"सूदखोरों की लूट, पुलिस की चुप्पी और एक मां की पुकार: पोकरण में ब्याज का खौफनाक खेल"

जैसलमेर जिले के पोकरण में सूदखोरों का आतंक चरम पर है। 10 रुपये प्रति सैकड़ा ब्याज और मनमानी पेनाल्टी के जाल में फंसकर लोग अपनी जिंदगी की जमा-पूंजी गंवा रहे हैं। एक ओर जहां सूदखोर बिना किसी सरकारी रजिस्ट्रेशन के "फाइल" के नाम पर कर्ज का धंधा चला रहे हैं, वहीं पुलिस की निष्क्रियता ने पीड़ितों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है।

May 4, 2025 - 15:20
May 4, 2025 - 15:49
"सूदखोरों की लूट, पुलिस की चुप्पी और एक मां की पुकार: पोकरण में ब्याज का खौफनाक खेल"
Ai फोटो

रिपोर्ट जसवंत सिंह शिवकर जैसलमेर/पोकरण: जैसलमेर जिले के पोकरण में सूदखोरों का आतंक चरम पर है। 10 रुपये प्रति सैकड़ा ब्याज और मनमानी पेनाल्टी के जाल में फंसकर लोग अपनी जिंदगी की जमा-पूंजी गंवा रहे हैं। एक ओर जहां सूदखोर बिना किसी सरकारी रजिस्ट्रेशन के "फाइल" के नाम पर कर्ज का धंधा चला रहे हैं, वहीं पुलिस की निष्क्रियता ने पीड़ितों की उम्मीदों पर पानी फेर दिया है। इस बीच, पोकरण तहसीलदार विश्वप्रकाश चारण की सख्ती और सोशल मीडिया पर उनकी चेतावनियों ने लोगों में हिम्मत जगाई है। हाल ही में एक पीड़ित की आत्महत्या की कोशिश और तहसीलदार की त्वरित कार्रवाई ने इस मुद्दे को और गंभीर बना दिया है। 

संजय की दर्दनाक कहानी: लूट का शिकार, आत्महत्या की कगार पर

पोकरण निवासी संजय भार्गव की कहानी दिल दहला देने वाली है। संजय ने NS Finance नामक कंपनी से 1 लाख रुपये उधार लिए। उसे 70,000 रुपये ही दिए गए, बाकी राशि ब्याज के नाम पर पहले ही काट ली गई। शर्त थी कि हर दिन 1,000 रुपये की किश्त देनी होगी। एक दिन किश्त चूकने पर 500 रुपये और अगले दिन 1,000 रुपये की पेनाल्टी ठोक दी गई। संजय ने 5 लाख रुपये चुका दिए, लेकिन सूदखोरों का दावा है कि अभी भी 2.5 लाख रुपये बकाया हैं। इस मानसिक और आर्थिक दबाव ने संजय को इतना तोड़ दिया कि उसने आत्महत्या की कोशिश की। आखिरी पल में उसकी मां ने उसे बचा लिया। संजय की मां रोते हुए कहती हैं, 

"मेरा बेटा मेहनत-मजदूरी करता था, लेकिन इन सूदखोरों ने उसकी जिंदगी नर्क बना दी। अगर तहसीलदार साहब ने कार्रवाई न की होती, तो मैं अपने बेटे को खो देती।"

सूदखोरों का "फाइल" सिस्टम: लूट की सुनियोजित साजिश

पोकरण में सूदखोरी का धंधा संगठित गिरोहों के रूप में फल-फूल रहा है। ये गिरोह बिना किसी सरकारी अनुमति के "फाइल" के नाम पर कर्ज देते हैं। नियम बेहद सख्त हैं: 2 लाख रुपये कर्ज लेने पर 20,000 रुपये ब्याज पहले ही काट लिया जाता है। फिर 100 दिन तक हर दिन 2,000 रुपये की किश्त। किश्त चूकने पर 500 से 1,000 रुपये की पेनाल्टी। कई बार तो सूदखोर धमकियां देते हैं और गुंडे भेजकर वसूली करते हैं। एक अन्य पीड़ित बताती हैं,

