जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद पर करारा प्रहार: दो एनकाउंटर में छह आतंकी ढेर, ऑपरेशन सिंदूर की गूंज
जम्मू-कश्मीर में पिछले तीन दिनों में त्राल और शोपियां में दो एनकाउंटरों में सुरक्षाबलों ने छह आतंकवादी मार गिराए। सेना, पुलिस और सीआरपीएफ के संयुक्त ऑपरेशन में ड्रोन और सटीक रणनीति का उपयोग हुआ। त्राल में जैश-ए-मोहम्मद और शोपियां में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकी ढेर किए गए। सेना ने स्थानीय लोगों के सहयोग और एजेंसियों के समन्वय की सराहना की। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भुज में ऑपरेशन सिंदूर की तारीफ की, जिसमें 23 मिनट में पाकिस्तान में आतंकी ठिकाने नष्ट किए गए। भारत आतंकवाद के खिलाफ कड़ा रुख जारी रखेगा।

जम्मू-कश्मीर में सुरक्षाबलों ने आतंकवाद के खिलाफ अपनी मुहिम को और तेज कर दिया है। पिछले तीन दिनों में त्राल और शोपियां में हुए दो बड़े एनकाउंटरों में छह आतंकवादी मार गिराए गए हैं। सेना और पुलिस ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में इन ऑपरेशनों की सफलता का ब्योरा देते हुए बताया कि कश्मीर में आतंकवाद के खात्मे के लिए ऑपरेशन निरंतर जारी हैं। दूसरी ओर, रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने गुजरात के भुज एयरफोर्स स्टेशन पर जवानों को संबोधित करते हुए ऑपरेशन सिंदूर की तारीफ की, जिसमें भारतीय सेना ने मात्र 23 मिनट में पाकिस्तान की सरजमीं पर आतंकवाद के ठिकानों को नेस्तनाबूद कर दिया।
त्राल और शोपियां में एनकाउंटर: आतंकियों का सफाया
जम्मू-कश्मीर के पुलवामा जिले के त्राल और शोपियां जिले के केलर क्षेत्र में सुरक्षाबलों ने दो अलग-अलग एनकाउंटरों में छह आतंकवादियों को ढेर किया। ये ऑपरेशन बेहद चुनौतीपूर्ण परिस्थितियों में किए गए:
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त्राल एनकाउंटर: त्राल के नादिर गांव के पास जंगली और पहाड़ी इलाके में सुरक्षाबलों को दो से तीन आतंकियों के छिपे होने की खुफिया जानकारी मिली थी। इसके बाद सेना, पुलिस और सीआरपीएफ ने संयुक्त रूप से इलाके को घेर लिया। आतंकियों ने सुरक्षाबलों पर भारी गोलीबारी शुरू की, लेकिन ड्रोन और सटीक रणनीति के साथ जवानों ने तीन आतंकियों को मार गिराया। मारे गए आतंकी जैश-ए-मोहम्मद से जुड़े थे और उनकी पहचान आसिफ अहमद शेख, आमिर नजीर वानी और यावर अहमद भट के रूप में हुई, जो पुलवामा के ही रहने वाले थे।
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शोपियां एनकाउंटर (ऑपरेशन केलर): शोपियां के केलर जंगल में 13 मई 2025 को शुरू हुए ऑपरेशन केलर में राष्ट्रीय राइफल्स की खुफिया जानकारी के आधार पर तीन आतंकियों को घेरा गया। ये आतंकी लश्कर-ए-तैयबा से जुड़े थे और पहलगाम हमले की साजिश रच रहे थे। घने जंगल और ऊंचे पहाड़ी इलाके में हुए इस ऑपरेशन में सुरक्षाबलों ने सावधानीपूर्वक कार्रवाई करते हुए तीनों आतंकियों को मार गिराया। ऑपरेशन के बाद भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद किया गया।
सुरक्षाबलों का समन्वय
संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में सेना ने बताया कि इन ऑपरेशनों की सफलता में सभी सुरक्षा एजेंसियों—सेना, जम्मू-कश्मीर पुलिस और सीआरपीएफ—के बीच उत्कृष्ट समन्वय की अहम भूमिका रही। सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, "हमारी रणनीति स्पष्ट है—आतंकवादियों को कहीं भी पनाह नहीं मिलेगी। चाहे घने जंगल हों या गांव, हम सटीक और सावधानीपूर्वक कार्रवाई करते हैं।"
ऑपरेशनों में ड्रोन और सैटेलाइट इमेजरी का उपयोग किया गया, जिससे आतंकियों की सटीक लोकेशन का पता लगाया गया। त्राल में ड्रोन फुटेज ने आतंकियों के छिपने के प्रयासों को बेनकाब किया, जिसके बाद सुरक्षाबलों ने उन्हें घेरकर मार गिराया। स्थानीय लोगों के सहयोग को भी सराहा गया, जिन्होंने खुफिया जानकारी और समर्थन प्रदान किया। सेना ने कहा, "लोगों का सहयोग इस सफलता की नींव है। उनके बिना यह असंभव था।"
रक्षामंत्री राजनाथ सिंह ने भुज एयरफोर्स स्टेशन पर जवानों को संबोधित करते हुए ऑपरेशन सिंदूर को भारतीय सेना की अभूतपूर्व उपलब्धि बताया। उन्होंने कहा, "23 मिनट में आपने वह कर दिखाया, जो दुनिया के लिए एक मिसाल है। जितनी देर में लोग नाश्ता करते हैं, उतनी देर में भारतीय सेना ने पाकिस्तान की सरजमीं पर आतंकवाद के अजगर को कुचल दिया।"
ऑपरेशन सिंदूर, जो 6-7 मई 2025 को शुरू हुआ, पहलगाम में 22 अप्रैल 2025 को हुए आतंकी हमले का जवाब था, जिसमें 25 भारतीय और एक नेपाली नागरिक मारे गए थे। इस ऑपरेशन में भारतीय वायुसेना, थलसेना और नौसेना ने समन्वित रूप से पाकिस्तान और पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में नौ आतंकी ठिकानों को नष्ट किया। इनमें जैश-ए-मोहम्मद, लश्कर-ए-तैयबा और हिजबुल मुजाहिदीन के ठिकाने शामिल थे, जहां से जम्मू-कश्मीर में आतंकी हमलों की साजिश रची जाती थी।
ऑपरेशन में 100 से अधिक आतंकवादी मारे गए, जिनमें यूसुफ अजहर, अब्दुल मलिक रऊफ और मुदस्सिर अहमद जैसे हाई-वैल्यू टारगेट शामिल थे, जो IC-814 हाइजैक और पुलवामा हमले से जुड़े थे। ऑपरेशन की सटीकता ऐसी थी कि आम नागरिकों को कोई नुकसान नहीं पहुंचा।
राजनाथ सिंह ने भुज में कहा, "ऑपरेशन सिंदूर भारत की राजनीतिक, सामाजिक और सामरिक इच्छाशक्ति का प्रतीक है। यह नया भारत है, जो आतंकवाद के खिलाफ सरहद के इस पार और उस पार दोनों तरफ कार्रवाई करेगा।" उन्होंने ब्रह्मोस मिसाइल की तारीफ करते हुए कहा कि यह भारत की सैन्य ताकत का प्रतीक है, जिसने ऑपरेशन सिंदूर में अहम भूमिका निभाई।
सेना ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट किया कि जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद के खिलाफ ऑपरेशन जारी रहेंगे। "हमारा लक्ष्य है कि कश्मीर से आतंकवाद का पूरी तरह सफाया हो। इसके लिए हमारी एजेंसियां लगातार काम कर रही हैं, और हमारा समन्वय पहले से कहीं ज्यादा मजबूत है," सेना के प्रवक्ता ने कहा।
जम्मू-कश्मीर में त्राल और शोपियां के एनकाउंटर और ऑपरेशन सिंदूर की सफलता ने भारत की आतंकवाद के खिलाफ जीरो-टॉलरेंस नीति को और मजबूत किया है। सुरक्षाबलों का समन्वय, स्थानीय लोगों का सहयोग और उन्नत तकनीक ने इन ऑपरेशनों को अभूतपूर्व सफलता दिलाई। रक्षामंत्री राजनाथ सिंह के शब्दों में, "भारत अब वह देश नहीं, जो चुपचाप सहता रहे। हमारा जवाब तेज, सटीक और करारा होगा।"
जम्मू-कश्मीर में शांति और स्थिरता की बहाली के लिए सुरक्षाबल अपनी मुहिम को और तेज करेंगे, ताकि घाटी आतंकवाद के साये से पूरी तरह मुक्त हो सके।