राजस्थान में फर्जी थानेदारनी का दो साल का रौब, फर्जीवाड़े से घुसी अकादमी, सीकर में धर-पकड़!
जयपुर पुलिस ने फर्जी सब-इंस्पेक्टर मोना बुगलिया को सीकर से गिरफ्तार किया। मोना ने दो साल तक राजस्थान पुलिस अकादमी (आरपीए) में फर्जी एसआई बनकर रौब जमाया और वॉट्सऐप कॉल के जरिए लोगों को धमकाया। शास्त्री नगर थाना पुलिस ने छापेमारी में उसे पकड़ा, जहां से पुलिस वर्दी, सात लाख रुपये नकद और फर्जी दस्तावेज बरामद हुए। मामले की जांच जारी है।

जयपुर: राजस्थान की राजधानी जयपुर में एक हैरतअंगेज मामले ने सभी को चौंका दिया है। एक फर्जी सब-इंस्पेक्टर (एसआई) मोना बुगलिया, जिसने दो साल तक राजस्थान पुलिस अकादमी (आरपीए) में अपनी धमक बनाए रखी, आखिरकार पुलिस के हत्थे चढ़ गई। शास्त्री नगर थाना पुलिस ने गुरुवार देर रात सीकर में छापेमारी कर मोना को गिरफ्तार किया। मोना ने न केवल फर्जीवाड़े से पुलिस अकादमी में प्रवेश किया, बल्कि वॉट्सऐप कॉल के जरिए लोगों को धमकाकर अपनी हनक भी जमाई।
फर्जीवाड़े की शुरुआत:कैसे बनी मोना 'एसआई'
मोना बुगलिया, जो मूल रूप से नागौर जिले के निंबा का बास गांव की रहने वाली है, ने सब-इंस्पेक्टर भर्ती परीक्षा दी थी, लेकिन वह इसमें सफल नहीं हो पाई। इसके बावजूद, उसने सोशल मीडिया पर यह खबर फैला दी कि वह राजस्थान पुलिस में सब-इंस्पेक्टर बन गई है। उसकी इस झूठी दावेदारी को रिश्तेदारों और गांव वालों ने सच मानकर बधाइयां तक दे दीं। इस झूठ को सच साबित करने के लिए मोना ने फर्जी नियुक्ति पत्र तक तैयार किया और उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। इसके बाद उसने राजस्थान पुलिस अकादमी में गैरकानूनी तरीके से प्रवेश किया। वह नियमित और स्पोर्ट्स कोटा के बैचों के साथ ट्रेनिंग में शामिल होती थी। मोना इतनी शातिर थी कि वह कभी मुख्य द्वार से अकादमी में प्रवेश नहीं करती थी, जहां आईडी कार्ड की जांच होती थी। इसके बजाय, वह उन रास्तों का इस्तेमाल करती थी, जहां से अधिकारी और उनके परिवार वाले आते-जाते थे। इस तरह, उसने दो साल तक बिना किसी शक के अकादमी में ट्रेनिंग ली।
धमकियों का खेल: वॉट्सऐप कॉल से फैलाया दहशत
मोना ने अपनी फर्जी पहचान का इस्तेमाल न केवल अकादमी में रौब जमाने के लिए किया, बल्कि वह वॉट्सऐप कॉल के जरिए लोगों को धमकाने का काम भी करती थी। वह ट्रेनिंग के दौरान असली सब-इंस्पेक्टरों के साथ व्हाट्सएप ग्रुप में थी और एक बार बहस के दौरान उसने एक अन्य प्रशिक्षु को अकादमी से निकलवाने की धमकी तक दे डाली। यही धमकी उसकी पोल खुलने का कारण बनी। जब एक प्रशिक्षु ने उसकी शिकायत अकादमी के अधिकारियों से की, तो गोपनीय जांच शुरू हुई। जांच में पता चला कि मोना का नाम किसी भी बैच में शामिल नहीं था। इसके बाद 29 सितंबर 2023 को शास्त्री नगर थाने में आरपीए के रिजर्व इंस्पेक्टर रमेश सिंह मीणा ने मोना के खिलाफ धोखाधड़ी, पुलिस वर्दी का दुरुपयोग, और अन्य धाराओं में मामला दर्ज करवाया।
छापेमारी में मिले चौंकाने वाले सबूत
पिछले साल मोना के फर्जीवाड़े का खुलासा होने के बाद वह फरार हो गई थी। वह बार-बार अपनी लोकेशन बदलकर पुलिस को चकमा देती रही। गुरुवार देर रात, शास्त्री नगर थाना पुलिस को मुखबिर से सूचना मिली कि मोना सीकर में किराए के मकान में छिपी है। पुलिस ने तुरंत दबिश दी और उसे गिरफ्तार कर लिया। मोना के जयपुर स्थित किराए के मकान (शास्त्री नगर के मेजर शैतान सिंह कॉलोनी) में छापेमारी के दौरान पुलिस को तीन पुलिस वर्दियां, सात लाख रुपये की नकदी, आरपीए के आंतरिक परीक्षा के पेपर, और कई महत्वपूर्ण दस्तावेज मिले। डीसीपी (नॉर्थ) राशि डूडी डोगरा ने बताया कि मोना के पास बीए और बीएड की डिग्री है, लेकिन उसने अपनी शिक्षा का दुरुपयोग फर्जीवाड़े के लिए किया।
पुलिस की हैरानी:
इतना बड़ा फर्जीवाड़ा कैसे?मोना की चालाकी ने पुलिस महकमे को भी हैरान कर दिया। वह न केवल अकादमी में ट्रेनिंग लेती थी, बल्कि बड़े अधिकारियों के साथ टेनिस खेलती थी, पूर्व डीजीपी की बेटी की शादी में शामिल होती थी, और मंदिरों में वर्दी का रौब दिखाकर वीआईपी दर्शन तक करवाती थी। उसकी हिम्मत और चालाकी ने पुलिस अधिकारियों को यह सोचने पर मजबूर कर दिया कि आखिर इतने बड़े पैमाने पर यह फर्जीवाड़ा कैसे संभव हुआ।
पुलिस अब मोना से पूछताछ कर रही है ताकि यह पता लगाया जा सके कि उसने इस फर्जीवाड़े को अंजाम देने के लिए और किन-किन लोगों की मदद ली। साथ ही, पुलिस यह भी जांच कर रही है कि क्या मोना ने अपने फर्जी रौब का इस्तेमाल किसी अन्य गैरकानूनी गतिविधियों के लिए किया। उसके दस्तावेजों और नकदी की जांच भी की जा रही है ताकि इस बात का खुलासा हो सके कि वह इतनी बड़ी रकम कहां से लाई। इस मामले ने राजस्थान पुलिस अकादमी की सुरक्षा और भर्ती प्रक्रिया पर भी सवाल उठाए हैं। पुलिस अब इस दिशा में भी जांच कर रही है कि भविष्य में इस तरह के फर्जीवाड़े को कैसे रोका जा सकता है।