SDM हनुमानराम का डमी कैंडिडेट कांड: SOG की पूछताछ में कोचिंग माफिया का काला खेल बेनकाब
फतेहगढ़ के SDM हनुमानराम ने SOG की पूछताछ में कबूला कि उन्होंने SI भर्ती-2021 सहित पटवारी, ग्राम सेवक और शिक्षक भर्ती में डमी कैंडिडेट बनकर लाखों कमाए। आर्थिक तंगी और कोचिंग माफियाओं के लालच में फंसने की बात कहकर इमोशनल ड्रामा भी रचा, लेकिन RAS-2021 में 22वीं रैंक के बाद डमी बनना छोड़ने का दावा फीका पड़ गया। SOG की जांच अब माफिया नेटवर्क की गहराई तक पहुंच रही है।

**SDM हनुमानराम की SOG पूछताछ में चौंकाने वाले खुलासे: डमी कैंडिडेट का काला खेल बेनकाब**
जयपुर: 14 अप्रैल, फतहगढ़ के SDM हनुमानराम, जिन्हें कभी RAS-2021 में 22वीं रैंक लाने के लिए सराहा गया, अब एक बड़े घोटाले के केंद्र में हैं। राजस्थान SOG ने जब उनसे कड़ाई से पूछताछ शुरू की, तो हनुमानराम ने कई सनसनीखेज राज उगल दिए। उन्होंने न केवल 2021 की सब इंस्पेक्टर (SI) भर्ती में डमी कैंडिडेट बनने की बात कबूली, बल्कि कई अन्य सरकारी भर्ती परीक्षाओं में भी दूसरों की जगह पेपर देने का खुलासा किया। पूछताछ के दौरान इमोशनल ड्रामा और पछतावे की कोशिशें भी नाकाम रहीं। SOG के ADG वीके सिंह, SP लोकेश सोनवाल और सीमा शर्मा की अगुवाई में जांच अब गहरा रही है।
### पूछताछ में सामने आए अहम खुलासे:
- **डमी कैंडिडेट का पुराना रिकॉर्ड**: हनुमानराम ने SI भर्ती-2021 के अलावा पटवारी, ग्राम सेवक और शिक्षक भर्ती में भी डमी कैंडिडेट की भूमिका निभाई। उन्होंने फोटो देखकर पटवारी भर्ती में वांछित डमी होने की बात स्वीकारी।
- **15 लाख का आखिरी सौदा**: SI भर्ती-2021 में दोस्तों के दबाव में नरपतराम के लिए 15 लाख रुपये में डमी बनने का सौदा किया, लेकिन सिर्फ डेढ़ लाख मिले, बाकी रकम के लिए नरपतराम टालमटोल करता रहा।
- **कोचिंग माफिया का जाल**: आर्थिक तंगी के चलते कोचिंग माफियाओं के लालच में फंसे। RAS-2016 में सांख्यिकी विभाग में नौकरी लगने के बाद माफियाओं ने उनकी योग्यता को भुनाया और डमी बनने का ऑफर दिया।
- **RAS-2021 में ठुकराया ऑफर**: हनुमानराम को RAS-2021 में भी डमी बनने का प्रस्ताव मिला, लेकिन करियर बनाने की चाह में उन्होंने इनकार कर दिया और मेहनत से 22वीं रैंक हासिल की।
- **पछतावे का दिखावा**: पूछताछ में इमोशनल कार्ड खेलते हुए कहा कि तंगी ने उन्हें गलत रास्ते पर धकेला। दावा किया कि RAS-2021 के बाद डमी बनना छोड़ दिया था और माफियाओं को सुधरने की सलाह तक देता था।
- **SOG की हरकत पर नजर**: SI भर्ती विवाद के बाद हनुमानराम घबराए हुए थे। SOG की हर गतिविधि पर नजर रखते और माफियाओं को वॉट्सऐप कॉल पर गलत काम छोड़ने की नसीहत देते।
### सपने से अपराध तक की कहानी
हनुमानराम ने बताया कि दसवीं से ही उनका सपना RAS अफसर बनने का था। जसवंतपुरा के जवाहर नवोदय स्कूल में 12वीं में 90.20% अंकों के साथ टॉप किया, लेकिन गरीबी ने कोचिंग का रास्ता रोका। 2015 में सूरतगढ़ के भाटिया आश्रम से लेकर जयपुर तक की मेहनत ने उन्हें RAS-2016 में जगह दिलाई। लेकिन नौकरी के बाद लालच और माफियाओं ने उन्हें अपराध की दुनिया में खींच लिया।
SOG की जांच अब इस नेटवर्क की गहराई तक जा रही है। हनुमानराम का यह कबूलनामा न केवल उनकी जिंदगी का काला अध्याय उजागर करता है, बल्कि कोचिंग और पेपर लीक माफिया के पूरे तंत्र पर सवाल उठाता है। क्या इस जांच से और बड़े चेहरे बेनकाब होंगे? यह देखना बाकी है।