'रेप हुआ, लेकिन केस नहीं!'—मध्यप्रदेश में नाबालिग से दरिंदगी, पुलिस सिर्फ टालती रही
राजगढ़ से अगवा हुई नाबालिग के साथ दुष्कर्म के बाद भी पुलिस ने नहीं दर्ज किया केस, हाई कोर्ट के आदेश पर खुला मामला, एसपी धार से मांगा जवाब

मध्यप्रदेश के धार जिले में पुलिस प्रशासन की लापरवाही एक बार फिर सवालों के घेरे में है। राजगढ़ और तिरला के बीच तीन महीने पहले अगवा की गई नाबालिग के साथ दुष्कर्म हुआ, लेकिन पुलिस ने मामला दर्ज करने की जगह परिजनों को सिर्फ थानों के चक्कर ही कटवाए। जब पीड़िता गर्भवती हुई और उसने गर्भपात की इजाजत के लिए हाई कोर्ट में याचिका दायर की, तब जाकर मामला सामने आया।
क्या है मामला?
15 साल की नाबालिग लड़की का अपहरण राजगढ़ से तिरला के बीच हुआ था। आरोप है कि उसे जबरन गुजरात ले जाया गया जहां उसके साथ दुष्कर्म हुआ। पीड़ित परिवार ने पुलिस को बार-बार सूचना दी, लेकिन तिरला और राजगढ़ थाने एक-दूसरे पर जिम्मेदारी डालते रहे। पुलिस ने रिपोर्ट नहीं लिखी और पीड़िता की मां को महीनों तक इधर-उधर दौड़ाती रही।
गर्भवती होने के बाद खुला राज
जब पीड़िता गर्भवती हुई और उसने गर्भपात की इजाजत के लिए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया, तो अदालत ने सख्त रुख अपनाते हुए पुलिस से जवाब मांगा। जांच में पता चला कि पीड़िता के साथ दुष्कर्म हुआ है, लेकिन अब तक केस दर्ज नहीं किया गया था। कोर्ट के आदेश के बाद मामला दर्ज कर जीरो पर केस दर्ज कर गुजरात भेजा गया।
पुलिस पर गंभीर आरोप
परिजनों का कहना है कि पुलिस दबाव बना रही थी कि घटना स्थल बदल दो, जिससे मामला तिरला थाना क्षेत्र का न लगे। नाबालिग को मेडिकल के लिए भी इंदौर ले जाना पड़ा।
एसपी धार मनोज कुमार सिंह का जवाब
“पीड़िता के परिजन ने जब तक शपथ पत्र नहीं दिया, तब तक रिपोर्ट दर्ज नहीं की गई। अब मामला गुजरात भेज दिया गया है। पुलिस पर कोई दबाव नहीं था।”