नाबालिगों से दुष्कर्म: मामा को उम्रकैद, जीजा को 20 साल की सजा, कोर्ट का सख्त फैसला

दो जघन्य दुष्कर्म मामलों में विशेष न्यायालय ने एक मामा को आजीवन कारावास और एक जीजा को 20 साल की सजा सुनाई, साथ ही पीड़ितों को प्रतिकर का आदेश दिया।

Jul 5, 2025 - 12:46
नाबालिगों से दुष्कर्म: मामा को उम्रकैद, जीजा को 20 साल की सजा, कोर्ट का सख्त फैसला

शहर में रिश्तों को कलंकित करने वाले दो अलग-अलग दुष्कर्म मामलों में न्यायालय ने कड़ा रुख अपनाते हुए दोषियों को कठोर सजा सुनाई है। इन मामलों ने समाज में रिश्तों की पवित्रता पर सवाल खड़े कर दिए हैं। दोनों ही मामलों में नाबालिग बच्चों को निशाना बनाया गया, जिसके बाद विशेष न्यायालय ने दोषियों को कड़ी सजा सुनाकर न्याय सुनिश्चित किया।

पहला मामला: मामा ने भांजी और भांजे के साथ किया घिनौना कृत्य

रक्षा विहार कॉलोनी निवासी शिवा बाथम (उम्र 19 वर्ष) को विशेष न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है। इसके साथ ही उस पर 30 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया है। विशेष लोक अभियोजक आशीष राठौर ने बताया कि शिवा ने अपनी नाबालिग भांजी और भांजे को कई महीनों तक अपने जघन्य कृत्यों का शिकार बनाया।

पीड़ितों की मां रक्षा विहार कॉलोनी में झाड़ू-पोंछा का काम करती है और परिवार के साथ सर्वेंट क्वार्टर में रहती है। 19 फरवरी 2025 को भांजी ने अपनी मां को बताया कि शिवा मामा उन्हें चॉकलेट का लालच देकर अपने कमरे में बुलाता था और दरवाजा बंद कर दुष्कर्म करता था। उसने खुलासा किया कि उसके साथ तीन बार और उसके भाई के साथ पांच बार कुकर्म किया गया। शुरू में बदनामी के डर से माता-पिता ने चुप्पी साधी, लेकिन बाद में हिम्मत जुटाकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।

न्यायिक जांच और ठोस सबूतों के आधार पर शिवा का अपराध सिद्ध हुआ, जिसके बाद विशेष न्यायालय ने उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई। इस फैसले को पीड़ित परिवार और समाज के लिए राहत भरा माना जा रहा है।

दूसरा मामला: जीजा ने नाबालिग साली के साथ किया बार-बार दुष्कर्म

बहोड़ापुर थाना क्षेत्र में 20 नवंबर 2022 की रात एक व्यक्ति ने अपनी नौवीं कक्षा में पढ़ने वाली नाबालिग साली को फोन कर गोदाम बुलाया और जबरन दुष्कर्म किया। इसके बाद उसने धमकी देकर दो और बार उसका शोषण किया। पीड़िता ने 19 मार्च 2023 को हिम्मत जुटाकर पुलिस में शिकायत दर्ज कराई।

विशेष लोक अभियोजक अनिल मिश्रा ने बताया कि त्रयोदशम जिला एवं अपर सत्र न्यायाधीश वंदना राज पांडे ने आरोपी को दोषी ठहराते हुए 20 साल के सश्रम कारावास की सजा सुनाई। इसके साथ ही अदालत ने पीड़िता के माता-पिता को 2 लाख रुपये की प्रतिकर राशि देने का आदेश भी जारी किया।

Yashaswani Journalist at The Khatak .