जोधपुर में पानी की जंग: केरु के प्रधान के बाद अब 60 वर्षीय पार्षद पानी की टंकी पर चढ़े, जलदाय विभाग की लापरवाही पर भड़का आक्रोश

जोधपुर पानी की किल्लत से तंग आकर 60 वर्षीय पार्षद ने जलदाय विभाग की लापरवाही के खिलाफ पानी की टंकी पर चढ़कर प्रदर्शन किया। क्षेत्रवासियों ने उनका समर्थन करते हुए नारेबाजी की। कई शिकायतों के बावजूद जलदाय विभाग ने समस्या का समाधान नहीं किया, जिससे जनता का आक्रोश बढ़ गया।

Jun 5, 2025 - 18:03
जोधपुर में पानी की जंग: केरु के प्रधान के बाद अब 60 वर्षीय पार्षद पानी की टंकी पर चढ़े, जलदाय विभाग की लापरवाही पर भड़का आक्रोश

जोधपुर, राजस्थान: सूर्य नगरी जोधपुर में पानी की समस्या ने एक बार फिर स्थानीय निवासियों और जनप्रतिनिधियों को सड़कों पर उतरने को मजबूर कर दिया है। केरु पंचायत समिति के प्रधान के पानी की टंकी पर चढ़ने की घटना के बाद अब प्रथम पुलिया, सेक्टर नंबर 2 के 60 वर्षीय पार्षद ने भी अपनी जान जोखिम में डालकर पानी की टंकी पर चढ़कर प्रदर्शन किया। यह घटना जलदाय विभाग की कथित लापरवाही और पानी की आपूर्ति में अनियमितता के खिलाफ जनता के बढ़ते आक्रोश को दर्शाती है।

पिछले कई महीनों से प्रथम पुलिया, सेक्टर नंबर 2 के निवासियों को पानी की भारी किल्लत का सामना करना पड़ रहा है। स्थानीय लोगों का कहना है कि नल से समय पर पानी नहीं आता, और जब आता है तो उसकी मात्रा इतनी कम होती है कि रोजमर्रा की जरूरतें पूरी नहीं हो पातीं। इस समस्या को लेकर पार्षद ने कई बार जलदाय विभाग से शिकायत की, लेकिन कोई ठोस समाधान नहीं निकला। नतीजतन, हताश होकर 60 वर्षीय पार्षद ने अपनी जान को जोखिम में डालते हुए पानी की टंकी पर चढ़कर प्रदर्शन करने का फैसला किया।

पिछले दो घंटे से पार्षद टंकी पर चढ़े हुए हैं और क्षेत्रवासियों ने उनका जमकर समर्थन किया। प्रदर्शनकारियों ने जलदाय विभाग के खिलाफ नारेबाजी की और "पानी दो, पानी दो" के नारे लगाए। स्थानीय निवासियों ने बताया कि गर्मी के इस मौसम में पानी की कमी ने उनकी दिनचर्या को पूरी तरह से प्रभावित कर दिया है। बच्चे, बुजुर्ग और महिलाएं इस समस्या से सबसे ज्यादा परेशान हैं।

जलदाय विभाग की लापरवाही

क्षेत्रवासियों का आरोप है कि जलदाय विभाग को कई बार लिखित और मौखिक शिकायतें दी गईं, लेकिन विभाग ने कोई कारगर कदम नहीं उठाया। एक स्थानीय निवासी ने बताया, "हमने कई बार अधिकारियों से गुहार लगाई, लेकिन हर बार हमें सिर्फ आश्वासन मिले। टैंकरों से पानी की आपूर्ति भी अनियमित है, और कई बार टैंकरों के लिए आपस में झगड़े हो जाते हैं।"

पार्षद ने टंकी पर चढ़कर जलदाय विभाग को चेतावनी दी कि यदि जल्द ही समस्या का समाधान नहीं किया गया, तो आंदोलन और तेज होगा। प्रदर्शन में शामिल महिलाओं ने कहा, "हमें रोज पानी के लिए संघर्ष करना पड़ता है। क्या हम इंसान नहीं हैं? सरकार और विभाग को हमारी समस्याओं की कोई परवाह नहीं है।"

केरु के प्रधान की घटना से समानता

यह पहली बार नहीं है जब जोधपुर में पानी की समस्या को लेकर जनप्रतिनिधि इतना बड़ा कदम उठाने को मजबूर हुए हैं। हाल ही में, केरु पंचायत समिति के प्रधान भी पानी की टंकी पर चढ़ गए थे, जब उनकी पंचायत में पानी की आपूर्ति की समस्या का समाधान नहीं हुआ। दोनों घटनाओं में एक समानता है - जलदाय विभाग की उदासीनता और समय पर पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने में नाकामी।

जलदाय विभाग का रवैया

जलदाय विभाग की ओर से अभी तक कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। हालांकि, सूत्रों के अनुसार, विभाग की एक टीम मौके पर पहुंची है, लेकिन दो घंटे बीत जाने के बावजूद कोई ठोस समाधान नहीं निकल पाया है। प्रदर्शनकारी पार्षद और स्थानीय लोग नियमित पानी की आपूर्ति की मांग कर रहे हैं, न कि अस्थायी टैंकरों की व्यवस्था।

क्षेत्रवासियों का समर्थन

प्रथम पुलिया, सेक्टर नंबर 2 के निवासियों ने पार्षद के इस कदम का पुरजोर समर्थन किया। प्रदर्शन में बड़ी संख्या में लोग शामिल हुए, जिनमें महिलाएं और युवा भी थे। एक स्थानीय निवासी ने कहा, "हमारे पार्षद ने हमारी आवाज को बुलughes. वे हमारी समस्या को समझते हैं और इसके लिए अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं। हम उनके साथ हैं।"

पानी की समस्या का व्यापक परिदृश्य

जोधपुर में पानी की समस्या कोई नई बात नहीं है। थार के रेगिस्तानी क्षेत्र में बसा यह शहर लंबे समय से पानी की किल्लत से जूझ रहा है। जल जीवन मिशन और अन्य सरकारी योजनाओं के बावजूद, कई इलाकों में नल से नियमित और स्वच्छ पानी की आपूर्ति अभी भी एक सपना बनी हुई है। स्थानीय लोग और जनप्रतिनिधि बार-बार इस मुद्दे को उठाते रहे हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर बदलाव नजर नहीं आता

पार्षद और क्षेत्रवासियों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही पानी की समस्या का स्थायी समाधान नहीं किया गया, तो वे सड़कों पर उतरकर बड़ा आंदोलन करेंगे। प्रदर्शनकारियों ने मांग की है कि जलदाय विभाग न केवल तत्काल कार्रवाई करे, बल्कि भविष्य में नियमित आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए ठोस योजना बनाए।

जोधपुर में पानी की समस्या ने एक बार फिर प्रशासन की लचर व्यवस्था को उजागर किया है। 60 वर्षीय पार्षद का टंकी पर चढ़ना और क्षेत्रवासियों का उनके साथ खड़े होना यह दर्शाता है कि जनता अब और इंतजार करने के मूड में नहीं है। यह घटना न केवल जलदाय विभाग के लिए एक चेतावनी है, बल्कि सरकार को भी यह सोचने पर मजबूर करती है कि बुनियादी सुविधाओं को सुनिश्चित करने में देरी क्यों हो रही है।

जोधपुर की इस 'पानी की जंग' का अंत कब और कैसे होगा, यह तो आने वाला समय ही बताएगा,