पहलगाम हमले के बाद साइबर युद्ध की आहट: पाकिस्तानी हैकर्स ने राजस्थान शिक्षा विभाग की वेबसाइट को बनाया निशाना

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल, 2025 को हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव न केवल सीमाओं पर, बल्कि डिजिटल मोर्चे पर भी तेजी से बढ़ रहा है। पाकिस्तानी हैकर्स ने मंगलवार, 29 अप्रैल, 2025 को राजस्थान के शिक्षा विभाग की आधिकारिक वेबसाइट (education.rajasthan.gov.in) को हैक कर साइबर युद्ध की नई चुनौती पेश की।

Apr 29, 2025 - 11:07
Apr 29, 2025 - 11:08
पहलगाम हमले के बाद साइबर युद्ध की आहट: पाकिस्तानी हैकर्स ने राजस्थान शिक्षा विभाग की वेबसाइट को बनाया निशाना

जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में 22 अप्रैल, 2025 को हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव न केवल सीमाओं पर, बल्कि डिजिटल मोर्चे पर भी तेजी से बढ़ रहा है। पाकिस्तानी हैकर्स ने मंगलवार, 29 अप्रैल, 2025 को राजस्थान के शिक्षा विभाग की आधिकारिक वेबसाइट (education.rajasthan.gov.in) को हैक कर साइबर युद्ध की नई चुनौती पेश की। हैकर्स ने वेबसाइट पर "पाकिस्तान साइबर फोर्स" का संदेश पोस्ट किया, जिसमें भारत के खिलाफ भड़काऊ बयानबाजी के साथ यह धमकी दी गई कि "अगला हमला गोलियों से नहीं, टेक्नोलॉजी से होगा।"

साइबर हमले का घटनाक्रम

मंगलवार सुबह की घटना: राजस्थान शिक्षा विभाग की वेबसाइट को हैक करने के बाद पाकिस्तानी हैकर्स ने वेबसाइट के होमपेज पर पाकिस्तान के समर्थन में कंटेंट डाला। इस हमले ने राज्य सरकार और साइबर सुरक्षा एजेंसियों में हड़कंप मचा दिया।

पहले भी निशाना बने सरकारी पोर्टल: सोमवार रात को पाकिस्तानी हैकर्स ने राजस्थान के स्वायत्त शासन और नगरीय विकास विभाग (DLB) और जयपुर विकास प्राधिकरण (JDA) की वेबसाइट्स को हैक किया था। इन वेबसाइट्स पर भी पाकिस्तान समर्थित संदेश पोस्ट किए गए थे, जिन्हें बाद में रिकवर कर लिया गया।

शिक्षा विभाग की प्रतिक्रिया: शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने त्वरित कार्रवाई के निर्देश दिए। विभाग की आईटी विंग को सक्रिय किया गया, और वेबसाइट को अस्थायी रूप से बंद कर रिकवरी प्रक्रिया शुरू की गई।

पहलगाम हमले ने बढ़ाया तनाव

22 अप्रैल, 2025 को पहलगाम की बैसरन घाटी में हुए आतंकी हमले में 26 लोग मारे गए, जिनमें अधिकांश पर्यटक थे। इस हमले की जिम्मेदारी लश्कर-ए-तैयबा और द रेजिस्टेंस फ्रंट (TRF) ने ली। हमले में शामिल छह आतंकियों में दो स्थानीय आतंकी, आदिल हुसैन थोकर और आसिफ शेख, भी थे, जिनके घरों को सुरक्षा बलों ने क्रमशः बम और बुलडोजर से नष्ट कर दिया।

हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान के खिलाफ कई सख्त कदम उठाए:

सिंधु जल संधि निलंबित: भारत ने इस ऐतिहासिक संधि को निलंबित करने की घोषणा की।

पाकिस्तानी राजनयिकों पर कार्रवाई: नई दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग के रक्षा सलाहकारों को "अवांछित व्यक्ति" घोषित किया गया।

