टोंक में बनास नदी हादसा: पिकनिक का मज़ा बन गया मातम, 8 दोस्तों की डूबने से मौत, 3 बचे
टोंक, राजस्थान में 10 जून 2025 को बनास नदी में हुए एक दुखद हादसे में जयपुर के हसनपुरा से पिकनिक मनाने आए 11 युवकों में से 8 की डूबने से मौत हो गई। हादसा पुराने फ्रेजर ब्रिज के पास दोपहर 1:30 बजे हुआ, जब युवक नहाने के लिए नदी में उतरे। गहरे पानी और तेज बहाव के कारण वे डूब गए।

टोंक, राजस्थान में मंगलवार, 10 जून 2025 को बनास नदी में एक दर्दनाक हादसे ने पूरे क्षेत्र को हिलाकर रख दिया। जयपुर के हसनपुरा से पिकनिक मनाने आए 11 दोस्तों में से 8 की नदी में डूबने से मौत हो गई, जबकि तीन को बचा लिया गया। यह हादसा टोंक के पुराने फ्रेजर ब्रिज के पास दोपहर करीब 1:30 बजे हुआ। हादसे की खबर फैलते ही सआदत अस्पताल में परिजनों और स्थानीय लोगों की भीड़ जमा हो गई, जहां मातम और अफरा-तफरी का माहौल है।
हादसे का घटनाक्रम
जानकारी के अनुसार, जयपुर के हसनपुरा निवासी 11 युवक, जिनकी उम्र 20 से 25 साल के बीच थी, मंगलवार को टोंक में बनास नदी के किनारे पिकनिक मनाने आए थे। गर्मी से राहत पाने के लिए दोपहर करीब 1:30 बजे वे नदी में नहाने उतरे। नदी का तेज बहाव और गहराई उनके लिए घातक साबित हुई। कुछ युवक गहरे पानी में चले गए और डूबने लगे। अपने दोस्तों को बचाने की कोशिश में बाकी युवक भी नदी में कूद गए, लेकिन वे भी तेज बहाव की चपेट में आ गए।
स्थानीय लोगों ने हादसे को देखकर तुरंत बचाव कार्य शुरू किया और पुलिस को सूचना दी। टोंक पुलिस और स्थानीय गोताखोरों ने तेजी से रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया, जिसमें आठ युवकों के शव नदी से निकाले गए। तीन अन्य युवकों को सकुशल बचा लिया गया, जिन्हें इलाज के लिए सआदत अस्पताल में भर्ती कराया गया है। शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया है।
पुलिस और प्रशासन का बयान
टोंक के पुलिस अधीक्षक (एसपी) विकास सांगवान और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक (एएसपी) ब्रिजेंद्र सिंह भाटी हादसे की सूचना मिलते ही मौके पर पहुंचे। एसपी सांगवान ने बताया, "ये सभी युवक जयपुर के हसनपुरा के रहने वाले थे और दोस्तों का एक समूह था। प्रारंभिक जांच में पता चला है कि कुछ युवक नहाने के लिए नदी में उतरे और गहरे पानी में डूबने लगे। उन्हें बचाने के लिए उनके दोस्त भी नदी में कूद गए, जिसके कारण यह बड़ा हादसा हुआ।" उन्होंने आगे कहा कि मृतकों की पहचान की प्रक्रिया जारी है और परिजनों को सूचित कर दिया गया है।
सआदत अस्पताल में मातम और हंगामा
हादसे की खबर फैलते ही सआदत अस्पताल में मृतकों के परिजनों, रिश्तेदारों और स्थानीय लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई। परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है, और अस्पताल परिसर में शोक के साथ-साथ गुस्से का माहौल भी देखा गया। कुछ लोगों ने प्रशासन पर नदी किनारे सुरक्षा इंतजामों की कमी का आरोप लगाया, जिसके कारण हंगामे की स्थिति बनी। पुलिस ने अतिरिक्त बल तैनात कर स्थिति को नियंत्रित किया।
सामाजिक और राजनीतिक प्रतिक्रियाएं
इस दुखद घटना पर राजस्थान के कई नेताओं ने गहरा शोक व्यक्त किया है। कांग्रेस और भाजपा नेताओं ने मृतकों के परिवारों के प्रति संवेदना जताई और प्रशासन से इस हादसे की गहन जांच की मांग की। नेताओं ने यह भी अपील की कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए नदियों और जलाशयों के किनारे सुरक्षा उपायों को मजबूत किया जाए।
नदियों में नहाने के खतरों पर चेतावनी
यह हादसा नदियों और जलाशयों में नहाने के दौरान बरती जाने वाली लापरवाही को उजागर करता है। विशेषज्ञों का कहना है कि गर्मियों में लोग अक्सर नदी की गहराई और बहाव का सही आकलन नहीं करते, जिसके कारण ऐसी त्रासदियां होती हैं। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि वे नदियों में नहाने से पहले स्थानीय परिस्थितियों की जानकारी लें और बिना सुरक्षा उपायों के पानी में न उतरें।