प्री डी.एल.एड. प्रवेश परीक्षा में धोखाधड़ी: एक उम्मीदवार की जगह दूसरे ने फर्जी आईडी से परीक्षा दी.
धौलपुर में प्री डी.एल.एड. परीक्षा 2025 में फर्जीवाड़े का सनसनीखेज मामला सामने आया। हरिओम और सोनू कुन्तल ने 23 हजार रुपये के सौदे में फर्जी आईडी बनाकर एक उम्मीदवार की जगह परीक्षा दी। नतीजा केवल 375 अंक रहा, कॉलेज आवंटन नहीं हुआ। शिकायत पर जोधपुर के खांडा फलसा थाने में जीरो एफआईआर दर्ज हुई, जिसे धौलपुर कोतवाली ट्रांसफर किया गया। पुलिस ने दोनों के खिलाफ धोखाधड़ी और परीक्षा प्रणाली से छेड़छाड़ का केस दर्ज कर जांच शुरू की।

राजस्थान के धौलपुर जिले में प्री डी.एल.एड. (डिप्लोमा इन एलीमेंट्री एजुकेशन) प्रवेश परीक्षा 2025 के दौरान एक बड़ा फर्जीवाड़ा सामने आया है। इस मामले में दो व्यक्तियों पर एक उम्मीदवार की जगह दूसरे व्यक्ति को परीक्षा दिलवाने का आरोप लगा है। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है और दोनों आरोपी धौलपुर के ही निवासी बताए जा रहे हैं। मामला जोधपुर के खांडा फलसा थाने में शुरू होने के बाद धौलपुर कोतवाली को ट्रांसफर कर दिया गया है।
घटना का पूरा विवरण
प्री डी.एल.एड. परीक्षा, जो राज्य स्तर पर शिक्षक बनने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए आयोजित की जाती है, इस साल जून-जुलाई में संपन्न हुई थी। धौलपुर के एक उम्मीदवार ने अच्छे अंक लाने का वादा करते हुए मध्यस्थों के जरिए एक सौदा किया। आरोपी हरिओम (पुत्र सुरेशचंद नाई, अतरोली गांव दिहौली थाना क्षेत्र के निवासी) और सोनू कुन्तल (धौलपुर शहर निवासी) ने मिलकर उम्मीदवार की फोटो का इस्तेमाल कर फर्जी पहचान पत्र (आईडी) तैयार किया। इस फर्जी आईडी के आधार पर सोनू कुन्तल ने परीक्षा केंद्र पर उम्मीदवार की जगह परीक्षा दी।सौदे के तहत कुल 23 हजार रुपये का लेन-देन तय हुआ था। इसमें से शुरुआती राशि परीक्षा से पहले ही दे दी गई थी, जबकि बाकी राशि परीक्षा के बाद अंक दिखाने पर देने की बात कही गई। लेकिन परीक्षा परिणाम आने पर उम्मीदवार को केवल 375 अंक ही मिले, जो कट-ऑफ से काफी कम थे। इसके चलते किसी कॉलेज में प्रवेश नहीं मिला। नतीजतन, उम्मीदवार ने शेष राशि देने से इनकार कर दिया, जिसके बाद विवाद हुआ।पीड़ित उम्मीदवार ने धोखाधड़ी की शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर जोधपुर के खांडा फलसा थाने में जीरो एफआईआर (शून्य संख्या वाली प्रारंभिक रिपोर्ट) दर्ज की गई। चूंकि आरोपी और घटना धौलपुर से जुड़ी हुई है, इसलिए मामला धौलपुर कोतवाली थाने में ट्रांसफर कर दिया गया। पुलिस ने राजस्थान की परीक्षा प्रणाली में हेराफेरी करने, फर्जी दस्तावेज तैयार करने और धोखाधड़ी के आरोपों के तहत भारतीय न्याय संहिता (बीएनएस) की धाराओं के तहत दोनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है।
आरोपी कौन हैं?
हरिओम: सुरेशचंद नाई का पुत्र, अतरोली गांव (दिहौली थाना क्षेत्र), धौलपुर जिला। वह फर्जी आईडी तैयार करने और सौदे के मध्यस्थ के रूप में शामिल रहा।
सोनू कुन्तल: धौलपुर शहर का निवासी। उसने फर्जी आईडी का इस्तेमाल कर परीक्षा दी।
पुलिस की कार्रवाई और आगे की जांच
धौलपुर कोतवाली पुलिस ने दोनों की तलाश शुरू कर दी है। प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है कि यह सौदा स्थानीय स्तर पर ही तय हुआ था, लेकिन पुलिस अब पूरे नेटवर्क की जांच कर रही है। क्या अन्य उम्मीदवार भी इसी तरह प्रभावित हुए हैं, इसका पता लगाया जा रहा है। परीक्षा आयोजक वर्धमान महावीर ओपन यूनिवर्सिटी (वीएमओयू), कोटा की ओर से भी इस मामले में सहयोग की उम्मीद है।
प्री डी.एल.एड. परीक्षा का संदर्भ
राजस्थान में प्री डी.एल.एड. (जिसे बीएसटीसी के नाम से भी जाना जाता है) प्रवेश परीक्षा 2025 का आयोजन 30 जून 2024 को हुआ था, और परिणाम 17 जुलाई 2024 को घोषित किए गए थे। यह परीक्षा राज्य के सरकारी और निजी शिक्षक प्रशिक्षण संस्थानों में डी.एल.एड. कोर्स (सामान्य और संस्कृत माध्यम) में प्रवेश के लिए अनिवार्य है। परीक्षा में हेराफेरी के मामले राज्य स्तर पर गंभीरता से लिए जाते हैं, क्योंकि यह शिक्षक भर्ती प्रक्रिया का पहला चरण है। काउंसलिंग प्रक्रिया जुलाई-अगस्त में चल रही है, और ऐसे फर्जीवाड़े प्रवेश प्रक्रिया को प्रभावित करते हैं।
पुलिस ने लोगों से अपील की है कि परीक्षा से जुड़ी किसी भी धोखाधड़ी की जानकारी तुरंत साझा करें। यह मामला राज्य की शिक्षा व्यवस्था में पारदर्शिता पर सवाल खड़े करता है, और जांच पूरी होने के बाद आरोपी पर सख्त कार्रवाई की संभावना है।