सके। सरकार का तर्क है कि निचली अदालत का बरी करने का फैसला तथ्यों और सबूतों के आधार पर न्यायसंगत नहीं था।

'लीव टू अपील' एक कानूनी प्रक्रिया है, जिसमें अपील दायर करने की अनुमति मांगने की आवश्यकता होती है, खासकर जब अपील की समय सीमा समाप्त हो चुकी हो या कानूनी बाधाएं हों। इस मामले में कोर्ट को यह तय करना है कि क्या सरकार की अपील में कोई कानूनी आधार है, जिसके आधार पर बरी किए गए आरोपियों के फैसले की समीक्षा की जा सके।

सुनवाई का अब तक का सफर

इस मामले में 2025 में कई महत्वपूर्ण सुनवाइयां हो चुकी हैं।

  • 14 फरवरी 2025: पहली सुनवाई में कोर्ट ने मामले की जटिलताओं को देखते हुए अगली तारीख 15 अप्रैल तय की थी।

  • 16 मई 2025: दूसरी सुनवाई में जस्टिस मनोज कुमार गर्ग की कोर्ट ने सलमान खान की अपील को अन्य संबंधित याचिकाओं के साथ 28 जुलाई को सूचीबद्ध करने का आदेश दिया।

  • 28 जुलाई 2025: तीसरी सुनवाई में सलमान खान की जिला सत्र न्यायाधीश के समक्ष दायर अपील को हाईकोर्ट में स्थानांतरित कर 22 सितंबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध किया गया।

  • 23 सितंबर 2025: आज की सुनवाई में सरकारी वकील ने समय मांगा, जिसके बाद जस्टिस संदीप शाह ने मामले को 8 सप्ताह बाद की तारीख पर टाल दिया।

आज की सुनवाई में क्या हुआ?

जस्टिस संदीप शाह की एकलपीठ में सलमान खान की सजा के खिलाफ अपील और राज्य सरकार की 'लीव टू अपील' पर संयुक्त सुनवाई होनी थी। वादसूची में यह मामले क्रमांक 92, 93, और 94 पर सूचीबद्ध थे। हालांकि, सरकारी वकील ने अतिरिक्त समय की मांग की, जिसे कोर्ट ने स्वीकार कर लिया। अब अगली सुनवाई 8 सप्ताह बाद होगी, जिसकी तारीख बाद में घोषित की जाएगी।

Yashaswani Journalist at The Khatak .