डिजिटल स्ट्राइक: भारत ने पाकिस्तान के आधिकारिक एक्स अकाउंट और अन्य सोशल मीडिया हैंडल्स को भारत में बैन कर दिया।

पाकिस्तान ने जवाबी कार्रवाई में शिमला समझौते सहित सभी द्विपक्षीय समझौतों को स्थगित करने और भारतीय एयरलाइनों के लिए अपना हवाई क्षेत्र बंद करने की घोषणा की।

साइबर हमलों का इतिहास

पाकिस्तानी हैकर्स, खासकर "टीम इनसेन पीके" जैसे समूह, पहले भी भारत की सरकारी और निजी वेबसाइट्स को निशाना बना चुके हैं। हाल ही में, 25 अप्रैल, 2025 को इस समूह ने भारतीय आर्मी कॉलेज ऑफ नर्सिंग की वेबसाइट को हैक कर दो-राष्ट्र सिद्धांत से संबंधित भड़काऊ संदेश पोस्ट किया था। इसके अलावा:

2024 में बर्गर सिंह हैकिंग: टीम इनसेन पीके ने फास्ट फूड चेन बर्गर सिंह की वेबसाइट को हैक कर प्रोमो कोड "FPak20" के जवाब में डिजिटल भित्तिचित्र बनाया।

2023 G20 शिखर सम्मेलन: इस समूह ने सरकारी वेबसाइट्स पर DDoS हमले किए।

पटना लॉ कॉलेज (2020): हैकर "हंटर बाजवा" ने वेबसाइट हैक कर "पाकिस्तान जिंदाबाद" का संदेश पोस्ट किया।

साइबर सुरक्षा पर सवाल

राजस्थान शिक्षा विभाग की वेबसाइट पर हुए इस हमले ने भारत में साइबर सुरक्षा की तैयारियों पर फिर से सवाल उठाए हैं। शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि अभी तक कोई संवेदनशील डेटा लीक होने की पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन सभी सिस्टम्स की व्यापक जांच की जा रही है। भारतीय कंप्यूटर आपातकालीन प्रतिक्रिया दल (CERT-In) को जांच में शामिल किया गया है ताकि हमले के पीछे के ग्रुप और नुकसान का आकलन किया जा सके।

साइबर विशेषज्ञों के अनुसार, सरकारी वेबसाइट्स में सुरक्षा फीचर्स की कमी और नियमित साइबर ऑडिट न होने के कारण ऐसे हमले आसान हो जाते हैं। 2019-2021 के बीच भारत में 79,786 वेबसाइट्स हैक हुईं, जिनमें कई सरकारी पोर्टल शामिल थे।

पाकिस्तान का डिजिटल प्रोपेगेंडा

पहलगाम हमले के बाद पाकिस्तानी सोशल मीडिया हैंडल्स पर भारत के खिलाफ गलत सूचनाएं फैलाने और प्रोपेगेंडा चलाने की कोशिशें तेज हुईं। हैशटैग जैसे #IndianFalseFlag और #PahalgamDramaExposed के जरिए दावा किया गया कि हमला भारत की साजिश था। इंडिया टुडे की OSINT टीम ने पाया कि 75% से अधिक ऐसी पोस्ट्स पाकिस्तानी अकाउंट्स से आईं।

आगे की राह

तकनीकी कदम: राजस्थान सरकार ने साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के लिए सभी विभागों को अपनी वेबसाइट्स का सुरक्षा ऑडिट कराने का निर्देश दिया है।

कानूनी कार्रवाई: हैकिंग के पीछे शामिल ग्रुप की पहचान के लिए अंतरराष्ट्रीय साइबर क्राइम यूनिट्स के साथ सहयोग किया जा सकता है।

राष्ट्रीय रणनीति: विशेषज्ञों का सुझाव है कि भारत को साइबर युद्ध के लिए एक समर्पित राष्ट्रीय नीति और आक्रामक साइबर रक्षा तंत्र विकसित करना होगा। 

Ashok Shera "द खटक" एडिटर-इन-चीफ