"जोधपुर एमडीएम अस्पताल में चेंजिंग रूम की शर्मनाक साजिश: सिक्योरिटी गार्ड का घिनौना खेल बेनकाब, अब प्रशासन की सख्ती का इंतजार!"
जोधपुर के एमडीएम अस्पताल के एमआरआई सेंटर के चेंजिंग रूम में सिक्योरिटी गार्ड रहीमुद्दीन अब्बासी ने मोबाइल फोन से महिलाओं की वीडियो रिकॉर्डिंग की। एक महिला मरीज को शक होने पर मोबाइल पकड़ा गया, जिसके बाद शास्त्रीनगर पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार किया। मामला बीएनएस धारा 77 के तहत दर्ज हुआ। यह घटना अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था में खामियों को उजागर करती है। प्रशासन से सख्त कार्रवाई और सुरक्षा उपायों की मांग की जा रही है।

जोधपुर के एमडीएम अस्पताल के एमआरआई सेंटर के चेंजिंग रूम में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जहां सिक्योरिटी गार्ड रहीमुद्दीन अब्बासी ने चेंजिंग रूम में अपना मोबाइल फोन छिपाकर महिलाओं की वीडियो रिकॉर्डिंग की। यह घटना तब उजागर हुई जब न्यूरो वार्ड में भर्ती एक महिला कपड़े बदलने के लिए चेंजिंग रूम गई और उसे छत पर रखे मोबाइल फोन पर शक हुआ। महिला ने तुरंत अपने परिजनों को सूचित किया, जिसके बाद शास्त्रीनगर थाना पुलिस को बुलाया गया। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर मोबाइल फोन जब्त किया, जिसमें रिकॉर्डिंग चालू थी, और आरोपी सिक्योरिटी गार्ड रहीमुद्दीन अब्बासी को गिरफ्तार कर लिया।
शास्त्रीनगर थानाधिकारी जुल्फिकार अली ने बताया कि आरोपी के खिलाफ बीएनएस की धारा 77 के तहत मामला दर्ज किया गया है, जो महिलाओं की निजता का उल्लंघन करने से संबंधित है। पुलिस ने चेंजिंग रूम को सील कर दिया है और मोबाइल फोन की जांच कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि कितनी महिलाओं की रिकॉर्डिंग की गई और इन वीडियो का क्या उपयोग किया गया।
यह घटना अस्पताल की सुरक्षा व्यवस्था पर गंभीर सवाल उठाती है। एमडीएम अस्पताल, जो जोधपुर का एक प्रमुख सरकारी अस्पताल है, में ऐसी लापरवाही कि एक सिक्योरिटी गार्ड बिना किसी जांच के चेंजिंग रूम में मोबाइल फोन रखकर रिकॉर्डिंग कर सका, यह चिंताजनक है। इस मामले ने अस्पताल प्रशासन की कार्यप्रणाली और मरीजों की सुरक्षा को लेकर कई सवाल खड़े किए हैं।
प्रशासन की कार्रवाई और भविष्य के कदम:
- पुलिस आरोपी से पूछताछ कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि उसने पहले भी ऐसी घटनाएं की हैं या नहीं।
- अस्पताल प्रशासन को सुरक्षा व्यवस्था को और सख्त करने की जरूरत है, जिसमें कर्मचारियों की पुलिस सत्यापन, सीसीटीवी निगरानी, और चेंजिंग रूम की नियमित जांच शामिल हो।
- इस घटना के बाद मरीजों और उनके परिजनों में आक्रोश है, और वे अस्पताल प्रबंधन से जवाबदेही की मांग कर रहे हैं।
यह मामला भोपाल के मालवीय नगर में एक एमआरआई सेंटर में हुई समान घटना की याद दिलाता है, जहां भी चेंजिंग रूम में हिडन कैमरा पकड़ा गया था। ऐसी घटनाएं न केवल व्यक्तिगत गोपनीयता का उल्लंघन हैं, बल्कि यह भी दर्शाती हैं कि अस्पताल जैसे संवेदनशील स्थानों पर सुरक्षा के प्रति कितनी लापरवाही बरती जा रही है।
प्रशासन को अब न केवल इस मामले में सख्त कार्रवाई करनी होगी, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाने होंगे। मरीजों की सुरक्षा और गोपनीयता सुनिश्चित करने के लिए अस्पतालों में सख्त प्रोटोकॉल, नियमित कर्मचारी जांच, और तकनीकी निगरानी को लागू करना अनिवार्य है। इस घटना ने जनता का ध्यान इस ओर खींचा है कि ऐसी जगहों पर जागरूकता और सतर्कता कितनी महत्वपूर्ण है।