पचपदरा रिफाइनरी में कार्यरत मजदूर की करंट लगने से हुई मौत,अस्पताल के बाहर सर्व समाज का आक्रोश.

पचपदरा रिफाइनरी में कार्यरत मजदूर पुखराज प्रजापत की करंट लगने से हुई दुखद मृत्यु ने एक परिवार को गहरे दर्द में डुबो दिया। इस हादसे ने कंपनी की लापरवाही को उजागर किया, जिसके विरोध में सर्व समाज ने 24 अगस्त 2025 को नाहटा अस्पताल के बाहर प्रदर्शन किया। पीड़ित परिवार के लिए न्याय और मुआवजे की मांग ने सबके दिलों को झकझोर दिया, जो मजदूरों की सुरक्षा के लिए बेहतर कदमों की पुकार बन गया।

Aug 24, 2025 - 12:31
पचपदरा रिफाइनरी में कार्यरत मजदूर की करंट लगने से हुई मौत,अस्पताल के बाहर सर्व समाज का आक्रोश.

राजस्थान के बालोतरा जिले में स्थित पचपदरा रिफाइनरी में 23 अगस्त 2025 को एक दुखद हादसा सामने आया, जिसमें एक निजी कंपनी में कार्यरत मजदूर पुखराज प्रजापत की विद्युत करंट लगने से असामयिक मृत्यु हो गई। पुखराज, जो पाटोदी गांव के निवासी थे, रिफाइनरी के परिसर में काम कर रहे थे जब यह हादसा हुआ। इस घटना ने स्थानीय समुदाय में आक्रोश और दुख की लहर दौड़ा दी, जिसके परिणामस्वरूप 24 अगस्त 2025 को सैकड़ों लोग नाहटा अस्पताल की मोर्चरी के बाहर एकत्र हुए और पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की मांग को लेकर धरना-प्रदर्शन किया।

घटना का विवरण:

जानकारी के अनुसार, पुखराज प्रजापत रिफाइनरी में एक निजी कंपनी के तहत कार्य कर रहे थे। शुक्रवार रात को कार्य के दौरान उन्हें विद्युत करंट का झटका लगा, जिसके कारण उनकी मौके पर ही मृत्यु हो गई। मृतक के शव को पोस्टमार्टम के लिए बालोतरा के नाहटा अस्पताल लाया गया। इस हादसे ने रिफाइनरी में कार्यरत अन्य मजदूरों और स्थानीय लोगों में गुस्सा भड़का दिया, जो इसे कंपनी की लापरवाही का परिणाम मान रहे हैं।

सर्व समाज का प्रदर्शन:

24 अगस्त 2025 को सुबह से ही नाहटा अस्पताल के बाहर सर्व समाज के लोग और मृतक के परिजन धरने पर बैठ गए। प्रदर्शनकारियों ने कंपनी प्रबंधन पर सुरक्षा मानकों की अनदेखी का आरोप लगाया और मांग की कि पीड़ित परिवार को उचित मुआवजा, नौकरी, और अन्य आर्थिक सहायता प्रदान की जाए। धरने में शामिल लोगों ने प्रशासन से इस मामले में त्वरित कार्रवाई और दोषियों के खिलाफ सख्त कदम उठाने की मांग की। सोशल मीडिया पर भी इस घटना को लेकर व्यापक चर्चा हुई, जिसमें कई लोगों ने पीड़ित परिवार के प्रति संवेदना व्यक्त की और प्रशासन से न्याय की गुहार लगाई।

 प्रशासन और पुलिस की भूमिका:

हादसे की सूचना मिलते ही पचपदरा पुलिस और स्थानीय प्रशासन के अधिकारी मौके पर पहुंचे। प्रदर्शनकारियों और कंपनी प्रतिनिधियों के बीच वार्ता कराने की कोशिश की गई। पुलिस ने स्थिति को नियंत्रित करने के लिए भारी जाप्ता तैनात किया, ताकि कोई अप्रिय घटना न हो। हालांकि, प्रदर्शनकारी अपनी मांगों पर अड़े रहे और परिवार के लिए तत्काल आर्थिक सहायता और नौकरी की मांग करते रहे।

रिफाइनरी में सुरक्षा चिंताएं:

पचपदरा रिफाइनरी, जो हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (HPCL) और राजस्थान सरकार की साझेदारी में बन रही है, पहले भी विवादों में रही है। यह रिफाइनरी राजस्थान के आर्थिक विकास के लिए एक महत्वपूर्ण परियोजना है, लेकिन इसके निर्माण के दौरान मजदूरों की सुरक्षा को लेकर कई बार सवाल उठ चुके हैं। हाल के वर्षों में रिफाइनरी में कई हादसे सामने आए हैं, जिनमें मजदूरों की मृत्यु हुई है। इनमें से कुछ मामलों में पाइपलाइन के नीचे दबने या अन्य दुर्घटनाओं के कारण मजदूरों की जान गई। इन घटनाओं ने रिफाइनरी प्रबंधन पर सुरक्षा उपायों को और सख्त करने का दबाव बढ़ा दिया है।

सामाजिक और राजनीतिक प्रतिक्रिया:

इस हादसे ने स्थानीय स्तर पर व्यापक चर्चा को जन्म दिया है। सोशल मीडिया पर कई लोगों ने इस घटना को दुखद बताते हुए प्रशासन और कंपनी प्रबंधन से जवाबदेही की मांग की है। कुछ स्थानीय नेताओं ने भी इस मामले में हस्तक्षेप करते हुए पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की बात कही है। प्रदर्शनकारियों ने मांग की है कि कंपनी न केवल मुआवजा दे, बल्कि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए।

पुखराज प्रजापत की असामयिक मृत्यु ने पचपदरा रिफाइनरी में कार्यरत मजदूरों की सुरक्षा और कामकाजी परिस्थितियों पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। यह घटना न केवल एक परिवार के लिए त्रासदी है, बल्कि यह रिफाइनरी जैसे बड़े प्रोजेक्ट्स में मजदूरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की आवश्यकता को भी रेखांकित करती है। प्रशासन और कंपनी प्रबंधन से उम्मीद की जा रही है कि वे इस मामले में त्वरित और पारदर्शी कार्रवाई करेंगे, ताकि पीड़ित परिवार को न्याय मिले और भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो

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