पटना में छत गिरी, परिवार के 5 लोगों की मौत: पति-पत्नी और तीन बच्चों की मलबे में दबकर दर्दनाक मौत; इंदिरा आवास योजना से बना था घर

पटना के दानापुर में इंदिरा आवास योजना से बने मकान की छत गिरने से एक ही परिवार के 5 लोग मलबे में दबकर मारे गए; पति-पत्नी व तीन बच्चे शामिल।

Nov 10, 2025 - 18:12
पटना में छत गिरी, परिवार के 5 लोगों की मौत: पति-पत्नी और तीन बच्चों की मलबे में दबकर दर्दनाक मौत; इंदिरा आवास योजना से बना था घर

पटना/दानापुर, 10 नवंबर 2025:

बिहार की राजधानी पटना से सटे दानापुर इलाके में एक heartbreaking हादसा हुआ है। रविवार देर रात एक मकान की छत अचानक भरभराकर गिर गई, जिसमें एक ही परिवार के पांच सदस्य मलबे के नीचे दबकर मारे गए। मृतकों में पति-पत्नी के अलावा उनकी तीन मासूम संतानें शामिल हैं। यह घर इंदिरा आवास योजना के तहत बना था, जो गरीब परिवारों के लिए सरकारी मदद से निर्मित होता है। घटना के समय परिवार छठ पूजा की तैयारियों में जुटा था, और पूरा 'मालवा' (छठ का सामान) इन पर गिर पड़ा, जिससे बचने का कोई मौका नहीं मिला।

घटना का विवरण:  घटना दानापुर के मानस नया पानापुर गांव की है, जो सारण और पटना जिले की सीमा से सटे दियारा क्षेत्र में स्थित है। यह इलाका नदी किनारे का होने के कारण मिट्टी की संरचना कमजोर रहती है, और बारिश या अन्य कारणों से ऐसे हादसे आम हैं। रविवार रात करीब 11 बजे के आसपास मकान की छत अचानक ढह गई। स्थानीय लोगों के अनुसार, छत गिरने की आवाज इतनी तेज थी कि आसपास के घरों में लोग जाग गए।मलबे में दबकर जिन पांच लोगों की मौत हुई, उनकी पहचान इस प्रकार है:मोहम्मद बबलू (उम्र 35 वर्ष) – परिवार का मुखिया, जो मजदूरी का काम करता था।,रोशन खातून (उम्र 30 वर्ष) – बबलू की पत्नी, घर संभालती थीं।,रुसार (उम्र 12 वर्ष) – बड़ी बेटी, स्कूल जाती थी।,मोहम्मद चांद (उम्र 10 वर्ष) – बेटा, खेलकूद में रुचि रखता था।,चांदनी (उम्र 2 वर्ष) – सबसे छोटी बेटी, मासूम उम्र में ही दुनिया से विदा हो गई।

परिवार छठ व्रत की तैयारियों में व्यस्त था। घर में छठ का पूरा सामान – जैसे ठेकुआ, फल, पूजा की थाली और अन्य 'मालवा' – रखा हुआ था। छत गिरते ही यह सारा सामान परिवार पर जा गिरा, जिससे वे पूरी तरह दब गए। घर का अन्य सामान जैसे बिस्तर, बर्तन और कपड़े भी मलबे के नीचे दबे पड़े हैं। स्थानीय ग्रामीणों ने बताया कि परिवार गरीब था और इंदिरा आवास योजना से मिली मदद से यह मकान बनवाया था। मकान पुराना हो चुका था और रखरखाव की कमी के कारण छत कमजोर पड़ गई थी।

राहत और बचाव कार्य;  सूचना मिलते ही स्थानीय पुलिस और ग्रामीण मौके पर पहुंचे। दानापुर थाना प्रभारी और प्रशासनिक अधिकारी घटनास्थल पर पहुंचकर राहत कार्य शुरू करवाया। मलबा हटाने के लिए जेसीबी मशीन का सहारा लिया गया। रात भर चले बचाव अभियान में शवों को बाहर निकाला गया। सभी शवों को पोस्टमॉर्टम के लिए सदर अस्पताल भेजा गया। पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। प्रारंभिक जांच में छत की खराब गुणवत्ता और पुरानी संरचना को मुख्य कारण बताया जा रहा है।

परिवार और गांव की स्थिति;  मृतक मोहम्मद बबलू का परिवार गांव में अकेला कमाने वाला था। पड़ोसियों ने बताया कि बबलू दिहाड़ी मजदूरी करता था और परिवार की जिम्मेदारी अकेले उठाता था। घटना के बाद गांव में मातम पसरा हुआ है। छठ पूजा का त्योहार चल रहा है, लेकिन इस हादसे ने पूरे इलाके को गमगीन कर दिया। स्थानीय विधायक और प्रशासनिक अधिकारी परिवार को मुआवजा देने की घोषणा कर चुके हैं। बिहार सरकार की ओर से प्रधानमंत्री राहत कोष से मदद की बात कही जा रही है।

इसी तरह के हादसे और सावधानियां;  बिहार के ग्रामीण इलाकों में इंदिरा आवास योजना के तहत बने हजारों मकान अब पुराने हो चुके हैं। बारिश के मौसम में मिट्टी की छतें अक्सर गिरती हैं, जिससे जान-माल का नुकसान होता है। विशेषज्ञों का कहना है कि सरकारी योजनाओं में गुणवत्ता जांच और नियमित रखरखाव जरूरी है। दियारा क्षेत्र में नदी का कटाव भी मकानों को कमजोर बनाता है।