राजस्थान में कॉलेज भर्तियों को दोगुना करने का ऐलान,CM भजनलाल शर्मा ने उच्च शिक्षा पर दिए बड़े निर्देश.
राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने उच्च शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए कॉलेजों में रिक्त पदों की भर्तियों को दोगुना करने का ऐलान किया है। यह निर्णय युवाओं को रोजगार और बेहतर शिक्षा के अवसर प्रदान करने के उद्देश्य से लिया गया। साथ ही, ऊर्जा विभाग की बैठक में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने और पीएम कुसुम योजना के तहत किसानों को ऊर्जा प्रदाता बनाने पर जोर दिया गया।

जयपुर: राजस्थान के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने प्रदेश के उच्च शिक्षा क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम उठाते हुए सरकारी महाविद्यालयों में रिक्त पदों पर चल रही भर्तियों को दोगुना करने का महत्वपूर्ण फैसला लिया है। यह निर्णय उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को बढ़ाने और युवाओं के लिए रोजगार के अधिक अवसर सृजित करने की दिशा में एक बड़ा कदम है। इसके साथ ही, उन्होंने ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक में पीएम कुसुम योजना के तहत सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने और किसानों को ऊर्जा प्रदाता बनाने पर जोर दिया।
उच्च शिक्षा में गुणवत्ता और रोजगार के अवसर बढ़ाने की पहल
शनिवार को जयपुर में मुख्यमंत्री निवास पर आयोजित उच्च एवं तकनीकी शिक्षा विभाग की समीक्षा बैठक में सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार का लक्ष्य राजस्थान को उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अग्रणी बनाना है। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि महाविद्यालयों में रिक्त पदों पर चल रही भर्ती प्रक्रियाओं को शीघ्र पूरा किया जाए और इन भर्तियों की संख्या को दोगुना कर दिया जाए। इस कदम से न केवल शिक्षण संस्थानों में शिक्षकों की कमी दूर होगी, बल्कि युवाओं को रोजगार के नए अवसर भी मिलेंगे।सीएम ने कहा, "हमारी सरकार युवाओं के सपनों को साकार करने के लिए प्रतिबद्ध है। उच्च शिक्षा में गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए आधारभूत ढांचे को मजबूत करना, तकनीकी सुविधाओं को बढ़ाना और नवाचार को प्रोत्साहित करना हमारी प्राथमिकता है।" उन्होंने यह भी सुनिश्चित करने के लिए कहा कि राज्य बजट में उच्च शिक्षा विभाग के लिए की गई घोषणाओं को समयबद्ध तरीके से लागू किया जाए। इससे विद्यार्थियों को बेहतर शैक्षिक वातावरण और आधुनिक सुविधाएं मिल सकेंगी।
सौर ऊर्जा के क्षेत्र में राजस्थान की नई उड़ान
उसी दिन मुख्यमंत्री ने ऊर्जा विभाग की समीक्षा बैठक की, जिसमें उन्होंने अक्षय ऊर्जा के क्षेत्र में राजस्थान की अपार संभावनाओं पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि पीएम कुसुम योजना के तहत किसानों को सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है, ताकि वे न केवल अपनी ऊर्जा जरूरतों को पूरा कर सकें, बल्कि अतिरिक्त बिजली उत्पादन से आय भी अर्जित कर सकें। सीएम ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि स्वच्छ और निर्बाध ऊर्जा के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए योजनाबद्ध तरीके से कार्य किया जाए। उन्होंने कहा, "पीएम कुसुम योजना के माध्यम से हम किसानों को ऊर्जा प्रदाता बनाने की दिशा में काम कर रहे हैं। साथ ही, घरेलू उपभोक्ताओं को भी सौर ऊर्जा अपनाने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।" इससे न केवल पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि उपभोक्ताओं की बिजली लागत भी कम होगी।
राजस्थान की प्रगति में अक्षय ऊर्जा की भूमिका
मुख्यमंत्री ने बताया कि राजस्थान ने सौर ऊर्जा के क्षेत्र में देश में अग्रणी स्थान हासिल किया है। पीएम कुसुम योजना के तहत राज्य में 1305 मेगावाट क्षमता के 684 विकेंद्रित सौर ऊर्जा संयंत्र स्थापित हो चुके हैं। इसके अलावा, 2027 तक किसानों को दिन में बिजली उपलब्ध कराने का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें सौर ऊर्जा की महत्वपूर्ण भूमिका होगी।
युवाओं और किसानों के लिए डबल इंजन सरकार का फोकस
सीएम भजनलाल शर्मा ने कहा कि केंद्र और राज्य की डबल इंजन सरकार युवाओं और किसानों के कल्याण के लिए संकल्पबद्ध है। उच्च शिक्षा में भर्तियों को दोगुना करने का फैसला जहां युवाओं को रोजगार के नए अवसर देगा, वहीं सौर ऊर्जा योजनाओं के जरिए किसान अपनी आर्थिक स्थिति को मजबूत कर सकेंगे। यह कदम राजस्थान को शिक्षा और ऊर्जा के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों पर ले जाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।
सरकार की इन योजनाओं से न केवल प्रदेश का विकास होगा, बल्कि युवाओं और किसानों के लिए एक समृद्ध और सशक्त भविष्य का निर्माण भी होगा।