"मैंने अपने बच्चे के इलाज के लिए 50,000 रुपये लिए। अब तक 90,000 रुपये चुका चुकी हूं, लेकिन वो कहते हैं कि अभी 30,000 और देने हैं। मैं पुलिस के पास गई, लेकिन कोई मदद नहीं मिली 

पुलिस की निष्क्रियता पर सवाल

तहसीलदार विश्वप्रकाश चारण ने सूदखोरों के खिलाफ सख्त रुख अपनाते हुए सोशल मीडिया पर कई बार चेतावनी दी है। उन्होंने लिखा, "पोकरण में 8-10 रुपये सैकड़ा ब्याज और पेनाल्टी के नाम पर लूटने वाले सूदखोरों का गिरोह सक्रिय है। पीड़ित मेरे पास लिखित शिकायत दें। सूदखोर दुआ करें कि ऐसी कोई शिकायत मेरे पास न आए।" तहसीलदार ने दो बार पुलिस को शिकायतें फॉरवर्ड कीं, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं हुई। स्थानीय निवासी गोविंद सिंह गुस्से में कहते हैं,

"तहसीलदार साहब तो कोशिश कर रहे हैं, लेकिन पुलिस क्यों खामोश है? क्या सूदखोरों का रसूख इतना बड़ा है कि पुलिस उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं कर सकती?"

तहसीलदार की कार्रवाई: NS Finance पर छापा, दो गिरफ्तार

संजय भार्गव की आत्महत्या की कोशिश के बाद तहसीलदार ने तुरंत एक्शन लिया। उनकी अगुवाई में प्रशासन ने NS Finance के दफ्तर पर छापा मारा। वहां गैरकानूनी लेन-देन की कच्ची पर्चियां, डायरियां और अन्य दस्तावेज जब्त किए गए। वसूली करने वाले दो लोगों को पुलिस के हवाले किया गया, और कंपनी के मालिक देवेंद्र सिंह राठौड़ को थाने तलब किया गया है। तहसीलदार ने कहा,

"हम इस मामले की गहराई तक जाएंगे। यह पता लगाया जाएगा कि और कितने लोग इस लूट के शिकार हुए हैं। कानूनी कार्रवाई पूरी सख्ती से होगी।"

सोशल मीडिया पर तहसीलदार की बेबाकी

विश्वप्रकाश चारण अपनी सोशल मीडिया सक्रियता के लिए जाने जाते हैं। चाहे पोकरण नगर पालिका में भ्रष्टाचार का मामला हो या सूदखोरों के खिलाफ कार्रवाई, उनकी पोस्ट हमेशा चर्चा में रहती हैं। उनकी हालिया पोस्ट ने पीड़ितों को हिम्मत दी है। तहसीलदार ने अपील की, "अगर आप पुलिस के पास जाने से डरते हैं, तो मेरे पास आएं। मैं हर पीड़ित की मदद करूंगा।"

जनता की पुकार: अब इंसाफ चाहिए

संजय जैसे कई लोग अब तहसीलदार के भरोसे अपनी आवाज उठा रहे हैं। लेकिन सवाल यह है कि क्या सूदखोरों का यह आतंक यूं ही चलता रहेगा? पुलिस की चुप्पी कब टूटेगी? पोकरण की जनता अब सड़कों पर उतरने की बात कर रही है। एक स्थानीय व्यापारी, रमेश कुमार, कहते हैं, 

"हम तहसीलदार साहब के साथ हैं। लेकिन पुलिस को भी अब जागना होगा। अगर कार्रवाई नहीं हुई, तो हम चुप नहीं बैठेंगे।"

आगे की राह

पोकरण में सूदखोरों के खिलाफ तहसीलदार की यह मुहिम एक उम्मीद की किरण है। लेकिन यह लड़ाई तब तक अधूरी रहेगी, जब तक पुलिस सक्रिय रूप से इसमें शामिल नहीं होती। पीड़ितों की अपील है कि प्रशासन और पुलिस मिलकर सूदखोरों के इस जाल को पूरी तरह तोड़ें। तहसीलदार विश्वप्रकाश चारण का संदेश साफ है: "कोई भी पीड़ित डरे नहीं, मेरे पास आए। इंसाफ जरूर मिलेगा।"  

Ashok Shera "द खटक" एडिटर-इन-चीफ